मेरा प्रिय लेखक हिंदी निबंध Essay On My Favorite Writer In Hindi

Essay On My Favorite Writer In Hindi: हिंदी में अनेक महान लेखक हैं। सबकी अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। उन्होंने उत्तम कोटि के साहित्य का निर्माण कर सारे संसार में नाम कमाया है, किंतु इन सबमें मुझे सबसे अधिक प्रिय है हिंदी कथा-साहित्य के अमर सम्राट मुंशी प्रेमचंदजी ।

 Essay On My Favorite Writer In Hindi

मेरा प्रिय लेखक पर हिंदी में निबंध Essay On My Favorite Writer In Hindi

प्रेमचंदजी लोकजीवन के कथाकार है। किसानों, हरिजनों और दलितों के जीवन पर उन्होंने अपनी कलम चलाई। किसानों के दुःख, उनके जीवन संघर्ष, उन पर होनेवाले जमीनदारों के जुल्म आदि को उन्होंने स्वाभाविक ढंग से पढ़े-लिखे समाज के सामने रखा। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय किसानों के अंधविश्वास, अशिक्षा, करुणा, प्रेम और सहानुभूति के भी वास्तविक चित्र प्रस्तुत किए। इस प्रकार प्रेमचंदजी का साहित्य भारत के ग्रामीण जीवन का दर्पण है

कहानियाँ और उपन्यास

प्रेमचंदजी की कहानियाँ बड़ी सरल, सरस और मार्मिक हैं। ‘कफन’, ‘बोध’, ‘ईदगाह’, ‘सुजान भगत’, ‘नमक का दारोगा’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘बड़े घर की बेटी’, ‘दूध का दाम ‘पूस की रात’ आदि अनेक कहानियों में प्रेमचंदजी की स्वाभाविक और रोचक शैली के दर्शन होते हैं। उनके उपन्यास भी बेजोड़ हैं। ‘गोदान’ तो किसानों के जीवन का महाकाव्य ही है। ‘गबन’ में मध्यम वर्ग के समाज का मार्मिक चित्र अंकित हुआ है। रंगभूमि’, ‘सेवासदन’, ‘निर्मला’ आदि उपन्यासों ने प्रेमचंदजी और उनकी कला को अमर बना दिया है। सचमुच, प्रेमचंदजी के साहित्य को पढ़ने से सद्गुणों और सुसंस्कारों का विकास होता है।

प्रेमचंदजी का चरित्र-चित्रण अनूठा है। कथोपकथन भी बड़ा स्वाभाविक और सुंदर है। चलती-फिरती मुहावरेदार भाषा उनकी सबसे बड़ी विशेषता है। गांधीजी के विचारों का प्रेमचंदजी पर बड़ा भारी असर पड़ा है। सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन ने उनकी रचनाओं को काफी प्रभावित किया है।

प्रेमचंदजी के साहित्य में राष्ट्रीय जागरण का महान संदेश है, हमारे सामाजिक जीवन के आदर्शों का निरुपण है। देशप्रेम के आदर्शों की झलक है । गुलामी का विरोध और राष्ट्र को उन्नत बनाने की प्रेरणा है। उनकी कलम जाति-पाँति या ऊँच-नीच के भेदभाव तथा प्रांतीयता आदि सामाजिक बुराइयों को दूर करने की सदा कोशिश करती रही थी। साहित्य-सृजन द्वारा वे हिंदू और मुसलमानों की एकता के लिए हमेशा प्रयत्न करते रहे। इस प्रकार साहित्यकार के साथ ही वे बहुत बड़े समाज सुधारक भी थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों में उनकी कलम ने तलवार का काम किया था।

प्रिय होने का कारण

लोकजीवन के ऐसे महान कथाकार और सच्चे साहित्यकार प्रेमचंदजी यदि मेरे प्रिय लेखक हों तो इसमें आश्चर्य ही क्या !

Rakesh More

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मेरा प्रिय साहित्यकार अथवा मुंशी प्रेमचंद पर निबंध | Essay on My Favorite Writer : Munshi Premchand in Hindi

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मेरा प्रिय साहित्यकार अथवा मुंशी प्रेमचंद पर निबंध | Essay on My Favorite Writer : Munshi Premchand in Hindi!

ADVERTISEMENTS:

मुंशी प्रेमचंद मेरे प्रिय एवं आदर्श साहित्यकार हैं । वे हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभ थे जिन्होंने हिंदी जगत को कहानियाँ एवं उपन्यासों की अनुपम सौगात प्रस्तुत की । अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए मुंशी प्रेमचंद उपन्यास सम्राट कहे जाते हैं ।

केवल साहित्यकार ही नहीं अपितु सच्चे अर्थों में समाज सुधारक भी कहे जा सकते हैं क्योंकि अपनी रचनाओं में उन्होंने भारतीय ग्राम्य जीवन के शोषण, निर्धनता, जातीय दुर्भावना, विषाद आदि विभिन्न रंगों का जो यथार्थ चित्रण किया है उसे कोई विरला ही कर सकता है ।

भारत के दर्द और संवेदना को उन्होंने भली-भाँति अनुभव किया और उसके स्वर आज भी उनकी रचनाओं के माध्यम से जन-मानस में गूँज रहे हैं । प्रेमचंद जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लमही नामक ग्राम में सन् 1880 ई॰ को एक कायस्थ परिवार में हुआ था । उनके पिता श्री अजायब राय तथा माता आनंदी देवी थीं । प्रेमचंद जी का वास्तविक नाम धनपत राय था । परंतु बाद में साहित्य जगत में वे ‘मुंशी प्रेमचंद’ के रूप में प्रख्यात हुए ।

प्रेमचंद जी ने प्रारंभ से ही उर्दू का ज्ञान अर्जित किया । 1898 ई॰ में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् वे सरकारी नौकरी करने लगे । नौकरी के साथ ही उन्होंने अपनी इंटर की परीक्षा भी उत्तीर्ण की । बाद में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रभाव से उन्होंने सरकारी नौकरी को तिलांजलि दे दी तथा बस्ती जिले में अध्यापन कार्य करने लगे । इसी समय उन्होंने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की ।

मुंशी प्रेमचंद ने आरंभ में उर्दू में अपनी रचनाएँ लिखीं जिसमें सफलता भी मिली परंतु भारतीय जनमानस के रुझान को देखकर उन्होंने हिंदी में साहित्य कार्य की शुरुआत की । परिवार में बहुत गरीबी थी, बावजूद इसके उन्होंने अपनी रचनाधर्मिता से कभी मुख न मोड़ा । वे अपनी अधिकतर कमाई साहित्य को समर्पित कर दिया करते थे । निरंतर कार्य की अधिकता एवं खराब स्वास्थ्य के कारण वे अधिक समय तक अध्यापन कार्य जारी न रख सके ।

1921 ई॰ में उन्होंने साहित्य जगत में प्रवेश किया और लखनऊ आकर ‘माधुरी’ नामक पत्रिका का संपादन प्रारंभ किया । इसके पश्चात् काशी से उन्होंने स्वयं ‘हंस’ तथा ‘जागरण’ नामक पत्रिका का संचालन प्रारंभ किया परंतु इस कार्य में उन्हें सफलता नहीं मिल सकी । घर की आर्थिक विपन्नता की स्थिति में कुछ समय के लिए उन्होंने मुंबई में फिल्म-कथा लेखन का कार्य भी किया ।

अपने जीवनकाल में उन्होंने पत्रिका के संचालन व संपादन के अतिरिक्त अनेकों कहानियाँ व उपन्यास लिखे जो आज भी उतने ही प्रासंगिक एवं सजीव लगते हैं जितने उस काल में थे । मात्र 56 वर्ष की अल्पायु में हिंदी साहित्य जगत का यह विलक्षण सितारा चिरकाल के लिए निद्रा निमग्न हो गया ।

मुंशी प्रेमचंद जी ने अपने अल्प साहित्यिक जीवन में लगभग 200 से अधिक कहानियाँ लिखीं जिनका संग्रह आठ भागों में ‘मानसरोवर’ के नाम से प्रकाशित है । कहानियों के अतिरिक्त उन्होंने चौदह उपन्यास लिखे जिनमें ‘गोदान’ उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति है । इसके अतिरिक्त रंगभूमि, सेवासदन, गबन, प्रेमाश्रम, निर्मला, कायाकल्प, प्रतिज्ञा आदि उनके प्रचलित उपन्यास हैं ।

ये सभी उपन्यास लेखन की दृष्टि से इतने सजीव एवं सशक्त हैं कि लोग मुंशी जी को ‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि से सम्मानित करते हैं । कहानी और उपन्यासों के अतिरिक्त नाटक विद्‌या में भी प्रेमचंद जी को महारत हासिल थी ।‘चंद्रवर’ इनका सुप्रसिद्‌ध नाटक है । उन्होंने अनेक लोकप्रिय निबंध, जीवन चरित्र तथा बाल साहित्य की रचनाएँ भी की हैं ।

उर्दू भाषा का सशक्त ज्ञान होने के कारण उन्होंने अपनी प्रारंभिक रचनाएँ उर्दू भाषा में लिखीं परंतु बाद में उन्होंने हिंदी में लिखना प्रारंभ कर दिया । उनकी रचनाओं में उर्दू भाषा का प्रयोग सहजता व रोचकता लाता है ।

प्रेमचंद जी की उत्कृष्ट रचानाओं के लिए यदि उन्हें ‘उपन्यास सम्राट’ के स्थान पर साहित्य सम्राट की उपाधि दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । मुंशी प्रेमचंद के पात्रों के वर्ग प्रतिनिधित्व को सहजता से देखा जा सकता है । वे समाज का चित्रण इतने उत्कृष्ट ढंग से करते थे कि संपूर्ण यथार्थ सहजता से उभर कर मस्तिष्क पटल पर चित्रित होने लगता था ।

ऐसे महान उपन्यासकार, नाटककार व साहित्यकार के लिए इससे बढ़कर और बड़ी श्रद्‌धांजलि क्या होगी कि उनकी मृत्यु के आठ दशकों बाद भी उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता पूर्ववत् बनी हुई है । हजारों की संख्या में लोग उनकी रचनाओं व शैली पर शोध कर रहे हैं । वह निस्संदेह हमारे हिंदी साहित्य का गौरव थे, हैं और सदैव ही रहेंगे ।

प्रेमचंद जी की रचनाओं में समाज के सबसे उपेक्षित वर्ग की समस्याओं को यथार्थ के धरातल पर प्रस्तुत किया गया है । गोदान का पात्र ‘होरी’ भारतीय किसानों की दु:ख-सुख से भरी संपूर्ण जीवन यात्रा का आदर्श प्रतिनिधित्व करता है । प्रेमचंद तत्कालीन समाज की सभी समस्याओं, उसके सभी पक्षों को छूने वाले समर्थ रचनाकार कहलाते हैं ।

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दा इंडियन वायर

मेरा प्रिय कवि पर निबंध

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By विकास सिंह

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आदमी सदियों से लिखता आ रहा है। विभिन्न लेखकों द्वारा विभिन्न विषयों पर कई किताबें लिखी गई हैं। ये पुस्तकें ज्ञान का एक बिजलीघर हैं। वे हमें अतीत से परिचित कराते हैं, हमें भविष्य के प्रति सचेत करते हैं और वर्तमान क्षण को पूर्णता से जीने में हमारी मदद करते हैं।

विषय-सूचि

मेरा प्रिय कवि तुलसीदास पर निबंध, my favourite poet essay in hindi (200 शब्द)

‘मेरा पसंदीदा कवि – तुलसीदास’

तुलसीदास हिंदी साहित्य के अमर कवि होने के साथ-साथ मेरे प्रिय कवि भी हैं। भक्तिकालीन कवियों में कबीर, सूर, तुलसी, मीारा और आधुनिक कवियों में मैथलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा जैसे कुछ कवियों का रसास्वादन किया है। इन सबको अध्ययन करते समय जिस कवि की भक्ति भावना ने मुझे अभिभूत कर दिया उसका नाम है-महाकवि तुलसीदास।

तुलसीदास मुझे सर्वश्रेष्ठ कवि लगते हैं क्योंकि भगवान श्रीराम के शील, सौंदर्य व भक्ति का जो समन्वित तथा सगुण रूप तुलसीदास ने प्रस्तुत किया है वह अद्‌वितीय है ।

तुलसी के काव्य में अद्‌भुत लालित्य व माधुर्य देखने को मिलता है । इसके अतिरिक्त कर्म और ज्ञान की जो धारा इनके वाक्य में दृष्टिगोचर होती है वह अलौकिक तथा समस्त प्राणियों का दु:ख-संताप हरने वाली है।

महाकवि तुलसीदास ने भाषा-शैली का समन्वय करके भाषायी झगड़े, समान्त करने का भी सार्थक प्रयास किया। रामचरित मानस आदि की रचना यदि साहित्यिक अवधी में की तो ‘जानकीमंगल’, पार्वतीमंगल और रामलला नहछू आदि लोक प्रचलित अवधी भाषा को अपनाया।

तुलसीदास मूलत: भक्तियुग की सगुण धारा के कवि थे परंतु उनके काव्य में निर्गुण-सगुण दोनों का ही समन्वय देखने को मिलता है।

निष्कर्ष:

सचमुच तुलसीदास अपनी भक्ति के अतिरिक्त अपने ज्ञान, अपनी दक्षता के मामले में भी अद्‌वितीय कहे जा सकते हैं । आज तक हिंदी साहित्य जगत् में उनकी जोड़ का दूसरा कवि नहीं हुआ जो पूरे हिंदुस्तान में इतना प्रभाव अपने साहित्य के माध्यम से छोड़ पाया हो।

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध, my favourite writer essay in hindi (300 शब्द)

‘मेरे पसंदीदा लेखक – आर.के. नारायण’

प्रस्तावना :

मेरे पसंदीदा लेखक आर.के. नारायण। वह अंग्रेजी भाषा में लिखने वाले पहले और सबसे लोकप्रिय भारतीय उपन्यासकारों में से एक थे। कहानी सुनाने का उनका तरीका त्रुटिहीन था। उनके द्वारा लिखी गई कहानियाँ सरल और आकर्षक हैं।

के। नारायण: जीवन और काम आर.के. नारायण का जन्म वर्ष 1906 में मद्रास में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्हें कम उम्र से ही पढ़ना पसंद था। अंग्रेजी साहित्य में उनकी विशेष रुचि थी। वह लूथरन मिशनरी स्कूल गए जहाँ उन्हें ईसाई छात्रों से भेदभाव का सामना करना पड़ा। इसने उन्हें एक बच्चे के रूप में गहराई से प्रभावित किया। हालाँकि, उन्होंने समर्पण के साथ अध्ययन जारी रखा।

उन्होंने शुरू में एक शिक्षक का पेशा चुना। हालांकि, उन्होंने जल्द ही इसे लेखन में अपना करियर बनाने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कई शानदार कहानियाँ लिखी हैं।

मालगुडी डेज़ नाम से एक टी.वी सीरीज़ का निर्माण आर.के. पर आधारित था। नारायण की कहानियाँ। इसे दर्शकों से काफी सराहना मिली।

आर.के. नारायण: मेरे सभी समय के पसंदीदा लेखक

आर.के. नारायण की कहानियाँ ज्यादातर एक काल्पनिक शहर में निर्धारित की जाती थीं, जिसका नाम मालगुडी था। उनकी सभी कहानियां और उपन्यास नियमित घटनाओं के बारे में बात करते हैं। पात्र ज्यादातर साधारण गाँव के लोग होते हैं। उनकी कहानियों को न केवल भारत में सराहा गया, बल्कि दुनियाभर में सराहा गया।

मुझे उनका उपन्यास ’स्वामी एंड फ्रेंड्स’ पढ़ना बहुत पसंद था। मुझे इस उपन्यास में सभी पात्रों और घटनाओं की बारी पसंद थी। द डार्क रूम, द वेंडर ऑफ स्वीट्स, मालगुडी डेज़, द इंग्लिश टीचर, श्री संपत, ए हॉर्स, एंड टू गोट्स, द वर्ल्ड ऑफ नागराज, दादी की कहानी, बरगद के पेड़ के नीचे और अन्य कहानियाँ और महात्मा की प्रतीक्षा में से कुछ हैं। नारायण द्वारा अन्य रचनाएँ जिन्हें पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा। वे सभी हमारी संस्कृति में निहित हैं और भारत के सच्चे सार को दर्शाते हैं।

आर.के. नारायण की कहानियाँ तरोताज़ा करने वाली होती हैं। उन्होंने अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण पुरस्कार और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। अंग्रेजी में लिखने वाले पहले भारतीय लेखकों में से एक होने के नाते, नारायण ने बाकी दुनिया को भारतीय संस्कृति की सादगी से परिचित कराया।

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध, my favourite writer essay in hindi (400 शब्द)

‘मेरे पसंदीदा लेखक – रवींद्रनाथ टैगोर’

मेरे पसंदीदा लेखक रवींद्रनाथ टैगोर हैं। मैंने इस लेखक के कारण पढ़ने में रुचि विकसित की। एक छोटे बच्चे के रूप में, मेरी माँ अक्सर सोते समय रवींद्रनाथ टैगोर की कहानियाँ सुनाती थीं। मैं उनकी कहानियों पर मोहित था।

उनकी प्रत्येक कहानी में एक छिपा हुआ पाठ है जिसने मुझे चीजों को एक अलग दृष्टिकोण से देखने में मदद की। उन्होंने मुझे एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया।

रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित मेरी पसंदीदा पुस्तकें

जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मैंने उनकी कहानियों को पढ़ना शुरू किया। मुझे हर पखवाड़े मेरी स्कूल लाइब्रेरी से जारी उनकी किताबें मिलती हैं। मैंने उन्हें अपने खाली समय के दौरान पढ़ा। मैंने उनकी कई लघु कथाएँ, उपन्यास और नाटक पढ़े हैं।

गीतांजलि, द होम एंड द वर्ल्ड, द हाउसवाइफ, द रिवर सीढ़ियां, बलिदान, द रॉयल सेज, द रिफ्ट, द रेनैनेशन, द यंग क्वीन मार्केट, द स्केलटन, किंग एंड क्वीन, नेचर रिवेंज, द प्ले ऑफ इल्यूशन्स, द रॉयल सेज , द डिवाइड, रिटर्न ऑफ़ लिटिल मास्टर, माई लॉर्ड, माई लॉर्ड, द पोस्टमास्टर, द टेल ऑफ़ फैंटेसी, एन एब्सर्ड स्टोरी, द ट्रस्ट प्रॉपर्टी, द घाट की स्टोरी, डेट्स एंड डेट्स, दलिया और द विक्ट्री रबींद्रनाथ टैगोर के बारे में लिखी गई हैं। मेरे पसंदीदा।

मैंने उनकी कई कविताएँ भी पढ़ी हैं। उनकी कविता मंत्रमुग्ध करने वाली और प्रेरणादायक है। उनकी कई और किताबें हैं जो मुझे अभी भी पढ़नी हैं और मैं इसके लिए उत्सुक हूं।

रवींद्रनाथ टैगोर का समाज में योगदान

एक लेखक के रूप में ही नहीं, मैं एक व्यक्ति के रूप में रवींद्रनाथ टैगोर से भी प्यार और सम्मान करता हूं। बंगाली लेखक अपने देश, भारत से प्यार करता था और उसकी बेहतरी के लिए काम करता था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से एक क्रांति लाने की कोशिश की।

हालाँकि वह एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखता था, लेकिन वह गरीब था और गरीब वर्ग के लिए एक नरम कोना था। वह बहुत दयालु और सौम्य इंसान थे। उन्होंने गरीबों के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने लोगों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि यह बेहतर जीवन जीने के लिए आवश्यक था।

उन्होंने भले ही एक शानदार जीवन व्यतीत न किया हो, लेकिन उन्होंने अपने देश और अपने देशवासियों की सेवा करने का फैसला किया। इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए वह कई कठिनाइयों से गुजरे।

रवींद्रनाथ टैगोर न केवल एक लेखक थे, बल्कि एक संगीतकार, चित्रकार, धार्मिक सुधारक, शिक्षाविद और सांस्कृतिक नेता भी थे। वह एक सच्चे देशभक्त थे। उन्हें अपने देश के लिए और अपने देशवासियों के लिए प्यार के लिए बहुत सम्मान था। हालाँकि उनके पास व्यक्तिगत रूप से परेशान करने वाली ज़िंदगी थी, लेकिन प्रेरणादायक किताबें लिखने और अपने आसपास के लोगों के लिए काम करने की उनकी भावना कम नहीं हुई।

मेरा प्रिय साहित्यकार पर निबंध, my favourite writer essay in hindi (500 शब्द)

‘मेरे पसंदीदा लेखक – एनल बाइटन’

एनिड ब्लीटन द्वारा लिखे गए उपन्यास मेरे सभी समय के पसंदीदा हैं। उसकी कहानियाँ मुझे घंटों तक गुदगुदाती रहती हैं। वे मुझे पूरी नई दुनिया में ले जाते हैं और मैं इससे बाहर नहीं आना चाहता। उसने बड़े पैमाने पर लिखा है और मैंने उसकी कई किताबें पढ़ी हैं।

एनीड ब्लीटन – जीवन एवं कार्य:

एनिड ब्लीटन का जन्म 1897 में पूर्वी डुलविच, लंदन में हुआ था। वह सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासकार और कवि हैं। उसने चार दशकों से अधिक समय तक लिखा और कई दिलचस्प कहानी की किताबें और उपन्यास लिखे। कई बार, उसने एक साल में पचास से अधिक किताबें लिखीं। उनके लेखन की गति आश्चर्यजनक थी और अक्सर कहा जाता था कि उनके पास भूत-लेखक थे जिन्होंने उन्हें काम में मदद की। हालांकि, ब्लीटन ने इन आरोपों से इनकार किया।

उसने कल्पना, साहसिक, रहस्य और शिक्षा सहित कई शैलियों पर लिखा है। उनकी किताबें दुनिया भर में सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों में से हैं। वे आज भी उतनी ही दिलचस्पी लेते हैं, जितनी कि 1930 और 40 के दशक में। उनकी पुस्तकों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनका अनुवाद 90 भाषाओं में किया गया है और दुनिया भर में प्रसारित किया गया है।

हालांकि, काम के मोर्चे पर चीजें बेलीटन के लिए हमेशा रोसी नहीं थीं। उनके काम को बहुत आलोचना भी मिली। इसे नस्लवादी, सेक्सिस्ट और संभ्रांतवादी करार दिया गया। हालांकि, उसने आलोचना के बावजूद कहानियों को स्पिन करना जारी रखा और उनकी लोकप्रियता केवल बढ़ती रही। कई फिल्में, नाटक और टेलीविजन शो उनके लेखन पर आधारित रहे हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तकें एनिड ब्लीटन द्वारा लिखित :

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं, जो एनिड बॉल्टन द्वारा लिखी गई हैं। जबकि मैं उन सभी को पढ़ना पसंद करता था, उनमें से मेरा पसंदीदा द फेमस फाइव सीरीज, सीक्रेट सेवन सीरीज़, द एनचांटेड वुड एंड एडवेंचर्स ऑफ द विशिंग चेयर सीरीज़ हैं।

मुझे विशेष रूप से फेमस फाइव सीरीज बहुत पसंद है। श्रृंखला ऐनी, जूलियन, जॉर्जीना, डिक और उनके कुत्ते, टिम्मी के कारनामों का वर्णन करती है। ये युवा बच्चे विभिन्न साहसिक स्थानों पर जाते हैं और जटिल रहस्यों को सुलझाने के लिए अपराध दृश्यों का पता लगाते हैं।

कहानियाँ आमतौर पर ग्रामीण इलाकों की पृष्ठभूमि में सेट की जाती हैं जहाँ ये बच्चे अपनी छुट्टियों के दौरान कैम्पिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए जाते हैं। वे अपने आसपास होने वाली अजीब चीजों के बारे में पता लगाते हैं और रहस्य को सुलझाने के लिए मिशन पर निकल जाते हैं। फेमस फाइव सीरीज में 21 किताबें हैं और इनमें से प्रत्येक की कहानी पेचीदा और मनोरंजक है।

मैंने इनमें से 15 पढ़े हैं। जब तक मैं उन्हें पढ़ना समाप्त नहीं कर लेता, मैं इन पुस्तकों पर अपनी नज़रें नहीं जमा सकता। मैंने इनमें से अधिकांश उपन्यासों को 3 दिनों से भी कम समय में समाप्त कर दिया है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तकें फाइव गो एडवेंटिंग अगेन और फाइव ऑन ए ट्रेजर आईलैंड हैं। यह श्रृंखला इतनी लोकप्रिय हुई कि उनके आधार पर एक टीवी श्रृंखला बनाई गई।

अन्य पुस्तकें जिन्हें मैंने पढ़ने में आनंद लिया, उनमें मि. गैलियानो के सर्कस, सर्कस डेज अगेन, द हैप्पी हाउस चिल्ड्रन, द चिल्ड्रेन ऑफ विलो फार्म, मिस्टलेटो फार्म में सिक्स कजिन, सिक्स कजिन्स द बटरक्री फार्म फैमिली, द क्वीन एलिजाबेथ फैमिली, सीसाइड फैमिली, और नॉटी अमेलिया जेन।

एनिड द्वारा लिखित पुस्तकों को पढ़ना मेरा पसंदीदा शौक है। जब भी मेरे पास खाली समय होता है, मैं उनकी एक किताब ले लेता हूं। यह मेरे लिए कायाकल्प करने का एक शानदार तरीका है। मैं इस अंग्रेजी लेखक का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध, my favourite writer essay in hindi (600 शब्द)

‘मेरी पसंदीदा लेखक – जे.के. राउलिंग ‘

प्रस्तावना:

मैंने कई लेखकों द्वारा किताबें पढ़ी हैं लेकिन कोई भी काम उतना आकर्षक और दिलचस्प नहीं है जितना कि जे.के. राउलिंग। जोआन राउलिंग के रूप में जन्मे, इस ब्रिटिश लेखक ने पेन नाम जे.के. राउलिंग के तहत लिखा। उनकी कई रचनाएँ रॉबर्ट गैलब्रेथ के नाम से प्रकाशित हुईं। उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं लेकिन मेरा पसंदीदा हैरी पॉटर सीरीज है। इस सीरीज़ को दुनिया भर में पसंद किया जाता है और उसे काफी प्रसिद्धि मिली।

हैरी पॉटर श्रृंखला:

मुझे राउलिंग का हैरी पॉटर सीरीज़ बहुत पसंद है। उसने फैंटसी शैली के साथ पूरा न्याय किया है। पूरी श्रृंखला एक युवा लड़के, हैरी पॉटर के जीवन के चारों ओर घूमती है, जो विभिन्न कठिन परिस्थितियों से गुजरता है और उनके साथ बहादुरी से पेश आता है। वह विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए अपने तेज दिमाग और जादुई शक्तियों का उपयोग करता है। श्रृंखला में कई अन्य दिलचस्प चरित्र भी शामिल हैं।

श्रृंखला की पहली पुस्तक में, हैरी पॉटर और द फिलॉसोफ़र्स स्टोन, हैरी पॉटर और उनके दोस्तों को हॉगवर्ट्स स्कूल ऑफ़ विचक्रिक एंड विजार्ड्री में प्रवेश मिलता है। हैरी लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट से मिलता है, जिसने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। वह पॉटर को मारने के लिए वापस आता है लेकिन अपने मिशन में विफल रहता है। पॉटर हर बार भागने का प्रबंधन करता है और वोल्डेमॉर्ट एक जाल सेट करता है।

हैरी पॉटर एंड द चैम्बर ऑफ सीक्रेट्स, श्रृंखला की दूसरी पुस्तक हॉगवर्ट्स स्कूल में पॉटर के दूसरे वर्ष की जानकारी देती है। कहानी दिलचस्प हो जाती है क्योंकि स्कूल की दीवारें चेतावनी संदेशों के साथ उत्कीर्ण हो जाती हैं और विद्यार्थियों पर हमला किया जाता है। पॉटर और उसके दोस्त हर्मोइन और रॉन रहस्य को सुलझाने की कोशिश करते हैं।

हैरी पॉटर और प्रिजनर ऑफ अज़काबान, तीसरी किताब एक दिलचस्प चरित्र, सीरियस ब्लैक का परिचय देती है। वह फरार कैदी है। पॉटर और उसके दोस्त यह जानने की कोशिश करते हैं कि यह व्यक्ति कौन है और वह क्या चाहता है।

चौथी पुस्तक में हैरी पॉटर एंड द गॉब्लेट ऑफ फायर, पॉटर ने हॉगवर्ट्स स्कूल द्वारा आयोजित त्रिविक्रम टूर्नामेंट में भाग लिया। ट्रायवॉगर टूर्नामेंट, साथ ही साथ होने वाली घटनाएं काफी दिलचस्प हैं।

हैरी पॉटर एंड द ऑर्डर ऑफ द फीनिक्स, श्रृंखला की पांचवीं पुस्तक, रॉन को ग्रीफाइंडर क्विडिच टीम के रक्षक के रूप में दिखाता है। यह श्रृंखला की सबसे लंबी किताब है और कई मोड़ और मोड़ के साथ भरी हुई है। श्रृंखला में छठी पुस्तक में, हैरी पॉटर और द हाफ-ब्लड प्रिंस, पॉटर वोल्डेमॉर्ट के खिलाफ अपनी अंतिम लड़ाई के लिए तैयार हो जाता है।

पॉटर और लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट के बीच अंतिम लड़ाई श्रृंखला में सातवीं पुस्तक, हैरी पॉटर और डेथली हैलोज़ में दिखाई गई है। पुस्तक कई अतीत के रहस्यों को भी उजागर करती है।

जोन रॉलिंग – जीवन एवं कार्य :

जोआन राउलिंग का जन्म येट, ग्लॉस्टरशायर में हुआ था। एक युवा महिला के रूप में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वह तलाक से गुज़री और उसे अपने बच्चे का पालन-पोषण करना पड़ा। उसे एक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा और वह लगभग लत्ता में थी।

हालाँकि, वह कड़ी मेहनत करती रही। उन्होंने हैरी पॉटर श्रृंखला में पहली पुस्तक का प्रारूप लिखा था, लेकिन इसे लंबे समय तक प्रकाशित नहीं किया जा सका। उसे कई प्रकाशकों से अस्वीकृति का सामना करना पड़ा।

हालांकि निराश, जोआन ने हार नहीं मानी और आखिरकार, उसकी कड़ी मेहनत का भुगतान किया गया। हैरी पॉटर एंड द फिलोसोफ़र्स स्टोन, हैरी पॉटर श्रृंखला में जोआन का पहला उपन्यास 1997 में प्रकाशित हुआ था और इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। उसका जीवन पटरी पर लौट रहा था।

वह अब अच्छी जीवनशैली अपना सकती है और अपने बच्चे को एक उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर सकती है। इसने उन्हें इसके सीक्वल को लिखने के लिए प्रेरित किया, जिसे खूब सराहा गया। सीक्वल की सफलता ने उसे और लिखने के लिए प्रेरित किया और वह हैरी पॉटर श्रृंखला के छह सीक्वल लेकर आई।

आखिरी एक 2007 में प्रकाशित हुई थी। ये सभी उसके छद्म नाम जे के राउलिंग के तहत लिखे गए थे। उसने अन्य पुस्तकें भी लिखी हैं। ये कलम नाम रॉबर्ट गैलब्रेथ के तहत लिखे गए थे।

राउलिंग की लेखनी पेचीदा है और उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक है। मैं बस उसके लेखन से प्यार करता हूँ और उस व्यक्ति के लिए उसे प्यार करता हूँ जो वह है। मैं विशेष रूप से उनके निर्भीक निश्चय का प्रशंसक हूं और कभी भी मर मिटने की बात नहीं कहता।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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किरदार बहुत वास्तविक हैं, इस तथ्य को छोड़कर कि उनके पास जादुई रक्त है। अन्यथा, वे बहुत ही भरोसेमंद हैं, विशेष रूप से उनकी नियमित, रोजमर्रा की किशोरावस्था और पूर्व-किशोर समस्याओं के संदर्भ में। वे अनिश्चित नहीं हैं, वे ठीक उसी तरह हैं जैसे वे अपनी उम्र के अनुसार हैं।

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मेरा प्रिय लेखक पर निबंध

Essay on My Favourite Author in Hindi : लेखक वो होते हैं, जो अपनी लेखन शैली से हमारे जीवन में रंग भरते हैं और हमें शब्द भंडार से ज्ञान और अच्छी बातो के बारे में बताते हैं। लेखक हमारे आसपास की बातो को हमें लेखन शैली से बताते हैं। 

Essay on My Favourite Author in Hindi

हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (Essay on my favourite author in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

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मेरा प्रिय लेखक पर निबंध | Essay on my favourite author in Hindi

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (250 शब्द) .

लेखक के बारे में हम सब एक ही चीज को जानते हैं कि वो कलम की ताकत से कहानी और किताबे लिखते हैं। एक लेखक अपनी कलम की ताक़त से हमारे आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में बताता हैं। लेखक अपने काम और अपने शब्द बाण से हम वो सभी बाते सीखा जाता हैं, जिसकी हमे तलाश होती हैं। 

शब्द और उनकी भावनाओं के साथ चलने फिरने के साथ वो हमें जीवन की ऐसी बाते बता देते हैं, जो एक शिक्षक भी कई बार हमें नहीं बता पाते हैं। लेखक तो वैसे प्रकार के होते हैं और कई लेखक अपनी लेखनी के लिए विश्व प्रशिद्ध हैं। ऐसे ही मेरे भी एक प्रिय लेखक हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी की वजह से काफी लोगों को दुनिया के उलटे चश्मे से बहार निकाला हैं और लोगों को सही राह दिखाई हैं।

मेरे प्रिय लेखक में सबसे पहले एक ही नाम आता हैं वो हैं तारक मेहता का। आपनी तारक मेहता का नाम सुना होगा काफी अच्छे लेखक हैं। यह वास्तव में काफी शानदार लेखक हैं। इन्होंने अपन लेखनी से काफी कुछ चीजों के बारे में लोगो को बताया हैं।

मेरे प्रिय लेखक काफी शानदार हिंदी भाषा में कवितायें भी लिखते हैं। मेरे प्रिय लेखक तारक मेहता अपनी लेखंकृति से अपने आसपास हो रही घटनाओं के बारे में बताते हैं और लोगों को अवगत कराते हैं। मेरे प्रिय लेखक का मुख्य विषय हैं महंगाई जिन पर वो लिखते हैं। महंगाई पर लिखना मेरा भी पसंदीदा विषय है।

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध (800 शब्द)

हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि कवि और लेखक बनाये नहीं जाते हैं वे जन्मजात से होते हैं। कवि और लेखक जन्म से ही लेखन शैली के बारे में पढना और उन पर रिसर्च करना शुरू कर देते है। लेखन की यह प्रतिभा उन में बचपन से ही फूलती हैं। लेखन की कला में कई ऐसे कवि और लेखक हैं जो रत्न के सामान अनमोल हैं।

हमारे देश में भी कई ऐसे कई हुए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया से लोहा मनवाया हैं। पूरी दुनिया से लोहा मनवाने वाले कवियों में से एक मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद जिनकी नमक का दरोगा कहानी काफी पसंद हैं।

मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद कवि और उपन्यासकार के रूप से जाने जाते हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनका काफी नाम हैं और वे इसी क्षेत्र में काफी प्रशिद्ध भी हैं। मुंशी प्रेमचंद को उपन्यासकार सम्राट भी कहा जाता हैं। मेरे प्रिय कवि ने लेखन के क्षेत्र में काफी काम किया है।

मेरे प्रिय लेखक के बारे में परिचय

मेरे प्रिय लेखक मुशी प्रेमचंद के जीवन परिचय की बात करें तो मुशी प्रेमचंद का नाम वाराणसी के पास लमही गाँव में 31 जुलाई 1880 को हुआ था। मुंशी प्रेमचंद के पिता का नाम अजायब राय और माता का नाम आनंदी देवी था। मुंशी पप्रेमचंद का जीवन काफी अभावो में बिता था।

उन्होंने कक्षा 10 की पढाई करने के बाद कक्षा 12 में असफल होने के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उनका विवाह हो गया। उनकी पहली शादी उनके जीवन के अनुकूल नहीं थी तो उन्होंने दूसरी शादी की उनकी पत्नी का नाम शिवरानी देवी था।

मेट्रिक पास करने के बाद वे एक अध्यापक बन गये और उसके बाद उन्होंने स्नातक की पढाई की, उसमें पास होकर वे दीप्ती इंस्पेक्टर बन गये। इसके बाद इन्होंने आजादी में असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेने के लिए डिप्टी इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ दी। मेरे प्रिय लेखक का 1936 में एक लम्बी बीमारी की वजह से निधन हो गया।

मेरे प्रिय लेखक की रचनायें

उपन्यास : मेरे प्रिय लेखक ने अपने जीवनकाल में कई रचनायें की हैं। उन्होंने जो भी रचनायें की हैं, वो अपने आप में अनोखी हैं। मेरे प्रिय लेखक द्वारा लिखे गये कुछ उपन्यास मेरे प्रिय लेखक के उपन्यास इस प्रकार है: कर्मभूमि, कायाकल्प, निर्मला, प्रतिज्ञा, प्रेमाश्रम, वरदान, सेवासदन, रंगभूमि, गबन और गोदान इत्यादि काफी प्रशिद्ध हैं।

कहानिया : मेरे प्रिय लेखक ने कई कहानियों की रचना की हैं। मेरे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखी गई कुछ कहानियां नवनिधि, ग्रामय जीवन की कहानियां, प्रेरणा, कफन, कुत्ते की कहानी, प्रेम प्रसून, प्रेम पचीसी, प्रेम चतुर्थी, मनमोदक, मानसरोवर, समर यात्रा, सप्त सरोज, अग्नि समाधि, प्रेम गंगा और सप्त समना इत्यादि।

नाटक : मेरे प्रिय लेखक द्वारा लिखे गये कुछ नाटक इस प्रकार हैं कर्बला, प्रेम की वेदी, संग्राम, रूठी रानी इत्यादि हैं। 

मेरे प्रिय लेखक की लेखन शैली

मेरे प्रिय लेखक की लेखन शैली देखे तो उनकी लेखन शैली में काफी सरल भाव और सामान्य शब्दों में अपनी बात को बताने की कला अपने आप में अनूठी हैं। मेरे प्रिय लेखक की कहानियों में रचनाओ में वर्णात्मक और भावनातमक शब्दों का काफी मेल देखने को मिलता है। इसके साथ ही उनकी कविताओं में हास्य भाव का भी बोध होता हैं। 

उसकी कविताओ के एक-एक शब्द में हास्य और परिस्तिथि की सटीकता होती हैं। मेरे प्रिय लेखक अपनी बात की काफी साधारण तरीके से लोगों के सामने प्रकट करने में अपनी प्राथमिकता मानते हैं। मेरे प्रिय लेखक के बारे में यह एक सामान्य बात हैं जो हर कोई जानना चाहेगा। मेरे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद उपन्यास के सम्राट कहे जाते हैं। मेरे प्रिय लेखक कविताओं में वास्तविक भाव की प्रकट करने के प्राथमिकता रखते हैं। इसके साथ ही वे काफी शालीन ही हैं। वे जिंदगी को सामान्य तरीके से जीने में विश्वास रखते थे।

मेरे प्रिय लेखक उपन्यास के सम्राट कहे जाते हैं। उन्होंने आजादी से पहले असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेने के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। उनके द्वारा कई रचनाये की गई हैं जो उनके बाव और जीवनवृतांत को बताती हैं। ऊनि कवियायें और रचनायें काफी अच्छी हैं, जिन्हें आज भी हम पढ़ते हैं और उनके भाव को अपने जीवन में उतारते हैं।

अंतिम शब्द 

हमने यहां पर “मेरे प्रिय लेखक पर निबंध (Essay on my favourite author in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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मेरा प्रिय लेखक प्रेमचंद पर निबंध – Essay on My favorite Writer Premchand in Hindi

My favorite Writer Premchand in Hindi में आपका स्वागत हैं. Essay on My favorite Writer Premchand in Hindi – मेरा प्रिय लेखक प्रेमचंद पर निबंध | mera priya hindi lekhak Nibandh.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए मेरे पसंदीदा कथाकार मुंशी प्रेमचंद के जीवन परिचय, जीवनी निबंध इतिहास को यहाँ संक्षिप्त में जानेगे.

प्रिय लेखक प्रेमचंद निबंध – Essay on My favorite Writer Premchand in Hindi

मेरे प्रिय लेखक प्रेमचंद पर निबंध-.

अपनी सहज एवम उपयोगी रचनाओं के कारण जन- जन के दिलों में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म 1880 में 31 जुलाई के दिन उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर के लम्ही गांव में पिता अजायब लाल शर्मा और माता अंजनी देवी शर्मा के परिवार में हुआ था। 

आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इन्हे बचपन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था और इनके ऊपर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा, जब बचपन में ही इनकी माता की मौत हो गई।

इसके बाद तो इनकी परेशानी काफी बढ़ गई। आगे चलकर के इन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट की एजुकेशन हासिल की साथ ही इनकी शादी भी हो गई। एजुकेशन पूरी करने के बाद इन्होंने बतौर शिक्षक भी पर नौकरी की।

लेकिन देशप्रेम के लिए कुछ समय पश्चात् यह नौकरी त्यागकर असहयोग आंदोलन में कूद पड़े। और हिंदी समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कई कविताएं, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध तैयार किए और जन जन तक बतौर कुशल रचनाकार & लेखक अपने विचार पहुंचाएं। 

आपको मुंशी प्रेमचंद की रचनाए समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ जोरदार प्रहार करता हुआ दिखाई देती है।

इन्होंने ईदगाहक, बूढ़ी काकी, पंच परमेश्वर, दूध का दाम जैसी कई प्रसिद्ध कहानी लिखी है। इसके अलावा इनके प्रसिद्ध उपन्यास गोदान है और इनका फेमस नाटक संग्राम है।

इन्होंने अपने उपन्यास, कहानी और कविताओं के माध्यम से भारत के दलितों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों की समस्या से लोगों को अवगत कराया।

यही वजह है कि मुंशी प्रेमचंद्र को गरीबों की आवाज कहा जाता था। जिस स्थान पर यह शिक्षा देते थे वहीं पर वर्तमान समय में मुंशी प्रेमचंद्र सहित संस्थान स्थापित है।

400 words Essay on Premchand in Hindi

प्रेमचंद हिंदी साहित्य के एक ऐसे लेखक का हैं जिन्हें थोड़ा पढ़ा लिखा व्यक्ति भी जानता हैं. गरीबी में पले बड़े मुंशीजी के जीवन की शुरुआत झोंपड़ी से हुई, यह उनके साहित्य में भी देखने को मिलता हैं.

फर्श से उठकर अर्श तक जाने की यात्रा अनायास ही नहीं हुई, जीवन भर संघर्षों से जुझतों प्रेमचंद के जीवन में जो कुछ घटित हुआ, उसे उन्होंने अपनी लेखनी का विषय बना दिया.

एक ऐसा साहित्यकार जिसने अपनी जीवन यात्रा में जो कुछ मिला उसे स्वीकारा तथा अपने जीवन का अंग बना लिया. मंदिर का देवता हो या राह को रोड़ा वे किसी की उपेक्षा की बगैर सभी को समान दृष्टि से देखते थे.

दीन दुखी, किसान, शोषित की पीड़ा को प्रखर रूप से अपनी लेखनी से समाज के सामने रखा. ये वो भारत की सामाजिक, आर्थिक एवं संस्कृति को धन्य मानते हैं जिनमें प्रेमचंद जैसे साहित्य के देव को जन्म दिया.

कुछ शब्द जैसे गवैया भुज्ज इंसान गाँव से चला आ रहा जिसे कपड़ा पहनने तक का तमीज नहीं हैं, आसानी से किसी को बोला जा सकता हैं. मगर ऐसे ही थे मेरे मुंशी प्रेमचंद.

घुटनों से नीचे तक पहुचने वाली मील की धोती, गाढ़ा कुर्ता तथा पैर में बंददार जूता ये रंगरूप था. सरल जीवन और सादगी की मिसाल मुंशी जी के जीवन का यह रूप मुझे ही नहीं सभी को भाता हैं.

31 जुलाई 1880 को वाराणसी के पास ही लमही नामक गाँव में हुआ था. अपनी मातृभूमि की सेवा और निरंतर साहित्य सेवा करते हुए साहित्य सम्राट आजादी के 11 वर्ष पूर्व 8 अक्टूबर 1936 को हमसे विदा हो गये.

हिंदी कथा साहित्य में आगमन के साथ ही एक नयें युग का शुरुआत हुआ जो हिंदी कहानी नाम से जाना गया. प्रेमचंद जी के योगदान की बदौलत यह अपने शीर्ष पर पहुंचा.

शाश्वत जीवन मूल्यों के कथाकार थे. उनकी दृष्टि ने जीवन की सच्चाई को देखा परखा और अपनी कलम से समाज के समक्ष रखा. इन्होने अपने जीवन में गुलामी के दौर को भोगा और उस परिस्थतियों एवं भावों का सच्चा दस्तावेज उनके साहित्य में हैं.

प्रेमचंद राष्ट्रवादी लेखक हैं. इनकी प्रथम कथा से लेकर अंतिम कहानी कफन तक उन रचनाओं में देशभक्ति का परिचय मिलता हैं.

गरीबी और शोषित वर्ग की प्रगति के लिए इनकी पीड़ा व अनुभूति को समझा जा सकता हैं. प्रेमचंद जी एक ऐसे अमूल्य रत्न हैं जिनके अनेक कटाव हैं और हर कटाव में साहित्य के अनेक रूप प्रतिबिम्बित होते हैं.

  • मुंशी प्रेमचंद पर निबंध
  • चंद्रशेखर आजाद पर कविता
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आशा करता हूँ दोस्तों मेरा प्रिय लेखक प्रेमचंद पर निबंध – Essay on My favorite Writer Premchand in Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा, यहाँ दी जानकारी पसंद आए तो अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
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  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
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  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
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  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
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  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
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  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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मेरे प्रिय साहित्यकार जयशंकर प्रसाद पर निबंध | Essay on My Favorite Writer Jayshankar Prasad in Hindi

मेरे प्रिय साहित्यकार जयशंकर प्रसाद पर निबंध – जयशंकर प्रसाद मेरे प्रिय साहित्यकार  एवं नाटककार है, इन्होंने हिंदी साहित्य के गद्य और पद्य दोनों क्षेत्रों की सेवा की है। जयशंकर प्रसाद को मुख्यतः उनके छायावादी कविताओं के लिए जाना जाता है। आपको छायावाद के प्रमुख चार स्तंभो में से एक माना गया है।इसके साथ ही जयशंकर प्रसाद जी को अपने विभिन्न नाटकों के कारण विशेष ख्याति प्राप्त है।

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इस निबंध के अन्य शीर्षक-

  • मेरे प्रिय साहित्यकार
  • हमारे आदर्श कवि
  • मेरे प्रिय लेखक

रूपरेखा-

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साहित्यकार का परिचय

साहित्यकार की साहित्य संपदा, छायावाद के श्रेष्ठ कवि, श्रेष्ठ गद्यकार, उपसंहार, प्रस्तावना.

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My Favourite Teacher Essay in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 300 और 500 शब्दों में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

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  • Updated on  
  • अगस्त 28, 2023

My Favourite Teacher Essay in Hindi

शिक्षक जो हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बचपन से ही हमारे चरित्र और व्यक्तित्व की राह बनाने में सबसे बड़ी भूमिका होती है। हम सब स्कूल में पढ़ें हैं और हम सभी का कोई न कोई एक फेवरेट टीचर जरूर होता है। यहां आज हमने उसी को लेकर My Favourite Teacher Essay in Hindi , मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध का ये ब्लॉग बनाया है।

My Favourite Teacher Essay in Hindi (100 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

स्कूल हो या कॉलेज टीचर हमें हमेशा ही सीखते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके ही इस मार्गदर्शन से आज हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं-

मेरी एक पसंदीदा टीचर हैं। वह कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थी। वह हमेशा मेरी हर परेशानी को दूर करने में मेरी मदद करती थी और अगर मुझे कोई भी चीज समझ नहीं आता तो वो मुझे बार बार बताने में कभी क्रोधित नहीं होती। वह बहुत मिलनसार शिक्षिका हैं, और मेरे लिए वो एक आदर्श भी हैं।

उनका पढ़ने का तरीका और टीचर से बेहद अलग है, और वह क्लास में सभी पर पूरा दिन देती हैं। वह बहुत ही इंटरैक्टिव और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। वह पढ़ाई को इतना आसान बना देती हैं, की उनकी क्लास में हम सभी को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वह मेरी पसंदीदा शिक्षिका है।

My Favourite Teacher Essay in Hindi (300 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 300 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

हम सभी के जीवन में एक पसंदीदा शिक्षक रहा होगा और आज भी हम उनके सम्पर्क में या उनकी सिखाई बातों पर अम्ल जरूर करते हैं-

स्कूल हो या कॉलेज जीवन में हर किसी व्यक्ति का एक पसंदीदा टीचर जरूर होता है। एक टीचर जिसकी क्लास में स्टूडेंट्स  उत्सुक से पढ़ते हैं। वे उनकी क्लास का बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं और उस पसंदीदा टीचर की क्लास को पढ़ने से कभी नहीं छोड़ते हैं। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता. हम स्कूल में जो सीखते हैं वही वास्तव में जीवन भर हमारी मदद करता है।

मेरी फेवरेट टीचर

मेरी पसंदीदा शिक्षिका राज किशोरी बहुत समझदारी के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ती थी, इसके अतिरिक्त वे सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती हैं। उनके प्रैक्टिकली पढ़ने का तरीका कई छात्रों का उनका पसंदीदा बनाता हैं। वह न सिर्फ मेरी टीचर हैं बल्कि मैं उन्हें अपनी आदर्श भी मानती हूँ. वे एक न केवल एक टीचर हैं बल्कि एक ऐसे महिला भी हैं जिससे आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय या परेशानी पर बात कर सकते हैं। वे बहुत विनम्र और नम्रता के साथ अपने काम को करती हैं। इसी लिए वे मेरी फेवरेट टीचर हैं।

वे सदैव अपने सभी स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने और अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करती है। जब मुझे किसी भी विषय को लेकर कोई संदेह होता है तो वह उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह समझने में मेरी मदद करती है। वह मैथ के सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल करके अधिक रोचक और आकर्षक बनाती है। वे हमेशा मुझे सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। वह हमें सच बोलना, सभी का सम्मान करना और जीवन में एक अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस My Favourite Teacher Essay in Hindi के अनुसार हम सबको यह सीखना चाहिए कि हमारे टीचर हम सबके लिए कितने योगदान करते हैं। 

My Favourite Teacher Essay in Hindi (500 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

जब हम सबको कोरोना महामारी के दौरान किसी चीज की परेशानी होती थी, तो वे हमेशा हम सब की मदद करती थी। उन्होंने उस समय एक सोशल मीडिया ग्रुप को हम सभी स्टूडेंट्स की सहायता के लिए बनाया है, ताकि हमें जब कभी भी कोई संदेह हो तो हम उनसे सम्पर्क कर सकें। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी, वे सुबह से ही ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले हम सभी स्टूडेंट्स का हाल पूछती थी। उन्होंने इतनी परेशानी के समय भी स्टूडेंट्स की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें। 

परीक्षा से पहले देती थी एक्स्ट्रा क्लास

हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था, की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।  

स्टूडेंट को करती थी मोटिवेट 

मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था। तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से दर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी। 

आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं। जिससे स्टूडेंट्स को आ गये पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते है।  

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी रखती थी ध्यान 

जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी. उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी। 

हमें हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए। 

यह था मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध, My Favourite Teacher Essay in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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मेरा पसंदीदा खेल पर निबंध (My Favourite Sport Essay in Hindi) 10 lines 100, 200, 300, 500, words

my favorite writer essay in hindi

My Favourite Sport Essay in Hindi – खेल शारीरिक गतिविधियाँ हैं जिनमें कौशल और शारीरिक परिश्रम शामिल होता है और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से या आनंद के लिए किया जाता है। वे इनडोर और आउटडोर दोनों स्थानों पर व्यक्तिगत या टीम गतिविधियाँ हो सकती हैं। खेल रोजमर्रा की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो शारीरिक गतिविधि, मनोरंजन, उत्साह और सामाजिक मेलजोल का अवसर प्रदान करते हैं। बच्चों से लेकर वयस्कों तक, खेल समय बिताने और परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने का एक शानदार तरीका है। आज हम मेरे पसंदीदा खेल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

मेरा पसंदीदा खेल पर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Favourite Sport Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words

  • 1) मेरा पसंदीदा खेल बास्केटबॉल है।
  • 2) बास्केटबॉल आकार में बने रहने का एक शानदार तरीका है, और यह व्यायाम का एक शानदार रूप है।
  • 3) बास्केटबॉल एक टीम खेल है, इसलिए दोस्तों के साथ खेलते समय बहुत ही सौहार्दपूर्ण भावना होती है।
  • 4) बास्केटबॉल का उच्च-स्तरीय खेल देखना हमेशा रोमांचक होता है।
  • 5) मुझे दूसरों के खिलाफ खेलने की प्रतिस्पर्धा भी पसंद है।
  • 6) बास्केटबॉल एक रोमांचक, बहुमुखी और चुनौतीपूर्ण खेल है।
  • 7) इसके लिए शारीरिक शक्ति, चपलता, समन्वय और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
  • 8) मुझे गेम खेलने में शामिल रणनीति और अपने प्रतिद्वंद्वी को मात देने की चुनौती पसंद है।
  • 9) बास्केटबॉल काफी समय से मौजूद है, और जब मैं बच्चा था तब से यह मेरे जीवन का हिस्सा रहा है।
  • 10) यह हमेशा से मेरा पसंदीदा खेल रहा है।

मेरा पसंदीदा खेल पर निबंध 200 शब्द (Essay on My Favourite Sport 200 Words in Hindi)

बैडमिंटन मेरा पसंदीदा खेल है. इसे घर के अंदर और बाहर खेला जा सकता है। यह फिटनेस के साथ-साथ मनोरंजन के लिए भी एक बेहतरीन खेल है। बैडमिंटन हर आयु वर्ग के लोग खेल सकते हैं। यह खेलने में आसान गेम है. यह खेल 19वीं शताब्दी में अस्तित्व में आया जब अंग्रेज भारत पर शासन कर रहे थे।

इसकी उत्पत्ति पुणे में शुरू हुए जॉर्ज काजोल्स नामक खेल से हुई। इसे हल्के रैकेट और शटलकॉक के साथ खेला जाता है जिसे रैकेट की मदद से हवा में घुमाया जाता है। यह एक ऐसा खेल है जो मुझे ऊर्जावान और सक्रिय बनाता है। यह मेरी ऊर्जा और मनोरंजन का स्रोत है।

मैं अपने स्कूल में अपने सहपाठियों के साथ बैडमिंटन खेलता हूं और शाम को अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ खेलता हूं। मुझे यह खेल पसंद है क्योंकि इसमें गति और सटीकता की आवश्यकता होती है और मैं दोनों में कुशल हूं। इस खेल को 1992 में ओलंपिक में आधिकारिक खेल माना गया था।

हालाँकि इसकी शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी, लेकिन अब यह भारत, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, चीन आदि एशियाई देशों में व्यापक रूप से खेला जाता है। खेलने से मैं पूरे दिन स्वस्थ और सक्रिय रहता हूँ। मैं आमतौर पर मनोरंजन के लिए खेलता हूं लेकिन जब मुझे प्रतिस्पर्धी महसूस होता है तो मैं गंभीर हो जाता हूं और सटीकता के साथ खेलता हूं।

कई संगठन क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर इन बैडमिंटन प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। मैंने क्षेत्रीय स्तर पर खेला है. इस गेम को खेलने से मेरा तनाव दूर हो जाता है और मेरा मूड अच्छा हो जाता है। यह हर मूड में खेलने के लिए मेरा पसंदीदा खेल है।

मेरा पसंदीदा खेल पर निबंध 300 शब्द (Essay on My Favourite Sport 300 Words in Hindi)

खेल आदिकाल से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं। वे फिट रहने, अपने दोस्तों और परिवार के साथ जुड़े रहने और मौज-मस्ती करने का एक शानदार तरीका हैं। मैंने जितने भी खेल खेले हैं उनमें से मेरा पसंदीदा खेल बास्केटबॉल है। बास्केटबॉल बहुत दिलचस्प है और इसके लिए बहुत अधिक कौशल और शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है।

बास्केटबॉल: मेरा पसंदीदा खेल

मेरा पसंदीदा खेल बास्केटबॉल है. मैं यह खेल तब से खेल रहा हूं जब मैं 5 साल का था और तब से यह मेरे जीवन का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। मुझे अपने दोस्तों और परिवार के साथ तेज़ गति वाले, प्रतिस्पर्धी खेल में शामिल होने का एहसास पसंद है। बास्केटबॉल फिट और स्वस्थ रहने का एक शानदार तरीका है। यह व्यायाम का एक उत्कृष्ट रूप है, और यह समन्वय और संतुलन विकसित करने में मदद करता है।

बास्केटबॉल चुनने के कारण

मुझे खेल के कौशल में महारत हासिल करने की चुनौती पसंद है। इससे मुझे शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय रहने में मदद मिली है। थ्री-पॉइंटर को डुबाने या शॉट को रोकने का एहसास आनंददायक होता है।

इसके अलावा, बास्केटबॉल ने मुझे अपने दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने में मदद की है। मैं बास्केटबॉल के माध्यम से कई नए लोगों से मिला हूं और मैंने उनके साथ मजबूत रिश्ते विकसित किए हैं। बास्केटबॉल ने मुझे अपना आत्मविश्वास बढ़ाने और अपने नेतृत्व कौशल पर काम करने में भी मदद की है। मैंने अपने साथियों के सौहार्द और दर्शकों के समर्थन का भी आनंद लिया है।

अंत में, बास्केटबॉल मेरा पसंदीदा खेल है। यह सक्रिय रहने, रिश्ते बनाने और अपने नेतृत्व कौशल पर काम करने का एक शानदार तरीका है। यह मेरे लिए खुशी और मनोरंजन का एक बड़ा स्रोत रहा है। मुझे यकीन है कि यह मेरा पसंदीदा खेल बना रहेगा।

मेरा पसंदीदा खेल पर निबंध 500 शब्द (Essay on My Favourite Sport 500 Words in Hindi)

क्रिकेट को सज्जनों का सबसे अच्छा खेल माना जाता है और यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है। यह एक ऐसा खेल है जिसका आनंद कई पीढ़ियों से लोग उठा रहे हैं और यह दुनिया भर के प्रशंसकों की कल्पना को मोहित करता रहा है। क्रिकेट सदियों से चला आ रहा है और समय के साथ विकसित होकर आज यह सबसे प्रिय और रोमांचक खेल बन गया है।

ऐतिहासिक उत्पत्ति

क्रिकेट का एक लंबा और आकर्षक इतिहास है जो 1550 में इंग्लैंड में शुरू हुआ था, जब इसका पहली बार आधिकारिक तौर पर एक अदालती दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया था। तब से, यह खेल विकसित हुआ और दुनिया भर में फैल गया, कई अलग-अलग देशों में लोकप्रिय हो गया। पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच 1844 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच आयोजित किया गया था, और पहला टेस्ट मैच 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच आयोजित किया गया था। आज, क्रिकेट दुनिया भर में एक लोकप्रिय खेल है और यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में खेला जाता है। , न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज।

कायदा कानून

क्रिकेट आमतौर पर दो टीमों का खेल है जिसमें प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। खेल को दो पारियों में बांटा गया है जिसमें एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी करती है। खेल का उद्देश्य बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए अधिक से अधिक रन बनाना है जबकि गेंदबाजी टीम उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश करती है। जो टीम सबसे अधिक अंक प्राप्त करती है वह खेल जीत जाती है। खेल को कई नियम और विनियम नियंत्रित करते हैं, जैसे मैदान का आकार, खेल की लंबाई और गेंदबाजी का प्रकार।

क्रिकेट के प्रकार

क्रिकेट को तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: टेस्ट क्रिकेट, एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट, और ट्वेंटी-20 (T20) क्रिकेट। टेस्ट मैच खेल का सबसे लंबा और सबसे पारंपरिक रूप है और आमतौर पर पांच दिनों तक चलता है। ये मैच आमतौर पर अधिक गंभीर माने जाते हैं और इनमें खिलाड़ियों से अधिक कौशल की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, एकदिवसीय क्रिकेट खेल का छोटा संस्करण है, और आमतौर पर 150-300 ओवरों में लगभग आठ घंटे तक चलता है। इस संस्करण के दौरान, प्रत्येक टीम को 50 ओवर तक बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है। अंततः, टी20 खेल का सबसे छोटा और सबसे रोमांचक रूप है, जो आमतौर पर केवल तीन से चार घंटे तक चलता है।

क्रिकेट कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। शारीरिक रूप से, यह संतुलन, चपलता और हाथ-आँख समन्वय के साथ-साथ हृदय संबंधी फिटनेस में सुधार करने में मदद करता है। मानसिक रूप से, यह निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाता है और टीम वर्क को प्रोत्साहित करता है। यह टीम वर्क, खेल भावना और खेल के नियमों के प्रति सम्मान को भी बढ़ावा देता है।

क्रिकेट एक अद्भुत खेल है जो कई वर्षों से मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। चाहे वह सिर्फ परिवार और दोस्तों के साथ खेलना हो, या टेलीविजन पर मैच देखना हो, क्रिकेट एक मनोरंजक और फायदेमंद खेल है। यह एक ऐसा खेल है जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को लाने की क्षमता है। क्रिकेट मेरा सबसे पसंदीदा खेल है और मैं इसे हमेशा प्यार करता रहूंगा।

मुझे उम्मीद है कि मेरा पसंदीदा खेल पर ऊपर दिया गया निबंध हर किसी के लिए क्रिकेट के बारे में अच्छी तरह से जानने में मददगार होगा और आपको खेल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।

मेरे पसंदीदा खेल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 विश्व में सबसे लोकप्रिय खेल कौन सा है.

उत्तर. एसोसिएशन फुटबॉल (सॉकर) को दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है।

Q.2 किस खेल में गेंद की आवश्यकता होती है?

उत्तर. बास्केटबॉल, बेसबॉल, सॉफ्टबॉल, वॉलीबॉल, गोल्फ, टेनिस, रैकेटबॉल, क्रिकेट, अमेरिकी फुटबॉल, रग्बी, किकबॉल, और बहुत कुछ।

Q.3 खेल और गतिविधि में क्या अंतर है?

उत्तर. एक खेल में आम तौर पर शारीरिक परिश्रम और प्रतिस्पर्धा शामिल होती है, जबकि एक गतिविधि एक क्रिया या कार्य है जिसमें शारीरिक या मानसिक जुड़ाव शामिल हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि प्रतिस्पर्धा हो।

Q.4 शारीरिक रूप से सबसे अधिक मांग वाला खेल कौन सा है?

उत्तर. सबसे अधिक शारीरिक रूप से मांग वाले खेल को माउंटेन बाइकिंग, ट्रायथलॉन या रोइंग जैसे अल्ट्रा-धीरज वाले खेल माना जाता है।

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मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

मेरी रुचि

रुचि वह वस्तु है जिसे एक व्यक्ति अपने खाली समय में करना पसंद करता है। एक व्यक्ति के पूर्ण विकास के लिए उसके अंदर रुचि का होना काफी आवश्यक है। आमतौर पर स्कूलों या कलेजों तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों के लिए मेरी हॉबी (रुचि) पर निबंध या पैराग्राफ लेखन का कार्य दिया जाता है।

मेरी रुचि पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on My Hobby in  Hindi, Meri Ruchi par Nibandh Hindi mein)

मेरा पसंदीदा शौक पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा पसंदीदा शौक खाली समय में रुचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना है। जब कभी भी मैं स्कूल से घर जाता हूँ, तो अपना गृहकार्य पूरा करने के बाद इस तरहकी किताबों को पढ़ना पसंद करता हूँ। मैं 12 वर्ष का हूँ और कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। किताबों को पढ़ना बहुत अच्छी आदत है, जो मुझे पूर्ण बनाती है। मुझे यह शौक प्राकृतिक रुप से मिला है।

किताबों को पढ़ना

किताबों को पढ़ना एक व्यक्ति को खुश और व्यस्त रखता है। यह आनंद, ज्ञान, प्रोत्साहन और सूचना का अच्छा स्रोत है। यह हमें अनुशासन, न्यायप्रिय,विश्वसनीय, समय का पाबंद और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण एक सफल व्यक्ति बनाता है। किताबों को पढ़ने के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अकेला और परेशान नहीं रह सकता। मेरा मानना है कि, यह आदत संसार में सोने से भी ज्यादा कीमती है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उच्च स्तर का ज्ञान, आदर्श विचार, अच्छी सोच, आदि प्रदान करता है।

मेरी रुचि का महत्त्व

जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं, उनके लिए अच्छी और रुचि पूर्ण किताबें अच्छे मित्र की तरह होती है। जिसके पास यह आदत नहीं है, चाहे उसके कितनी भी अधिक सांसारिक वस्तुएं और धन क्यों न हो, फिर भी वह ज्ञान की सच्ची दौलत के अभाव में गरीब होता है। किताब पढ़ने की आदत या शौक को, किसी के भी द्वारा युवा अवस्था में भी प्रयास करने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ शौक रखता है। शौक हमें आनंद देते हैं। शौक रखने से हमें ऊब नहीं होती। विशाल विश्व में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी ही मनोवृत्ति और प्रवृत्ति होती है, उसकी रुचि और कामना भी अलग-अलग प्रकार की होती है। इसी सन्दर्भ के कारण किसी व्यक्ति को मीठा प्रिय लगता है और किसी को खट्टा ज्यादा रुचिकर प्रतीत होता है।

निबंध 2 (400 शब्द) – मेरा शौक: टेलीविजन (दुनिया भर की ताजा खबरें)

शौक एक खाली समय में की जाने वाली गतिविधि है। यह एक उद्देश्यपूर्ण तरीके से खाली समय का उपयोग करने में हमारी सहायता करता है। शौक, आनन्द, मनोरंजन और ज्ञान-प्राप्ति के सबसे अच्छे साधन हैं। इसके द्वारा हम समय का सदुपयोग भी कर पाते है। खाली और फुर्सत के समय के लिए ये सर्वोत्तम हैं।

मेरा शौक – टेलीविजन (दुनिया भर की ताजा खबरें)

मेरा पसंदीदा शौक टीवी देखना है। मैं खाली समय में टीवी देखना बहुत पसंद करता हूँ। टीवी देखना मेरा शौक है, लेकिन मेरा यह शौक मेरी पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करता। सबसे पहले, मैं अपना गृहकार्य और याद करने का कार्य पूरा करता हूँ और उसके बाद टीवी देखता हूँ। मुझे लगता है कि, मेरा यह शौक बहुत अच्छा है, क्योंकि टीवी देखने से मुझे विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिलती है। मुझे आमतौर पर, समाचार और डिस्कवरी चैनल के साथ ही एनिमल प्लैनेट चैनल पर कार्यक्रम देखना पसंद है। मुझे कुछ अच्छे कार्टून देखना भी पसंद है, जिनसे मुझे कला और कार्टून बनाने के क्रियात्मक विचार मिलते हैं। मेरे माता-पिता मेरी इस आदत की प्रशंसा करते हैं और उन्हें उस समय बहुत खुशी होती है, जब वे मुझसे सभी ताजा खबरों को सुनते हैं।

अभी मैं 8 साल का हूँ और कक्षा 3 में पढ़ता हूँ हालांकि, मेरे इस शौक का विकास मेरे बचपन में ही हो गया था। सही ढंग से टीवी देखना, हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें दुनिया भर में होने वाली सभी घटनाओं के बारे में ताजी जानकारियों के विषय में बताता है। दुनिया भर में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी रखना वर्तमान समय के आधुनिक समाज में बढ़ती हुई, प्रतियोगिता के कारण बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

कुछ लोगों का मानना है कि, टीवी देखना केवल समय की बरबादी करना है लेकिन, वे इस वास्तविकता से बिल्कुल अनभिज्ञ है कि, यदि टीवी को सही ढंग से देखा जाए, तो यह एक व्यक्ति को सफलता के रास्ते की ओर ले जात है। इसे देखने के बहुत से लाभ हैं, क्योंकि यह हमारे ज्ञान में सुधार के साथ ही हमारी जीवन-शैली से संबंधित बहुत सी सूचनाएं देता है। टीवी पर ऐसे कई कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जो वास्तव में, दुनिया भर की घटनाओं के बारे में हमारी जागरूकता बढ़ाते हैं। टीवी पर बहुत से विषयों पर आधारित कार्यक्रम भी प्रसारित किए जाते हैं जैसे- इतिहास, गणित, अर्थशास्त्र, विज्ञान, भूगोल, संस्कृति आदि के बारे में लोगों को अधिक जागरूक करने के लिए प्रसारित किए जाते हैं।

हमारी रुचि वह वस्तु है जो की हमें भविष्य में आगे बढ़ने की राह दिखाती है। हम अपनी रुचि को ध्यान में रखते हुए यह समझ सकते है की हमें किस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। और फिर हम उसी क्षेत्र में अपना कॅरिअर बनाते है। इसलिए हर मनुष्य के जीवन उसकी एक अलग रुचि होती है जजों उसके सफलता का कारण बनती है।

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निबंध 3 (500 शब्द) – मेरा प्रिय शौक: बागवानी

लोगों के कई तरह के शौक होते है जैसे – चित्रकला, पतंग उड़ाना, मूर्तिकला, किताबें पढ़ना, टेलीविजन देखना, कढ़ाई, बुनाई, खाना बनाना, शूटिंग करना, किताबें पढ़ना, बागवानी, फोटोग्राफी, मछली पकड़ना,संगीत सुनना, संगीत वाद्ययंत्र बजाना, पक्षी-देखना, टिकट संग्रह, पुराने सिक्के का संग्रह इत्यादि हैं।

शौक का अर्थ

शौक किसी भी व्यक्ति में उसकी अन्य आदतों में से एक विशेष रुचि को प्रदर्शित करता है जो उसकी सारी आदतों से अलग होता है। शौक बहुत अच्छी वस्तु है, जो हर किसी में होता है। किसी भी वस्तु का शौक होना एक अच्छी आदत है जो सभी में होनी बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह उस व्यक्ति को उसकी पसंद की चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्ति को खुले दिमाग से किसी कार्य में व्यस्त करता है। यह हमें कभी भी अकेला नहीं छोड़ता और हमारा मानसिक बीमारियों से बचाव करता है।

जब मैं 3 साल का था

मुझे आज भी याद है कि, जब मैं केवल 3 साल का था, मुझे आमतौर पर, बगीचे में अपना खाली समय व्यतीत करना अच्छा लगता था। मैं अपने पिताजी के साथ प्रतिदिन सुबह को पार्क में जाना बहुत पसंद करता था। जब मैं छोटा बच्चा था, तब मेरे पिताजी मुझे छोटे पौधों को पानी देते हुए देखकर अकसर हसा करते थे। लेकिन अब वह मुझ पर गर्व करते हैं कि, मैंने पौधों के जीवन को बचाने के लिए कुछ किया और पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए उनके महत्व और मूल्य को समझा।

शौक हमारे प्रतिदिन के जीवन का वो हिस्सा होता है, जिसे हम हर रोज अवश्य करते हैं। यह हमारी प्रतिदिन के दबाव से बचने में मदद करता है। यह हमें बहुत अधिक आनंद और शारीरिक, मानसिक व आत्मिक शान्ति प्रदान करता है। यह एक योग और ध्यान की तरह है, कभी-कभी तो इससे भी अधिक लाभ प्रदान करता है। यह हमारे मस्तिष्क को क्रियात्मकता की ओर ले जाता है और जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। अच्छी आदतें नाटकीय रुप से हमारे व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताओं में सुधार करने के साथ ही हमारे प्रदर्शन को बेहतर करती हैं। यह हमारी योग्यता और क्षमता को खोजने में मदद करता है और उन्हें सही दिशा में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हमारे शौक हमें जीवन की दैनिक भीड़ से अलग रखकर, हमारे दिमाग को ताजा और शान्त बनाते हैं।

मेरा प्रिय शौक

मेरा पसंदीदा शौक बागवानी करना है और मुझे नए पौधों को लगाना और उन्हें हर सुबह पानी देना बहुत अच्छा लगता है। खिलते हुए फूलों और बढ़ते हुए पौधों को देखकर मुझे महान उपलब्धी महसूस होती है और जीवन की वास्तविकता का अहसास होता है। यह मुझे तंदुरुस्त, मजबूत, स्वस्थ और तरोताजा रखने में मदद करता है। प्रतिदिन पेड़ों को पानी देना और बागवानी करना, मेरे लिए सबसे अच्छा व्यायाम है, जो मेरे मस्तिष्क और शरीर को सकारात्मक की ओर मोड़ता है।

हमारे शौक हमें आनंद प्रदान करने का कार्य करते हैं। शौक रखने से हमें जीवन में ऊबाहट नहीं महसूस होती है। विशाल विश्व में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी ही मनोवृत्ति और प्रवृत्ति होती है, उसकी रुचि और कामना भी अलग-अलग प्रकार की होती है। इसी सन्दर्भ के कारण किसी व्यक्ति को मीठा प्रिय लगता है और किसी को खट्टा ज्यादा रुचिकर प्रतीत होता है। शौक हमारे प्रतिदिन के जीवन का वो हिस्सा होता है, जिसे हम हर रोज अवश्य करते हैं। यह हमारी प्रतिदिन के दबाव से बचने में मदद करता है।

निबंध 4 (600 शब्द) – शौक का महत्व

शौक का महत्व

किसी भी वस्तु या कुछ करने का शौक अच्छी चीज है, जो एक व्यक्ति को बचपन से प्राप्त होता है। इसे किसी भी आयु में विकसित किया जा सकता है हालांकि, बचपन से ही किसी शौक का होना अपना एक अलग महत्व रखता है। हम सभी कुछ कामों को अपनी रुचि के अनुसार करते हैं जो, हमें खुशी और आनंद प्रदान करते हैं, वही शौक कहलाता है। कुछ लोगों में अपनी रुचियों, पसंद और नापसंद के अनुसार अलग-अलग शौक होते हैं।

ऐसे बहुत से शौक हैं, जो हम विकसित कर सकते हैं; जैसे- नाचना, गाना, संगीत सुनना, चित्रकारी करना, इंडोर या आउटडोर खेल खेलना, चिडियों को देखना, प्राचीन चीजों को एकत्र करना, फोटो खींचना, लिखना, अलग-अलग चीजों को खाना, पढ़ना, बागवानी करना, आदि। हमारे शौक हमारे जीवन-यापन में मदद करते हैं, जिसकी मदद से हम सफल करियर का निर्माण कर सकते हैं। शौक वह होता है, जिसका हम अपने खाली समय में पूरी तरह आनंद लेते हैं।

मेरा पसंदीदा शौक

मेरा पसंदीदा शौक खाना बनाना, संगीत सुनना और बागवानी करना है हालांकि, मैं हमेशा बागवानी करना पसंद करता हूँ। मेरे लिए बागवानी करना ध्यान करने जैसा है, जो मेरे कार्य करने की क्षमता, रुचि और योग्यता में सुधार करती है। यह मुझे उच्च स्तर की शान्ति प्रदान करती है और मेरे पूरे दिन को उपयोगी बनाती है। हर सुबह, मैं अपने बगीचे में खिलते हुए फूलों, धीरे-धीरे बढ़ते हुए पौधों को देखकर आनंद लेता हूँ। मैं अपने बगीचे में प्रतिदिन सूरज निकलने और छिपने का भी आनंद लेता हूँ।

मैं आमतौर पर, स्कूल से मिले गृहकार्य को अपने हरे-भरे बगीचे में बैठकर करना पसंद करता हूँ। मुझे अपने पिता के साथ शाम को प्रतिदिन बगीचे में बैडमिंटन खेलता हूँ और अपनी माता जी के साथ शाम को टहलने का आनंद लेता हूँ। मैं प्रतिदिन नए पौधों के विकास को देखता हूँ और पौधों को हर रोज पानी देता हूँ। मैंने अपने बगीचे में इसकी खूबसूरती और सजावट को बढ़ाने के लिए कुछ नए और सजावटी पौधों को भी लगाया है।

बागवानी का शौक

मैं 14 साल का हूँ और कक्षा 9 में पढ़ता हूँ। मैं अपने इस शौक को अपने जीवन के आखिरी क्षणों तक जारी रखना चाहता हूँ। वे मुझे व्यस्त, खुश, और दैनिक जीवन के सभी तनावों से दूर रखते हैं। मेरे माता-पिता मुझे सारे शौकों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जब मैं अपनी सभी समस्याओं को आसान तरीके से लेकर उन्हें बिना किसी गुस्से और तनाव के, हल करने की कोशिश करता हूँ, तो वे यह देखकर बहुत खुश होते हैं। मेरी माँ हमेशा कहती हैं कि, बागवानी करना किसी भी अन्य शौक से अलग व अच्छी रुचि है; यह हमें आशीर्वाद देती है क्योंकि पौधों को पानी देने के माध्यम से हम उन्हें जीवन देते हैं।

मैं बचपन से ही, अपने बगीचे में इसकी देखभाल के लिए प्रतिदिन, 1 घंटे का समय देता हूँ। मैंने वेल्वेट घास का प्रयोग करके तीन सुन्दर हरे घास के गलीचे बनाए हैं। मैंने बगीचे के हरेक कोने में फूलों का सुन्दर बैंड बनाया है और रंग-बिरंगे गुलाब, लिली, मोगरा, गेंदा, सूरजमुखी, और अन्य मौसमी फूलों को लगाया है। क्रिसमस के त्योहार पर, मैं अपने बगीचे के बिल्कुल बीच में एक बड़े क्रिसमस पेड़ को अपने मित्रों और परिवार के साथ मिलकर सजाने का आनंद लेता हूँ।

शौक बहुत अच्छी वस्तु है, जो हर किसी में होता है। किसी भी वस्तु का शौक होना एक अच्छी आदत है जो सभी में होनी बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह उस व्यक्ति को उसकी पसंद की चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्ति को खुले दिमाग से किसी कार्य में व्यस्त करता है। यह हमें कभी भी अकेला नहीं छोड़ता और हमें कई तरह की मानसिक बीमारियों से भी बचाता है। शौक किसी भी व्यक्ति में उसकी अन्य आदतों में से एक विशेष रुचि को प्रदर्शित करता है जो उसकी सारी आदतों से अलग होता है।

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