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Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध
November 13, 2017 by essaykiduniya
यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मादक पदार्थों की लत पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Drug Addiction in Hindi Language for students of all Classes in 200, 250 and 500 words.

Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (100 Words)
हमारे युवाओं में नशीले पदार्थों की लत बहुत आम हो रही है शायद युवाओं को यह जीवन बहुत भारी लगता है। इससे बचने के बाद, वे ड्रग्स लेते हैं कभी-कभी माता-पिता स्वयं इसका कारण बन जाते हैं वे या तो बहुत सख्त हैं या उनके बच्चों में भाग लेने के लिए कोई समय नहीं है। युवाओं को उपेक्षित महसूस होता है शिक्षा की हमारी असाधारण व्यवस्था भी बड़ी वजहों में से एक है। जब युवाओं को 15-20 साल की शिक्षा के बाद कोई रोजगार पाने में असफल होते हैं, तो वे निराश हो जाते हैं और दवाओं में ले जाते हैं। नशीली दवाओं की लत एक बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए कोई शॉर्ट-कट इलाज नहीं है हम अक्सर शिकायत करते हैं कि हमारे युवा गलत हो रहे हैं लेकिन, हम अपनी समस्याओं को समझने के लिए शायद ही कुछ भी करते हैं हमारी युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका उनकी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक तरीके से करना है। एक रोजगार आधारित शिक्षा प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (250 Words)
मादक पदार्थों की लत वर्तमान समय की गंभीर समस्याओं में से एक है। हेरोइन, हैशिश और भूरे रंग की शक्कर जैसे नशीले पदार्थों को आमतौर पर दवाएं कहा जाता है और युवा पुरुषों और महिलाओं या तो इन दवाओं को मौखिक रूप से लेते हैं या अपने धुएं में श्वास डालते हैं।
समाजशास्त्री का कहना है कि नशीली दवाओं की लत एक लत है जो पश्चिमी देशों के भारत और अन्य प्राच्य देशों में आ गई है। भारतीय पश्चिम की ओर अग्रसर हैं और नशा-नशेड़ी बन रहे हैं। आधुनिक समाज में कई परिवार-समस्याएं हैं प्यार और स्नेह शक्तियों की कमी युवाओं को ड्रग्स के आदी हो जाने के लिए कभी-कभी आदी मित्रों के दबाव में युवाओं को एक आदी बनने की आदत होती है।
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि ड्रग्स नशे की लत को दुनिया के तनावों और समस्याओं से बचने में मदद करते हैं। लेकिन वे नर्वस सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचाते हैं और नशेड़ी के मानसिक मेक-अप को तोड़ते हैं। यह मौत का कारण बनता है यहां तक कि अगर नशे की लत ड्रग्स लेने से अचानक वह मर सकता है इसलिए वापसी धीरे-धीरे किया जाना चाहिए।
नशीली दवाओं के प्यार और दया से व्यवहार किया जाना चाहिए। बेईमान व्यापारियों और नशीली दवाओं के तस्करों को नियंत्रित करने के लिए समाज को मजबूत कदम उठाने चाहिए। दुनिया भर में नशीली दवाओं के नियंत्रण के नियम हैं, फिर भी नशे की लत धीरे-धीरे बढ़ रही है। विभिन्न देशों के युवाओं के बीच एक दवा विरोधी चेतना की क्या आवश्यकता है|
Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (500 Words)
नशीली दवाओं की लत हमारे समाज में एक नई घटना नहीं है। इतिहास यह है कि आदमी हमेशा कैनबिस, हशिश, मारिजुआना जैसी दवाओं के उपयोग को जानता है। कई राजा और कलाकारों सहित महान पुरुष दवाओं को एक आदत के रूप में लेने के लिए जानते हैं एक आम आदमी ने भी एक धार्मिक समारोह के एक हिस्से के रूप में या सामाजिक परंपरा के रूप में दवाओं को भी लिया है हालांकि, इस आदत ने हाल ही में जब तक सिंथेटिक दवाओं का विकास नहीं किया था और दैनिक जीवन में बढ़ती हुई कठिनाइयों के साथ उनके डेरिवेटिव के परिणामस्वरूप दवाओं और नशीली दवाओं की एक अनियंत्रित लहर हुई है। यह आदत समाज के केवल विशेष वर्गों तक ही सीमित नहीं है। आज, लगभग हर युग, पेशे और समाज के लोग ब्राउन शुगर, कोकेन, स्मैक इत्यादि जैसे विभिन्न नामों से समाज में जाने वाली इन दवाओं के प्रभाव में आते हैं।
एक समय था जब कुंठा, खारिज और भावनात्मक गड़बड़ी का मुख्य कारण था, जिसके कारण एक व्यक्ति ने ड्रग्स ले लिया। लेकिन अब हम जिज्ञासा, सहकर्मी समूह के दबाव, साहस की भावना और कारणों की लंबी सूची तक आसानी से पहुंच सकते हैं जिसके कारण आज की पीढ़ी दवाओं के आदी बन गई है। ड्रग लेने की इस घटना से सबसे दुर्भाग्यपूर्ण गिरावट यह है कि एक व्यक्ति आसानी से इसके लिए आदत हो जाता है। सभी की आवश्यकता सिर्फ एक पफ है एक बार जब कोई व्यक्ति व्यसनी हो जाता है, तो वह नियमित रूप से ड्रग्स की नियमित आपूर्ति प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह के अपराध करता है। वह धोखा दे सकता है, चोरी कर सकता है, झूठ बोल सकता है और कभी-कभी हत्या भी कर सकता है, ताकि वह ड्रग्स खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा दे। अगर वह दवाओं की अगली खुराक प्राप्त करने में सक्षम न हो, तो आल नशे की गहन वापसी के लक्षण ग्रस्त हैं।
उसकी नाक पानी शुरू हो जाती है, वह पेट और शरीर के ऐंठन से मिलता है, उसके शरीर में दर्द होता है, उसकी आँखें ‘जलती हुई सनसनी होती है, वह सिर दर्द को विभाजित करता है और बेहद बीमार हो जाता है। इस लत का इलाज करने का एकमात्र तरीका योग्य चिकित्सा सहायता, एक मजबूत इच्छाशक्ति और एक बहुत ही सहायक परिवार है। नशे की लत की बीमारी हमारे समाज में तेजी से फैल रही है। इसलिए, समय की जरुरत है कि युवाओं के विकास की ठीक से निगरानी करें और उनकी आदतों पर सतर्क नजर रखें। इसके अलावा, एक परिवार को बच्चों को सभी प्यार और ध्यान, समर्थन, विश्वास और प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को मानव शरीर पर दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में बता देना चाहिए। और यदि संभव हो तो उन्हें नशीली दवाओं की नस्लों को अस्पतालों को देखने के लिए ले जायें, ताकि वे किसी भी समय नशीली दवाओं के साथ प्रयोग करने की आवश्यकता महसूस न करें।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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युवाओ में मादक पदार्थ व्यसन के कारण एवं रोकथाम | essay on drug addiction in hindi, essay on drug addiction in hindi.

- मादक पदार्थ / औषधि के सेवन की प्रबल इच्छा
- किसी भी प्रकार इन्हें प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय
- मादक पदार्थो के कुप्रभाव के परिणामस्वरूप मानसिक एवं शारीरिक निर्भरता
- अध्ययन , खेल , शौक , घर , परिवार एवं व्यवसाय में कम रूचि
- अनुत्तरदायी पूर्ण व्यवहार
- खाद्यपान और निद्रा की अनियमित आदते
- चिडचिडापन तथा अनैतिक आचरण जिसमे चोरी करना म झूठ बोलना आदि शामिल है
- घर ,स्कूल ,उद्योग में अनुपस्थित रहना
- हाथ पैरो में कम्पन्न होना तथा स्कूटर या मोटर वाहन चलाने में असमर्थ होना
- शक्ति क्षीण होना
- आत्महत्या की प्रवृति पाया जाना
- भुजाओं /जंघाओं पर इंजेक्शन के चिन्ह होना (इंजेक्शन व्यसनी की स्थिथि में )
मादक पदार्थो में धुम्रपान ,गांजा ,चरस ,अफीम , हशीश ,हेरोइन ,कोकीन , L.S.D. , मार्फीन के इंजेक्शन ,शराब आदि का प्रयोग सम्मिलित है इन्हें High of Speed या Kick अथवा Kicks इत्यादि शब्दों से भी व्यक्त किया जाता है | पढ़े : वायु प्रदुषण पर निबन्ध | Air Pollution Essay in Hindi मादक पदार्थो के प्रकार | Types of Drugs
- उत्तेजक Stimulant [ कोकीन ,एम्फीटामाइन ,मिथेड्रीन्, डेक्सीड्रीन, कैफीन ]
- निश्चेतक Narcotic [ मार्फीन ने ननिर्मित हेरोइन ]
- अवसादक Depressant [ बारबिच्युरेट्स , नेम्बूटाल , सिकोनाल ,सेनोरिल ]
- भ्रान्तिजनक Hallocinogens [L.S.D.]
पढ़े : ध्वनि प्रदुषण पर निबन्ध | Noise Pollution Essay in Hindi औषधि व्यसन के कारण | Causes of Drug Addiction in Hindi
- बुरे दोस्तों की संगति
- रोमांच एवं प्रसन्नता प्राप्ति हेतु
- पलायनवादी प्रवृति
- उत्सुकता की संतुष्टि हेतु
- अपने को स्वतंत्र एवं उन्मुक्त समझना
- शहरीकरण / औधोगिकरण
- मादक पदार्थो की सहज उपलब्धि
- अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक उपलब्धि
- युवा कुंठाए / छात्र असंतोष / हिप्पी वादी या पॉप संस्कृति
- अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक माहौल
- परिवार का टूटना /अभिभावकों का ध्यान न देना
- परिवार के किसी सदस्य का औषधि व्यसन होना
- मादक पदार्थो एवं ड्रग माफीयाओ का विश्वव्यापी जाल
इन कारको को मनोवैज्ञानिक ,सामाजिक ,औषधि उपलब्धि एमव शारीरिक कारणों के अंतर्गत वर्णित किया जा सकता है | पढ़े : विश्व शान्ति दिवस पर निबन्ध | International Peace Day Essay in Hindi मादक पदार्थो के व्यसन , दुरुपयोग पर रोकथाम के उपाय | Solution for Drug Addiction in Hindi
- मादक पदार्थो की तस्करी पर कठोर प्रतिबन्ध
- औषधि व्यसनियो के प्रति चिकित्सको /नर्सिंग कार्मिको के दृष्टिकोण में बदलाव लाना
- मादक पदार्थो के खिलाफ व्यापक जन शिक्षा
- माता पिता ,अभिभावक एवं शिक्षको द्वारा युवाओ की प्रवृतियों पर ध्यान रखना
- व्यसनियो का उपचार करना
- सविधानिक प्रावधानों एवं कानूनी प्रतिबंधो का उपयुक्त उपयोग करना तथा इन्हें सुदृढ़ करना
- नशामुक्ति शिविरों की व्यवस्था तथा अनुवर्ती देखभाल पर विशेष ध्यान देना
- सीमा पार से मादक पदार्थो की खेप रोकना
- मादक पदाथो के विरुद्ध विश्व स्तर की कार्यनीति एवं सहयोग की व्यवस्था विकसित करना
पढ़े : बैसाखी त्यौहार पर निबन्ध | Baisakhi Festival Essay in Hindi Drug Addiction से जुड़े आंकड़े
- भारत में Drug Addiction के सबसे ज्यादा मामले पंजाब में मिलते है जहा पर लगभग 75 प्रतिशत युवाओं को Drugs की आदत है जिसका मतलब है कि हर 4 बच्चो में से एक को Drugs की लत है जो बहुत चिंता का विषय है |
- पंजाब के बाद मुम्बई हैदराबाद और कुछ अन्य शहरों में भी Drug Abuse तेजी से फ़ैल रहा है जिसको रोकना बहुत जरुरी है इसलिए दिल्ली में तो Rehab सेण्टर भी शुरू किये गये जो Drug Addicts को उनकी आदत छुडवाने में मदद करते है |
- भारत के 75 प्रतिशत से ज्यादा घरो में कम से कम एक मादक पदार्थो का सेवन करने वाल मौजूद हो वो चाहे बीडी ,सिगरेट या ओर कोई नशा करता है |
- जानकारों का मानना है कि 13-14 वर्ष की उम्र में ही मादक पदार्थो के लत सबसे ज्यादा लगती है इसलिए यदि इस उम्र में बच्चो को कण्ट्रोल किया जाए तो Drug पर भी कण्ट्रोल जो सकता है |
- हर दिन Drug Abuse की वजह से देश में 10 जाने जाती है जिसमे से एक वव्यक्ति की मौत पंजाब से ही होती है |
- सयुंक्त राष्ट्र के आंकड़ो के अनुसार 2014 में Drug Addiction की वजह से दुनिया भर में 2 लाख लोगो ने अपनी जान गवाई थी |
- 500 डॉलर बिलियन के व्यापार के साथ Drugs का व्यापार दुनिया में पेट्रोलियम और शस्त्रों के बाद तीसरा सबसे बड़ा व्यापार है |
- UN की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 लाख लोग हेरोइन एडिक्ट है जबकि अनौपचारिक रूप से देखा जाए तो इनकी संख्या 50 लाख तक हो सकती है |
- 13 से भी ज्यादा प्रकार की Drug अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मौजूद है जिनकी कीमत 1.5 लाख प्रति किलो से लेकर 2.5 करोड़ प्रति किलो तक होती है |
- भारत में Drug Addiction के सबसे ज्यादा मामले पंजाब ,उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र ,तमिलनाडु राजस्थान और जम्मू कश्मीर में है वही दुसरी ओर भारत में Drug Addiction के सबसे कम मामले सिक्किम ,अंडमान पांडिचेरी और लक्षद्वीप में है |
- एक Drug Addict प्रतिदिन औसतन 1400 रूपये Drugs में उदा देता है |
- भारत में Drug माफियाओ के पकड़े जाने पर 10 साल की सजा और 1 या 2 लाख तक के जुर्माने के प्रावधान है |
- विश्व भर में हर प्रतिदिन 7500 करोड़ Drugs की खपत होती है जिसमे से भारत में रोज 2000 करोड़ के ड्रग की smuggling होती है |
- भारत में De-Addiction सेंटर्स में 20 प्रतिशत से भी ज्यादा Drug Addict 16 साल से कम उम्र है क्योंकि Drug मेडिकल शॉप पर आसानी से 25 रूपये से कम कीमत पर भी मिल जाती है |
- Drugs का निर्माण अफ़घानिसतान में होता है जो पाकिस्तान के जरिये भारत में आती है और उसके बाद विश्व के दुसरे देशो में भेजी जाती है | इसमें मुनाफे का प्रतिशत 300 प्रतिशत से भी ज्यादा होता है |
- Drugs के पैकेट को 553 किमी भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर फेंका जाता है जहा से ड्रग माफिया उसे लेकर 12 घंटे के अंदर दिल्ली पहुचा देते है और वहा से देश के दुसरे इलाको में सप्लाई होती है |
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hello friends , i an your friend Prem pal Sharma frome Pangi do not smoke . it is very harm full product for our body. please no smoke ok bro.
best it soooooooo gud for me and i leave 1st position to read the stanja
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Essay on Drug Addiction in Hindi Language- मादक पदार्थों की लत निबंध
In this article, we are providing information about Drugs addiction in Hindi. Essay on Drug Addiction in Hindi Language- नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, मादक पदार्थों की लत निबंध Drug Abuse in India Essay.
आज़ादी के लगभग 30 वर्षों तक हमारे देश में नशाखोरी को समृद्धि का प्रतीक नहीं माना जाता था और पीने वाले लोग चोरी-छिपे या बड़े लोगों की निगाह से बचकर नशे का सेवन करते थे। आज तो इसका प्रचलन स्टेटस सिंबल बन गया है। शादी-विवाहों में ही नहीं घर की छोटी-छोटी बैठकों, जन्म-दिवस जैसी खुशी की घड़ियों में यदि शराब न परोसी गई तो सारे आयोजन का मजा ही किरकिरा माना जाता है। नशा चाहे शराब का हो अथवा भांग, गांजा या चरस का, उसके समर्थकों की कमी नहीं रही। फिर भी बुरी लत तो बुरी होती है। वह हमारे मन मस्तिष्क, स्वास्थ्य तथा आर्थिक स्थिति को चौपट करके रख देती है। दीवानगी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि घर-बार बर्बाद हो जाते हैं।
गांधीजी वे शराबियों की दशा से भली-भाँति अवगत थे तथा इस देश की गरीबी भी उनसे छिपी नहीं थी जिसकी वजह से उन्होंने नशा उन्मूलन को कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल किया था। आज राजनेताओं में भी शराब की लत बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है। सरेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जाती है। सत्ता पाने के लोभ में स्वयं नशे के विरोधी बनकर अंदर से शराब और मांस परोसकर सत्ता के नंबरदार बनना चाहते हैं। कानून के संरक्षकों की नाक के नीचे स्मैक, अफीम तथा कोकीन जैसे निषिद्ध मादक द्रव्य तथा युवकों को चौपट करनेवाली दवाइयों की बिक्री होती है। सरकार खुली शराब बेचने के लाइसेंस दे रही है। शराब की दुकानें बढ़ा रही है और खुद लाभ के लोभ में शराब की दुकानें खोल रही है। विदेशों में मदिरापान, पानी पीने के समान माना जाता है। भारत के यूवा पश्चिम की इस बुराई का अंधानुसरण करने लगा है। किंतु सरकारी ढील, बेरोजगारी और प्रशासनिक तंत्र का शिथिल और लापरवाह होना नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार है।
नशाखोरों को, चाहे वह कोई भी नशा करते हों उनको महिमामंडित करने के बजाय, उनका सामाजिक तिरस्कार किया जाना चाहिए। नशे की गैर-कानूनी बिक्री रोकने तथा बेचनेवालों को पकड़वाने के लिए जन जागरण लाया जाए। जगह-जगह नशाखोरी के खिलाफ प्रदर्शन तथा नशे की दुकानों के आगे प्रदर्शन किए जाएँ, तभी नशाखोरी की प्रवत्ति कम की जा सकती है और यदि व्यापक प्रयास किए जाएँ तो नशाखोरी का उन्मूलन भी किया जा सकता है। उन्मूलन के लिए जनता को अपनी जिम्मेदारी स्वयं निभानी होगी। नशाखोरी की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोकने के लिए सामने आना होगा। इसी में देश व समाज का हित है।
#Drug Addiction Essay in Hindi
ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Drug Addiction in Hindi Language आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।
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नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi
नमस्कार आज के निबंध , नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज का निबंध भारत में नशे की समस्या पर आसान भाषा में निबंध दिया गया हैं.
युवाओं में नशाखोरी की समस्या और समाज पर इसके प्रभाव पर स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको यह पसंद आएगा.
नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi

पिछले कुछ वर्षो से भारत में नशे के लिए ड्रग्स (Drugs) और मादक दवाओं (Narcotic drugs) का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. एवं इसने एक विकराल समस्या का रूप ले लिया है. एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 70 लाख लोग नशे की लत के शिकार है.
जिनमे लगभग 10 लाख लोग हेरोइन के नशे की चपेट में है. गैर आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार यह संख्या 50 लाख तक भी हो सकती है.
स्कूली छात्रों के मध्य किये गये एक सर्वे में पाया गया कि भारत में नौवी क्लाश तक पहुचने वाले छात्रों में 50 प्रतिशत छात्र ऐसे है. जिन्होंने एक बार किसी न किसी नशे का सेवन किया है.
राजस्थान में भी नशे की गम्भीर समस्या है राजस्थान में मुख्य रूप से डोडा पोस्त (Doda Post) ,अफीम (Opium) व अफीम से बने नशीले पदार्थो का सेवन किया जाता है.
राजस्थान परम्परिक रूप से अफीम उत्पादक है. यहाँ कोटा बारां, झालावाड़, चितोड़गढ़ उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में अफीम की खेती की जाती है.
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नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो (Narcotics central bureau) द्वारा इन क्षेत्रों में अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किये जाते है. सरकार की अफीम कृषि निति के अनुसार जितनी भी अफीम की खेती का उत्पादन होता है उसे दवाइयों में उपयोग करने के लिए सरकारी एजेंसियों को सौपा जाता है.
परन्तु सरकारी स्तर पर चार चौकसी की व्यवस्था नही होने के चलते इस निति का पूर्ण क्रियान्वयन नही हो पाता है. तथा किसान अफीम का एक बहुत बड़ा हिस्सा चोरी छिपे ड्रग माफिया को दे दिया जाता है. क्युकि अफीम का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य अधिक होने के कारण इससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है.
यह अफीम देश ही नही दुनिया के कई हिस्सों में स्मगल की जाती है. इस अफीम का एक हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में पहुच जाता है. जहाँ विवाह, मृत्यु व अन्य सामाजिक अवसरों पर अफीम का उपयोग करने की पुरानी परम्परा है.
वर्तमान समय में यह परम्परा कुरीति का रूप ले चुकी है. पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिले विशेषकर बाड़मेर, बीकानेर व जैसलमेर में अफीम Opium का काफी प्रचलन है.
पश्चिमी राजस्थान अफीम का अंतर्राष्ट्रीय हब बन चूका है. पाकिस्तान व अफगानिस्तान को यहाँ से अफीम की सप्लाई किये जाने का कारोबार भी बड़े स्तर पर फ़ैल चूका है.
नशे के दुष्प्रभाव (Side effects of intoxication/Drug Abuse In Hindi)
नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होते है बल्कि इससे उसका पूरा परिवार तथा समाज प्रभावित होता है. ड्रग्स की लत न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से अपंग बना देती है बल्कि उसकी मानसिक क्षमताओं को भी बुरी तरह प्रभावित करती है.
परिवार के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य को ड्रग्स की लत जाने से पूरा परिवार तबाह हो जाता है. तथा इसका असर समाज और देश पर भी पड़ता है.
नशे का गुलाम व्यक्ति तब तक जीता है, अपने आप पर, अपने परिवार तथा देश पर एक बोझ की तरह जीता है. नशे की लत लग जाने पर नशा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति चोरी चकारी करता है तथा जरूरत पड़ने पर बड़े अपराधों को भी अंजाम दे देता है.
ड्रग्स माफिया नशे के आदि व्यक्तियों को कैरियर के रूप में काम में लेते है. तथा उनके माध्यम से ड्रग्स की तस्करी करवाते है वे खुद कभी भी कानून की पकड़ में नही आते है जबकि ड्रग्स का आदि व्यक्ति केवल नशे की पूर्ति के लिए सभी अनैतिक कार्य करने के लिए विवश होता है और इसका परिणाम स्वयं व उसका पूरा परिवार भुगतता है
नशे के उपयोग में लाई गई सूइया hiv का कारण बनती है जो अन्तः एड्स का रूप धारण कर लेती है. नशे के प्रभाव में व्यक्ति पागल व सुसुप्तावस्था में आ जाता है व नशे की उतेजना में अपराध तक कर बैठता है. नशे के सेवन से अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है.
भारत में मादक ड्रग्स का उपयोग बढ़ने के कारण (Due to the increase in the use of narcotic drugs in India In Hindi)
एक आंकलन के अनुसार भारत की आधे से ज्यादा संपदा केवल 50 लोगों के हाथो में है. अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब के लिए अपने परिवार को चलाना ही एक चुनौती है.
गरीब लोगों के पास अपने परिवार को मूलभूत सुविधाएं दे पाना मुश्किल हो गया है. गरीब व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो समय का भोजन दे पाता है. अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना तो बहुत दूर की बात है.
ऐसी स्थति में गरीब व्यक्ति तनाव व अवसाद में रहता है जिसके चलते कई बार अपने आपकों तनाव से मुक्त करने के लिए ड्रग्स का सहारा लेता है और धीरे धीरे इसका आदि हो जाता है.
भारत में अधिकाँश युवा ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी बेरोजगार है. वे शारीरिक श्रम कर या छोटा मोटा व्यवसाय कर पर्याप्त आय अर्जित नही कर पाते है. क्युकि बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किसी छोटे व्यवसायी के लिए कोई जगह नही छोडी है.
ऐसी स्थति में युवावर्ग ड्रग्स माफिया का चंगुल में आ जाता है. तथा थोड़े से लाभ के लिए ड्रग्स कैरियर के रूप में काम करने को तैयार हो जाता है और अंतत नशे की लत का शिकार हो जाता है.
यधपि ड्रग्स की रोकथाम के लिए कठोर कानून एन डी पी एस अधिनियम बनाया गया है परन्तु इसकी पूरी तरह से पालना नही हो रही है. सरकार ने ड्रग्स की रोकथाम के लिए अनेकों एजेंसियों जैसे नारकोटिक्स, कंट्रोल ब्यूरो, केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, कस्टम आयुक्तालय, केन्द्रीय आबकारी आयुक्तालय, राज्य आबकारी विभाग आदि बनाए गये है.
परन्तु इन एजेंसियों एवं विभागों के मध्य सामजस्य का अभाव है. व ड्रग्स व नशे पर पूरी तरह से रोकथाम लगाने में विफल रहे है.
वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधिया बढ़ने के साथ साथ ट्रांसपोर्ट के साधन जैसे ट्रक, बस, ट्रेन हवाई जहाज आदि बढ़ गये हीन सारे ट्रांसपोर्ट माध्यमो पर निगरानी नही हो पाती है. ड्रग्स माफिया इसका फायदा उठाते है और आसानी से ड्रग्स की स्मगलिंग करते है. इससे भी नशे में बढ़ोतरी हुई है.
नशे की समस्या का निवारण (Redressal problem Drug Abuse solution In Hindi)
ड्रग्स की समस्या के निवारण के लिए कठोर अफीम निति और इसका पूरा पालन सुनिनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है. अफीम की खेती चारदीवारी या पूरी तरह सरकार की निगरानी में की जानी चाहिए.
किसानों को अफीम का उचित मूल्य दिया जावें, जिससे वे आर्थिक लाभ के लिए अफीम को ड्रग्स माफिया को नही बेचे. किसानों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें नशे के दुष्प्रभाव को बताकर प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अफीम को सरकारी एजेंसियों को ही सौपे .
कुल मिलाकर एक ऐसी व्यवस्था कायम करने की आवश्यकता है जहाँ एक ग्राम भी अफीम ड्रग्स तस्करों के हाथ नही पहुचे.
ड्रग्स की प्रभावी रोकथाम के लिए समाज में ख़ुफ़िया तन्त्र विकसित करने की आवश्यकता है. जो ड्रग्स की जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सम्बन्धित एजेंसी को दे.
सुचना देने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त पुरस्कार एवं सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए ऐसा करके उनका विश्वास जितने की आवश्यकता है.
ड्रग्स की रोकथाम में लगी हुई विभिन्न एजेंसियों के मध्य सामजस्य के लिए एक केन्द्रीय एजेंसी बनाई जानी चाहिए जो सभी एजेंसियों के मध्य सामजस्य के साथ साथ इसकी गतिविधियों पर नियन्त्रण रखे. इन एजेंसियों को सभी साधन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. और समय समय पर आवश्यक प्रक्षिक्षण दिया जाना चाहिए.
विभिन्न सरकारी एजेंसियों को उनके कार्यो के प्रति उतरदायी ठहराया जाना चाहिए एवं यदि उनके द्वारा कर्तव्य पालन में चुक की जाती है. तो उचित उदाहरणत्मक कार्यवाही की जानी चाहिय.
ड्रग्स की रोकथाम के लिए भी न्याय व्यवस्था को सुद्रढ़ किये जाने की आवश्यकता है. एन. डी. पी. एस. अधिनियम के प्रावधान अपने आप में पर्याप्त है. परन्तु इसकी पालना सुन्शिचित करवाने के लिए अनुसन्धान एजेंसियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.
जिससे अनुसन्धान में रही तकनीक त्रुटी के आधार पर दोषी बचने में सफल नही हो पाए. अभियोजन को पूरी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष रखकर सजगता से पैरवी करनी चाहिए. और न्यायालय को छोटी छोटी तकनीकी त्रुटियों के आधार पर अभियुक्तगण को बरी नही किया जाना चाहिए.
ऐसी न्याय व्यवस्था कायम की जानी चाहिए जिसका समाज में यह संदेश जावे कि ड्रग्स का कारोबार करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शिकंजे से नही बचेगा और उसे अवश्य ही सजा मिलेगी.
निति निर्माताओं को देश की अर्थ निति, कृषि निति और शिक्षा निति पर भी नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.
अर्थ निति ऐसी होनी चाहिए जिससे गरीब अमीर का अंतर कम हो सके. कर चोरी पर पूरी तरह से रोकथाम लगे. काले धन का संचय नही हो और पब्लिक मनी का उपयोग राष्ट्रहित में किया जावे.
शिक्षा निति में आवश्यक बदलाव कर यह सुनश्चित किया जाना चाहिए कि उसका उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करना न होकर रोजगार हासिल करना हो.
ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर युवाओं को व किसानों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जावे जिससे उनमे शहरों की पलायन की प्रवृति रुक सके.
ऐसा करने से गरीब किसान व युवावर्ग को नशे से दूर रखा जा सकता है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न स्थानों पर, कम से कम एक जिला स्तर पर नशामुक्ति केंद्र स्थापित करना चाहिए.
जहाँ विशेज्ञयों द्वारा नशे की लत से शिकार व्यक्तियों को परामर्श उपलब्ध करवाकर नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जावे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जावे.
इन केन्द्रों पर आधुनिक तकनीक व सुविधाए होनी चाहिए. गरीब लोगों के लिए वे सुविधाएं मुफ्त होनी चाहिए. इन सुविधाओं का पर्याप्त प्रसार प्रसार होना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों को नशे के बारे में जानकारी मिल सके.
नशा छोड़ देने वाले व्यक्ति लो निगरानी के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पुन; नशे की दलदल में नही फसे. ऐसे व्यक्तियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए एवं उन्हें उत्पादक गतिविधियों में शामिल किया जाना चाहिए जिससे फिर से वे नशे का रुख नही करे.
आवश्यकता होने पर ऐसे व्यक्तियों को नये रोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए. उनके परिवारों को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे पुरानी बातो को भुलाते हुए खुले दिल से नशा छोड़ने वाले व्यक्ति का स्वागत करे और उसे आत्मीय व्यवहार प्रदान करे.
केवल कानून से ड्रग्स की समस्या से निजात नही पाई जा सकती है. इसके लिए जनचेतना और पुरे समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है. समाज को ड्रग्स के दुष्प्रभावो के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.
और ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ न केवल आम आदमी नशे से दूर रहे बल्कि नशीले पदार्थो की तस्करी की सप्लाई की कोई भी जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सरकारी एजेंसियों को दे जिससे नशे के कारोबारियों को तुरंत सजा मिल सके.
नशे की रोकथाम के उपाय (Drug prevention measures In Hindi)
विधिक सेवा संस्थाओ का यह सामाजिक एवं विधिक दायित्व है कि वे ड्रग्स की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए. विधिक सेवा संस्थाओं को सरकारी एजेंसियों विशेज्ञयों के साथ मिलकर ड्रग्स की रोकथाम के लिए ठोस योजना निति बनानी चाहिए.
जिसके तहत आम जन को ड्रग्स की रोकथाम के लिए बने हुए कानूनों तथा समाज पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जावे. विधिक सेवा संस्थाओं के पैनल अधिवक्ता व पैरालीगल वोलेंटीयर्स सरकारी विभागों के साथ मिलकर इस दिशा में प्रभावी कार्य कर सकते है.
विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा स्कुल कोलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते है. निबंध, पोस्टर, पेंटिंग, वाद विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कर विद्यार्थियों को जागरूक किया जावे.
विद्यार्थी विधिक सेवा व शान्ति दूत के रूप में कार्य करते हुए नशा मुक्ति का संदेश पूरे समाज में पहुचाना चाहिए. विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों का दौरा कर नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को आवश्यक परामर्श दिया जावें.
यदि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा अपने कर्तव्य की पालना नही की जाती है तो विधिक सेवा संस्थाए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाएं दायर की जा सकती है.
नशे की रोकथाम के लिए हम सभी को पुरे मनोयोग से सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है एकल प्रयासों इस पर पार पाना संभव नही है.
सभी सरकारी एजेंसियों व विधिक सेवा संस्थाओं को मिलकर इस बुराई की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए. तभी नशा मुक्ति भारत का सपना साकार हो सकेगा.
नशा मुक्ति De Addiction Meaning Drug Abuse In Hindi
एक व्यक्ति द्वारा ऐसी मादक दवाएं / नशीली दवाएं अथवा नशीली सामग्री का उपयोग करना जिससे शारीरिक/मानसिक/ मनोवैज्ञानिक क्षमताएं प्रभावित होती हो, नशाखोरी / दुर्व्यसन कहलाता हैं.
लोग प्रायः अपने आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्ति पाने के लिए गम या हर्ष का प्रदर्शन करने के लिए, अपनी समर्द्धता या स्फूर्ति अनुभव कराने के लिए नशा करते हैं.
सरकारी आकडे के अनुसार देश में 7.3 करोड़ लोग नशे का सेवन करते है तथा 70 प्रतिशत इसके अभ्यस्त हो चुके हैं. नशाखोरी के उदहारण- भांग, गांजा, चरस, शराब/ एल्कोहल, अफीम, हेरोइन, एलएसडी, मार्फीन, कोकीन आदि.
नशाखोरी के प्रकार
उद्दीपक दवाएं अपर्स/पेप पिल्स/स्पीड.
- मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा अस्थायी स्फूर्ति आने से व्यक्ति में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हो जाता हैं. जैसे एमफोटेमाईन दवा, कोकेन (कोका के पौधे से प्राप्त क्षारतत्व- एल्केलायड) क्रैक (कोकीन क ही एक ओर रूप) अधिकतर खिलाड़ियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा उपयोग
- कोकीन के अधिक उपयोग से मनोवैज्ञानिक समस्याएं यथा- चिंता, तनाव, भय, अनिद्रा आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा शरीर का वजन कम हो जाता हैं.
अवसादक दवाएं / डाउनर्स
- मस्तिष्क एवं मांसपेशियों की क्रियाशीलता को कम करती हैं जैसे शराब/ एल्कोहल, मैड्रेक्स, वेलियम, लिब्रियम आदि.
- गोलियां अधिक उपयोग करने से आलस्य, चिड़चिड़ापन, मानसिक निष्क्रियता आदि हैं.
- प्रायः अवसादक गोलियों में बार्बीटुरेट रसायन होते हैं. जो नीद की गोलियों में भी पाए जाते हैं.
- इन दवाओं के अधिक सेवन से या बिना चिकित्सकीय निरिक्षण के इनका उपयोग बंद करने पर खतरे की स्थिति पैदा होती हैं.
विभ्रांति कारक दवाएं/ चेतना प्रसार दवाईयां
- मानसिक संवेदन को तीव्र करने वाली हमारी चेतना का ढंग/ सुनने/ देखने/ अनुभव का ढंग बदलने वाली दवाईयां
- इन दवाओं के सेवन से समय, स्थान, पहचान का बोध धीरे धीरे समाप्त हो जाता हैं. व्यक्ति को इसकी कम मात्रा में लगता है जैसे वह अधिक उंचाई पर हैं.
स्वापक दवाएं / अफीमी दवाएं
- पोस्त के पौधे से बनने वाली दवाइयां जैसे अफीम हेरोइन, मार्फीन, मीथेडीन, पैथीडीन आदि.
- अफीम पोस्त पौधे से तैयार होती हैं. अफीम का वैज्ञानिक नाम Lachryma Papaveris या पैपेवर सेमेइफेरम हैं. अफीम में
- 12 प्रतिशत मार्फीन होती हैं. मार्फीन से ही हेरोइन को तैयार किया जाता हैं.
- हेरोइन महंगी होने के कारण उसके अपरिष्कृत रूप में ब्राउन शुगर एवं स्मैक प्रयुक्त होते हैं.
- गाँवों में अफीम का उपयोग कब्ज पैदा करने हेतु, सर्दी जुकाम से निजात हेतु, युद्ध के समय मल मूत्र रोकने हेतु एवं यौन शक्ति बढ़ाने हेतु किया जाता था. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत व्यापक रूप से इसका उपयोग होता हैं.
- राजस्थान में चित्तौड़गढ़ अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक जिला हैं.
अन्य नशीले पदार्थ
- भांग के पौधे से ही भांग गांजा चरस आदि प्राप्त होते हैं जिन्हें खाकर, पीकर, धुम्रपान के रूप में सेवन किया जा सकता हैं.
- केनबिस सैटिवा के जंगली/ कृषिजात नर / नारी सभ प्रकार के पौधों की पत्तियों से भांग प्राप्त होती हैं.
- कृषिजात नारी पौधों के फूलदार, फलदार शाखाओं को क्रमश सुखाकर व दबाकर गांजा तैयार करते हैं जो इन्ही पौधों से जो रालदार स्राव निकलता है उससे चरस/ सल्फा प्राप्त करते हैं.
- चरस गांजे के पेड़ से ही निकला एक प्रकार का गोंद हैं जो मोम की तरह हरें पीले रंग का द्रव्य हैं.
मादक द्रव्यों के दुष्परिणाम
- मादक पदार्थों से व्यक्ति के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ता हैं.
- स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव- मानसिक अक्षमता, संवेगात्मक असंतुलन, अत्यधिक निद्रा
- विभिन्न दुर्घटनाएं
- अवैध व्यापार, तस्करी को बढ़ावा, अपराधीकरण, भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण, पारिवारिक पतन
- आर्थिक संकट
नशाखोरी के तथ्य
- विश्व में 1968 में अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की स्थापना हुई. यह स्वतंत्र व अर्द्धन्यायिक संस्था है जिसका मुख्यालय वियना आस्ट्रिया हैं.
- केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) की स्थापना नवम्बर 1950
- विश्व में मादक द्रव्यों के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय दिवस- २६ जून
- नशा निषेध दिवस पर निबंध
- नशा मुक्ति पर निबंध
- नशाखोरी का युवा समाज व देश पर प्रभाव
उम्मीद करता हूँ दोस्तों नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi का यह निबंध आपको पसंद आएगा.
यदि आपको नशाखोरी के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.
3 thoughts on “नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi”
Very nice sir thanku….
Very inspired essay for peoples To abuse drugs
धन्यवाद हर्ष जी
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नशे की लत - Drug Addiction in Hindi
Dr. ayush pandey mbbs,pg diploma october 10, 2018, august 31, 2023.

नशे की लत क्या है?
नशे की लत होना एक बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। कुछ पदार्थ जैसे अल्कोहल, मारिजुआना (marijuana; गांजा) और निकोटीन को भी नशे ही एक रूप माना जाता है, जब आप इनके आदी हो जाते हैं, तो इनके कारण होने वाले नुकसानों को जानने के बावजूद भी इनका उपयोग जारी रखते हैं।
नशे की लत, सामाजिक माहौल में खुद की संतुष्टि के लिए नशीले पदार्थों के उपयोग से शुरू हो सकती है। जिसके बाद लोग इनका प्रयोग बार-बार करने लगते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में ओपिओइड्स (opioids/ एक प्रकार की दवा) से पूर्ण नशीले पदार्थों की लत, किसी के द्वारा बताने और स्वंय के द्वारा इनका सेवन करने से प्रारंभ होती है। देखा जाता है कि शुरूआती दौर में कोई दोस्त या फिर रिश्तेदार इनको लेने की सलाह देते हैं।
आप कितनी तेजी से इन दवाओं आदी होते हैं वह इनके जोखिम, दवाओं की भिन्नता पर निर्भर करते हैं। कुछ दवाएं जैसे- ओपिओइड (दर्द निवारक दवा) से लत लगने का उच्च जोखिम होता है और यह अन्य की तुलना में लत लगने का मुख्य कारण भी होती है।
जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, आपको इन नशीले पदार्थों की अधिक खुराक की आवश्यकता होती है। जल्द ही आपको बेहतर महसूस करने के लिए इस की जरूरत होने लगती है। जैसे ही आप उपयोग बढ़ाते हैं, आपको लगता है कि इस के बिना आपका रहना मुश्किल हो जाएगा। नशीले पदार्थों के प्रयोग को रोकने के प्रयास में आप खुद को शारीरिक रूप से अक्षम व बीमार महसूस करते हैं।
आपको नशीले पदार्थों की लत से दूर करने और नशीली दवाओं से मुक्त रहने के लिए अपने डॉक्टर, परिवारिक सदस्यों, मित्रों, सहायता समूहों या संगठित उपचार कार्यक्रम से मदद लेने की आवश्यकता होती है।
(और पढ़ें - मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है )
नशे की लत के प्रकार - Types of Drug Addiction in Hindi
नशे की लत के लक्षण - drug addiction symptoms in hindi, नशे की लत के कारण - drug addiction causes in hindi, नशे की लत के बचाव के उपाय - prevention of drug addiction in hindi, नशे की लत का निदान - diagnosis of drug addiction in hindi, नशे की लत का उपचार - drug addiction treatment in hindi.
- नशे की लत के जोखिम और जटिलताएं - Drug Addiction Risks & Complications in Hindi

नशे की लत के प्रकार क्या है?
- सिगरेट और तंबाकू की तरह अन्य रूपों में निकोटीन लेना नशे की लत को बढ़ाता है। (और पढ़ें - सिगरेट पीने के नुकसान )
- शराब का सेवन मस्तिष्क और शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। (और पढ़ें - शराब पीने के नुकसान )
- मारिजुआना (कैनबिस) सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला अवैध नशीला पदार्थ है।
- आमतौर पर दर्द से राहत के लिए ओपिओइड्स को लिया जाता है।
- मेथिलफिनेडेट (Methylphenidate) और एम्फ़ैटेमिन्स (amphetamines) जैसे उत्तेजक।
- आमतौर पर नींद के लिए या चिंता को कम करने के लिए डिप्रेसेंट दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
- एक्सटसी (Ecstasy; इसको एमडीएमए भी कहा जाता है)
(और पढ़ें - मानसिक रोग के प्रकार )

नशे की लत से जुड़े व्यवहार व लक्षण क्या होते हैं?
नशे की लत के लक्षण या व्यवहार में निम्न को शामिल किया जा सकता हैं:-
- शारीरिक या मनोवैज्ञानिक नुकसान हो जानने के बाद भी इस तरह के नशे को करते रहना। (और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय )
- ड्रग हासिल करने के लिए चोरी जैसे काम भी करना, जो आप आम तौर पर नहीं करते।
- वाहन चलाना व इस तरह के जोखिम भरे काम नशे में होने के बावजूद भी करना।
- इसको छोड़ने के प्रयासों में विफल रहना।
- नशा बंद करने की स्थिति में आप इसके लक्षणों को कम होता पाते है।
- निश्चित समय की तुलना में लंबी अवधि तक दवा का सेवन करना।
- इस तरह की दवाओं की आपूर्ति को बनाए रखना।
- ज्यादा पैसे न होने पर भी इन दवाओं को लेना।
- नशे की लत के कारण अपने दायित्वों, काम की जिम्मेदारियों व सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना।
- नियमित रूप से नशे का उपयोग करने की इच्छा होना- पूरे दिन में एक या कई बार।
- नशा करने के अलावा किसी भी बात के बारे में ना सोचना।
- किसी निश्चित समय में अधिक प्रभाव पाने के लिए अधिक दवाओं का सेवन करना।
आपका बच्चा या परिवार का कोई सदस्य नशे की लत का आदी हो चुका हो, तो उसमें निम्न तरह के संकेतों को देखा जाता हैं:
- व्यवहार में परिवर्तन, व्यक्ति अपने कमरे में किसी को आने नहीं देता और दोस्तों के साथ जाते समय भी इस बात का ध्यान रखता है कि उसकी बात किसी को पता न चलेे। परिवार के सदस्यों व करीबी दोस्तों के साथ व्यवहार में परिवर्तन आना।
- धन की परेशानी, बिना उचित स्पष्टीकरण दिए पैसे के लिए अचानक अनुरोध करना या दूसरों की जानकारी के बिना ही घर से पैसे ले जाना।
- स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होना जैसे एनर्जी में कमी आना, वजन घटना या बढ़ना या आंखे लाल रहना। (और पढ़ें - वजन घटाने का तरीका )
- कपड़ों व संवरने में रुचि ना दिखाना।
- स्कूल या कार्यस्थल में समस्याएं होना। अक्सर स्कूल या कार्यस्थल से लापता रहना। कुछ दिनों से स्कूल व कार्यस्थल की गतिविधियों में रूचि न लेना। इसके अलावा कार्यक्षमता का तेजी से गिरना।
(और पढ़ें - वजन बढ़ाने के तरीके )

नशे की लत के कारण क्या होते हैं?
नशे की लत के मनोवैज्ञानिक कारण:
नशे की लत के कुछ मनोवैज्ञानिक कारणो में आघात (trauma) शामिल हैं। यह नशे की लत युवाओं में देखी जाती है।
घर में यौन या शारीरिक शोषण, उपेक्षा व हालातों का ठीक न होना, ये सभी स्थितियां मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा करती है, जिनसे बचने के लिए लोग खुद से ही कुछ दवाएं ले लेते हैं। खुद से दवा लेना ही नशे की लत का कारण बनता है।
(और पढ़ें - यौन शोषण क्या है )
नशे की लत के अन्य मनोवैज्ञानिक कारणों में शामिल हैं:-
- मानसिक रूप से स्वस्थ न होना, जैसे- तनावग्रस्त रहना।
- दूसरों के साथ जुड़ने में मुश्किल होना, जैसे दोस्त बनाने में मुश्किल।
- कार्यस्थल व स्कूल में खराब प्रदर्शन।
- तनाव को दूर करने में मुश्किल होना।
(और पढ़ें - तनाव को दूर करने के तरीके )
आसपास के माहौल के कारण नशे की लत
व्यक्ति के आसपास का माहौल भी नशे की लत का कारण बन सकता है। जहां नशा लेना स्वीकार्य है और लोग नशा करते है वहां पर बच्चों में भी जल्द नशाखोरी के लक्षण पनप सकते हैं।
घरों में मौजूद नशे के आदि बड़ों को देख देख कर बड़े होते बच्चे खुद भी इसके आदी हो जाते हैं।
अधिकांश नशीली दवाओं और नशीले पदार्थों का प्रयोग किशोरावस्था में ही शुरू होता है, जो बच्चे अपमानजनक स्थिति या माता-पिता की उपेक्षा सहते हैं, वे धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के आदी हो जाते हैं। नशे की लत के लिए जिम्मेदार कारणों में शामिल हैं:-
- किसी खेल में भागीदारी, जहां प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है।
- मित्रों का समूह, जो इस तरह की चीजों का उपयोग करता हो या प्रचार करता हो।
- सामाजिक-आर्थिक स्थिति का निम्न होना भी नशे की लत के लिए जोखिम कारक हो सकता है।
(और पढ़ें - दवाओं की जानकारी )
नशे की लत के आनुवंशिक कारण
नशे की लत कई परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है, अनुवांशिक कारण भी नशे की लत की वजह हो सकते हैं।
यह ज्ञात है कि कुछ जींस (genes) मस्तिष्क को निकोटीन लेने के लिए प्रभावित करते है और यह नशे की लत के कारण में अपना योगदान देते हैं।
(और पढ़ें - अटैक्सिया का इलाज )
नशे की लत को कैसे रोंके?
नशे की लत को रोकने के लिए किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण समय क्यों है?
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, कम उम्र में नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करना भी नशे के आदी होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। इस दौरान नशीले पदार्थों और शराब को रोकने के लिए किए गए प्रयास लंबे समय तक चल सकते हैं।
जीवन में किसी बड़े परिवर्तन के दौरान नशे की लत से खतरा बढ़ जाता है। वयस्कों में नशे की लत का कारण तलाक होना या नौकरी के छूट जाना भी हो सकता है।
छोटी उम्र में नशे का उपयोग हमारे मस्तिष्क के कार्य पर जैसे- स्मृति, सीखने, निर्णय लेने और व्यवहार को नियंत्रण करने में बाधा उत्पन्न करता है।
(और पढ़ें - गुटखा छोड़ने के उपाय )
जब हम नशे की रोकथाम की बात करते हैं, तो इसमें कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो आपके जोखिम को बढ़ा सकती हैं, इनको आप आसानी से बदल नहीं सकते हैं। जिसमें नशे के अादी व्यक्ति का पारिवारिक इतिहास, किस तरह से आप नशे के आदी हुए और आघात का अनुभव करने की स्थिति को शामिल किया जाता है।
वैसे तो इस लत को रोकने का कोई भी तरीका एेसा नहीं है जो असफल हो ही न, फिर भी कुछ बातों का पालन कर आप खुद को नशे का आदी बनने से रोक सकते हैं। इसमें शामिल हैः-
- अपने स्कूल, धार्मिक समुदाय या किसी अन्य संगठन के साथ मजबूत रिश्ता बनाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप इनके समारोह में शराब का जरूर ही सेवन करें।
- एंटी-ड्रग, तंबाकू और शराब से जुड़ी संस्थाओं के कार्यक्रमों में भाग लें।
- युवावस्था में नशे से बचें, जो लोग अपने शुरुआती किशोरावस्था में शराब पीने या नशीली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, वे अपनी बाद की जिदंगी में इसके आदी हो जाते हैं।
- बीती जिंदगी में कोई पीड़ा या आघात होने पर आप इससे बाहर आने के लिए किसी विशेषज्ञ से काउंसिलिंग कर मदद ले सकते हैं।
- एक थेरेपिस्ट के साथ काम करें यदि खुद पर नियंत्रण करने में मुश्किल हो रही हो।
- अपने दोस्तों को सावधानी से चुनें। इसके अलावा सहकर्मियों के दबाव से भी किसी भी उम्र में आप नशे के आदी हो सकते हैं, इसलिए नशा करने वाले दोस्तों और करीबियों से दूरी बना कर ही रखें।
दोबारा सही स्थिति में आने के लिए क्या करें?
नशे के आदी व्यक्ति को अपने मस्तिष्क के सभी कार्यों को दोबारा से ठीक करने व इसके दुष्परिणामों को दूर करने लिए दवाओं की मदद लेनी होती है। ओपिओइड (हेरोइन, दर्द को कम करने वाली दवाएं ), तम्बाकू (निकोटीन), और शराब की लत के उपचार के लिए भी दवाएं उपलब्ध हैं।
(और पढ़ें - तम्बाकू के नुकसान )
नशे की लत का निदान कैसे करें?
- नशे की लत का निदान करने के लिए एक संपूर्ण मूल्यांकन की आवश्यकता होती है और अक्सर इसमें मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक द्वारा मूल्यांकन शामिल होता है। (और पढ़ें - शॉक थेरेपी क्या है )
- इमेजिंग स्कैन, छाती का एक्स-रे और रक्त परीक्षण पूरे शरीर पर होने वाले दीर्घकालिक हानिकारक प्रभावों को दिखाता हैं। (और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन टेस्ट क्या है )
- रक्त, मूत्र या अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों का उपयोग दवा के उपयोग के आंकलन के लिए किया जाता है, लेकिन ये नशे की जांच के लिए नहीं हैं। हालांकि, इन परीक्षणों का इस्तेमाल उपचार और दोबारा ठीक होने की स्थिति की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
(और पढ़ें - यूरिन टेस्ट क्या है )
नशे की लत का इलाज कैसे करें?
इसके सफल इलाज के कई तरीके है:-
- विषहरण (प्रक्रिया जिसके द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर किए जाते हैं)
- नशे की लत छु़ड़ाने के लिए कांउसिलिंग
- दवा (ओपिओइड, तंबाकू, या शराब की लत के लिए)
- अवसाद और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के लिए मूल्यांकन और उपचार
- पुनरावृत्ति को रोकने के लिए दीर्घकालिक बचाव
(और पढ़ें - डिप्रेशन के लिए योग )
दवाओं के उपयोग से इसके लक्षणों व दोबारा स्थिति पैदा करने वाले कारको को कम किया जा सकता है।
इससे बाहर आने के लिए क्या करें:
दवाएं नशे की लत से बाहर आने की स्थिति में विषहरण (detoxification) के दौरान होने वाले प्रभावों को कम कर देती है। विषहरण अपने आप में "उपचार" नहीं है, लेकिन इस प्रक्रिया को ठीक होने का केवल पहला कदम माना जाता है। जिन रोगियों को विषहरण (detoxification) के बाद कोई और उपचार नहीं मिलता है, वे आमतौर पर अपने नशीले पदार्थों के उपयोग को फिर से शुरू कर देते हैं।
(और पढ़ें - बॉडी को डिटॉक्स कैसे करें )
ओपिओइड: मेथाडोन (Methadone) और नाल्ट्रेक्सोन (naltrexone) का उपयोग ओपिओइड के आदि व्यक्ति के इलाज के लिए किया जाता है। ये दवाएं वापसी के लक्षणों को कम कर देती हैं और दुष्परिणामों से राहत देती हैं। ये सभी दवाएं, नशे की मांग और संबंधित आपराधिक व्यवहार को कम करने में सहायता करती हैं और उनके व्यवहार संबंधी उपचार के लिए सहायता करती हैं।
- तम्बाकू: निकोटीन को छोड़ने की थेरेपी कई रूप में की जाती हैं, जिनमें पैच (patch), स्प्रे, गम और लोजेंज (lozenges) शामिल हैं।
- शराब के लिए
- तीन अनुमोदित दवाएं निम्नानुसार हैं:
- नैलट्रीसोन (Naltrexone)
- अकेम्प्रोसेट (Acamprosate)
- डिसुलफिरम (Disulfiram)
- सहवर्ती स्थितियों: अवसाद या चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए भी अन्य दवाएं उपलब्ध हैं, जो कि व्यक्ति की लत को छुड़ाने में योगदान देती हैं।
(और पढ़ें - शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक मिलाना के नुकसान )
व्यावहारिक थेरेपी (Behavioral therapies) रोगियों की सहायता करती हैं:
- नशीली दवाओं के उपयोग से संबंधित व्यवहार को कम व सही करना।
- स्वास्थ से जुड़े जीवन की कार्यक्षमताओं को बढ़ाना।
- उपचार के अन्य रूपों के साथ दवाओं को जारी रखना।
(और पढ़ें - ओपिओइड की विषाक्तता का इलाज )
ये बातें मरीजों की मदद करती हैं:
- उन स्थितियों की पहचान करना, बचाना और उनका सामना करना, जिनमें वे सबसे ज्यादा नशे का उपयोग कर सकते हैं।
- उनके व्यवहार को बदलने के लिए उपचार को अपनाना।
- डि-एडिक्शन (De- addiction) सेंटर- इन केंद्रों पर रहकर नशे के आदी इस आदत को छोड़ने का इलाज करते हैं। यह इलाज आमतौर पर 6 से 12 महीने तक चलता है। यह विषहरण (detoxification) व काउंसिलिंग पर केंद्रित होता है।
(और पढ़ें - एडीएचडी के लिए व्यवहार थेरेपी )
नशे की लत के जोखिम और जटिलताएं - Drug Addiction Risks & Complications in Hindi
नशे की लत से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?
स्वास्थ्य पर नशे की लत का प्रभाव:
नशे की लत के प्रभावों में शामिल हैं।
- एचआईवी / एड्स
- हेपेटाइटिस बी और सी (और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी टेस्ट क्या है )
- फेफड़ों की बीमारी
- मानसिक विकार
(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए )
नशे की लत क्या मानसिक विकार का कारण होता है?
नशे की लत और मानसिक बीमारी अक्सर एक दूसरे से जुड़ी होती है। कुछ मामलों में, मानसिक विकार जैसे कि चिंता या अवसाद नशे की लत से पहले हो सकती है, जबकि अन्य मामलों में नशे से मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं। (और पढ़ें - चिंता का इलाज )
नशे की लत अन्य लोगों को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है?
नशे के आदी हो चुके व्यक्ति के शरीर पर कई अन्य हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। नशे की लत में यह परेशानियां तेजी से होती है:
- शिशुओं और बच्चों पर प्रसव पूर्व इसके दुष्प्रभाव होना।
- धूम्रपान के धूंए के संपर्क में आने से होने वाले नकारात्मक प्रभाव।
- संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की संभावनाएं अधिक होना।
(और पढ़ें - संक्रमण के इलाज )
नशे की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव-
- नशे की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का आशय उपयोगकर्त्ता द्वारा नशे के आदी होने पर दिमाग में होने वाले बदलावों से है।
- प्रारंभ में लोग तनाव या दर्द को दूर करने के लिए दवाओं का उपयोग करना शुरू करते हैं। बाद में इन्हीं नशीली दवाओं की लत के प्रभाव का चक्र शुरू होता है और व्यक्ति को कभी भी तनाव या दर्द का सामना करना पड़ता है और बाद में वह दवा का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस करने लगता है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभावों के चलते एक बार इसका आदी हुआ व्यक्ति इस पर निर्भर हो जाए तो वह खुद की हर परेशानी के लिए इन्हीं नशीली दवाओं का प्रयोग करता है।
नशे की लत के अन्य मनोवैज्ञानिक प्रभावों में शामिल हैं:
- मूड में लगातार बदलाव आना, अवसाद, चिंता व हिंसा (और पढ़ें - अवसाद का इलाज )
- रोजमर्रा की जिंदगी में खुशी में कमी
- नशीली दवाओं के प्रभावों में लोग मनोवैज्ञानिक प्रभावों को कम करने के लिए दवाओं की बढ़ती मात्रा का उपयोग करना
- हमेशा खराब बर्ताव करना
(और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय )
नशे की लत का शारीरिक प्रभाव-
नशे की लत का शारीरिक प्रभाव नशीली दवा के आधार पर भिन्न होता है, लेकिन आमतौर पर इसके प्रभाव शरीर की सभी प्रणालियों में देखे जाते हैं। नशे की लत के कुछ प्राथमिक शारीरिक प्रभाव मस्तिष्क में होते हैं।
नशे की लत मस्तिष्क के कार्यों और शरीर के आराम की स्थिति में बदलाव लाती है। नशे की लत के इन प्रभावों की वजह से नशीली दवाओं के उपचार के दौरान इस्तेमाल दवाओं की मांग अधिक हो गई है।
नशे की लत के अन्य शारीरिक प्रभावों में शामिल हैं:
- एचआईवी, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियां होना (और पढ़ें - हेपेटाइटिस का इलाज )
- हृदय दर में अनियमितताएं व दिल का दौरा
- श्वसन समस्याएं, जैसे फेफड़े के कैंसर , वातस्फीति और श्वास संबंधी समस्याएं (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत का इलाज )
- पेट में दर्द , उल्टी , कब्ज, डायरिया (और पढ़ें - दस्त रोकने के उपाय )
- गुर्दा और जिगर की क्षति (और पढ़ें - गुर्दे के संक्रमण का इलाज )
- दौरे, स्ट्रोक, मस्तिष्क क्षति (और पढ़ें - दौरे का इलाज )
- भूख, शरीर के तापमान में बदलाव और नींद के रूटीन में परिवर्तन
(और पढ़ें - अच्छी नींद के उपाय )
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव-
कुछ दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल से मस्तिष्क में लघु व दीर्घकालिक परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं-
- व्यामोह (paranoia)
- डिप्रेशन (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद डिप्रेशन का इलाज )
- दुस्वप्न (hallucinations)
लंबे समय तक इस्तेमाल से मस्तिष्क के कार्यों में परिवर्तन भी हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं:-
- सीखने में परेशानी
- निर्णय पर पहुंचने
- निर्णय लेना
- याददाश्त कम होना (और पढ़ें - याददाश्त में कमी का इलाज )
- व्यवहार में परिवर्तन आना
(और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के उपाय )
- National institute of drug abuse. Understanding Drug Use and Addiction . National Institute of health. [internet].
- Easy to read drug facts. What are some signs and symptoms of someone with a drug use problem? . National institute of drug abuse. [internet].
- MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Drug Abuse
- National institute of drug abuse. Principles of Drug Addiction Treatment: A Research-Based Guide (Third Edition) . National Institute of health. [internet].
- National institute of drug abuse. National Institute on Drug Abuse (NIDA) . National Institute of health. [internet].
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नशे की लत की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Drug Addiction in Hindi
नशे की लत के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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नशीली दवाओं की लत पर निबंध | Essay on Drug Addiction in Hindi | 10 Lines on Drug Addiction in Hindi
Essay on Drug Addiction in Hindi : इस लेख में हमने नशीली दवाओं की लत पर निबंध | Drug Addiction Essay in Hindi के बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।
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नशीली दवाओं की लत पर निबंध: व्यसन उन पदार्थों का उपभोग करने की हानिकारक आवश्यकता को संदर्भित करता है जिनके उपयोगकर्ता पर हानिकारक परिणाम होते हैं। व्यसन न केवल शरीर बल्कि व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और मन की सुदृढ़ता पर भी प्रभाव डालता है। व्यसन दुनिया भर में सामना की जाने वाली सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है और इसे एक पुरानी बीमारी कहा जाता है। एक व्यापक विकार ड्रग्स, शराब की लत से लेकर जुए और यहां तक कि फोन की लत तक है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन आम व्यसनों में से एक जो आज लाखों लोगों को प्रभावित करता है, वह है नशाखोरी।

नशीली दवाएं उन पदार्थों की लत है जो तंत्रिका संबंधी कामकाज और एक व्यक्ति के व्यवहार को नुकसान पहुंचाते हैं। यह निबंध इस विषय पर प्रासंगिक जानकारी प्रदान करता है।
आप लेखों, घटनाओं, लोगों, खेल, तकनीक के बारे में और निबंध पढ़ सकते हैं ।
छात्रों और बच्चों के लिए नशीली दवाओं की लत पर लंबा और छोटा निबंध
नीचे सूचीबद्ध दो निबंध हैं। लंबा निबंध में 500 शब्द और 200 शब्दों का एक छोटा निबंध होता है।
नशीली दवाओं की लत पर लंबा निबंध ( 500 शब्द)
नशीली दवाओं की लत, जिसे पदार्थ-उपयोग विकार के रूप में भी जाना जाता है, कानूनी और अवैध दवाओं के खतरनाक और अत्यधिक सेवन को संदर्भित करता है। इससे व्यक्ति में कई व्यवहार परिवर्तन होते हैं और साथ ही मस्तिष्क के कार्यों को भी प्रभावित करता है। नशीली दवाओं की लत में शराब, कोकीन, हेरोइन, ओपिओइड, दर्द निवारक और निकोटीन का दुरुपयोग शामिल है। इस तरह की दवाएं व्यक्ति को अपने बारे में अच्छा महसूस करने में मदद करती हैं और 'डोपामाइन' या खुशी के हार्मोन को प्रेरित करती हैं। जैसे-जैसे वे दवा का उपयोग करना जारी रखते हैं, मस्तिष्क डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने लगता है, और व्यक्ति अधिक मांग करता है।
नशीली दवाओं की लत के गंभीर परिणाम होते हैं। कुछ संकेतों में चिंता, व्यामोह, हृदय गति में वृद्धि और लाल आँखें शामिल हैं। वे नशे में हैं और उचित समन्वय प्रदर्शित करने में असमर्थ हैं और चीजों को याद रखने में कठिनाई होती है। एक व्यसनी व्यक्ति इनका उपयोग करने से नहीं रोक सकता है और इनका सेवन किए बिना ठीक से कार्य करने में असमर्थ है। यह मस्तिष्क, उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों को नुकसान पहुंचाता है। यह मानसिक अनुभूति को प्रभावित करता है; वे उचित निर्णय लेने में असमर्थ हैं, जानकारी को बरकरार नहीं रख सकते हैं और खराब निर्णय ले सकते हैं। वे लापरवाह गतिविधियों में शामिल होते हैं जैसे चोरी करना या प्रभाव में गाड़ी चलाना। वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि एक निरंतर आपूर्ति हो और वे बहुत अधिक पैसा देने को तैयार हों, भले ही वे इसे वहन करने में असमर्थ हों और अनियमित नींद पैटर्न रखते हों।
नशीली दवाओं की लत भी एक व्यक्ति को खुद को अलग करने का कारण बनती है और या तो तीव्र या कोई भोजन की लालसा नहीं होती है। वे अपनी स्वच्छता का ध्यान रखना बंद कर देते हैं। नशीली दवाओं की लत व्यक्ति के भाषण को प्रभावित करती है और मतिभ्रम का अनुभव करती है। वे ठीक से बातचीत और संवाद करने में असमर्थ हैं; वे तेज बोलते हैं और अतिसक्रिय होते हैं। इसके आदी लोगों में अत्यधिक मिजाज होता है। वे खुश महसूस करने से लेकर जल्दी उदास महसूस करने तक जा सकते हैं और अविश्वसनीय रूप से गुप्त हैं। वे उन गतिविधियों में रुचि खोने लगते हैं जिन्हें वे एक बार प्यार करते थे। मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले भी वापसी के लक्षणों से गुजरते हैं। वापसी के लक्षण उन लक्षणों को संदर्भित करते हैं जो तब होते हैं जब वे दवा लेना बंद कर देते हैं। कुछ वापसी के लक्षणों में मतली, थकान और कंपकंपी शामिल हैं। वे रुक जाते हैं और फिर से उपयोग करना शुरू कर देते हैं, एक अंतहीन चक्र जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो नशा घातक हो सकता है।
नशीली दवाओं की लत के लिए उपचार उपलब्ध है। कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे व्यवहार परामर्श, व्यसन का इलाज करने के लिए दवा, और न केवल मादक द्रव्यों के सेवन के लिए उपचार प्रदान करना, बल्कि तनाव, चिंता और अवसाद जैसे व्यसन के साथ कई कारकों के लिए भी। लत पर काबू पाने के लिए कई उपकरण विकसित किए गए हैं। लोगों की मदद के लिए पुनर्वास केंद्र हैं। उपचार के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कई फॉलो-अप होते हैं कि चक्र वापस नहीं आता है। प्रभाव का समर्थन करने के लिए परिवार और दोस्तों का होना सबसे महत्वपूर्ण है। इससे उनमें आत्मविश्वास पैदा करने और उनकी लत पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
संयुक्त राष्ट्र 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता है। नशीली दवाओं की लत लाखों लोगों को प्रभावित करती है और व्यक्ति को और अधिक नुकसान से बचाने और उन्हें एक बेहतर जीवन जीने देने के लिए सावधानी से इलाज करने की आवश्यकता है।
नशीली दवाओं की लत पर लघु निबंध (200 शब्द)
नशीली दवाओं की लत से तात्पर्य उन पदार्थों को लेना है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं। वे व्यक्ति के व्यवहार में भी परिवर्तन लाते हैं। बहुत से लोग इन दवाओं को अपने बारे में खुश और बेहतर महसूस करने के लिए लेते हैं। ये खतरनाक पदार्थ मस्तिष्क को एक रसायन उत्पन्न करते हैं जो हमें खुश करता है, जिसे डोपामाइन कहा जाता है। इनमें से बड़ी मात्रा में उत्पादन करने से व्यक्ति लगातार दवा लेता है।
कुछ दवाओं में अल्कोहल, निकोटीन और अन्य अस्वास्थ्यकर पदार्थ शामिल हैं। इन पदार्थों को लेने से कई लक्षण हो सकते हैं। इनमें ठीक से सोचने में असमर्थता, चीजों को याद नहीं रखना और स्पष्ट रूप से बोलने में असमर्थता शामिल है। वे चोरी करते हैं और अपने करीबी लोगों से रहस्य रखते हैं। आदी लोग सो नहीं सकते; वे जल्दी खुश और दुखी हो जाते हैं। वे उन गतिविधियों को करना बंद कर देते हैं जिन्हें करना उन्हें पसंद था। वे अपने परिवेश से अवगत नहीं हैं। इन खतरनाक पदार्थों के सेवन से उल्टी, सांस लेने में असमर्थता, मस्तिष्क और फेफड़ों को नुकसान जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसका असर उनके परिवार, दोस्तों और काम पर भी पड़ता है।
नशा जीवन के लिए खतरा है। हालांकि, इस लत वाले लोगों का इलाज किया जा सकता है और पुनर्वसन केंद्रों के साथ-साथ चिकित्सा, परामर्श और दवाएं लेने में मदद की जा सकती है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई करते हैं कि वे कभी भी इन दवाओं को दोबारा न लें। ठीक होने पर उनका समर्थन करने के लिए उनके पास उनके परिवार और दोस्त होने चाहिए।
नशीली दवाओं की लत के बारे में 10 पंक्तियाँ
नशीली दवाओं की लत से तात्पर्य हानिकारक पदार्थों को लेने से है जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्यों और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। इसमें कानूनी और अवैध ड्रग्स लेना शामिल है, और व्यक्ति उनका उपयोग बंद करने में असमर्थ है। इसे पदार्थ-उपयोग विकार भी कहा जाता है
हानिकारक दवाओं में शराब, कोकीन, हेरोइन, ओपिओइड, दर्द निवारक, निकोटीन आदि शामिल हैं।
हानिकारक दवाएं डोपामाइन या हैप्पी हार्मोन की अत्यधिक रिहाई का कारण बनती हैं, जिसके कारण व्यक्ति अधिक मात्रा में लेता है।
नशीली दवाओं की लत निर्णय लेने, निर्णय लेने और स्मृति सहित मानसिक अनुभूति को प्रभावित कर सकती है। यह भाषण समस्याओं का भी कारण बनता है।
यह चिंता व्यामोह और रक्तचाप में वृद्धि का कारण बन सकता है। उनके पास अनिश्चित नींद पैटर्न है और वे खुद को अलग-थलग कर लेते हैं। यह उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में समस्याएं पैदा करता है।
आदी लोग मूडी, अति सक्रिय और मतिभ्रम हो जाते हैं। वे लापरवाह गतिविधियों में भी लिप्त हैं।
जब वे पदार्थों का उपयोग बंद करने का प्रयास करते हैं तो वे वापसी के लक्षणों का अनुभव करते हैं। इनमें मतली, थकान और कंपकंपी शामिल हैं।
यह शरीर पर कई प्रभाव डाल सकता है, जैसे मस्तिष्क क्षति, दौरे, यकृत और गुर्दे की क्षति, श्वसन और फेफड़ों की समस्याएं।
उपचार उपलब्ध है। इसमें व्यवहार चिकित्सा, दवा, पुनर्वास, साथ ही साथ पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता है।
नशीली दवाओं की लत पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1.मादक द्रव्य व्यसन क्या है?
उत्तर: मादक पदार्थों की लत, जिसे पदार्थ-उपयोग विकार के रूप में भी जाना जाता है, कानूनी और अवैध दवाओं के खतरनाक और अत्यधिक सेवन को संदर्भित करता है। इससे व्यक्ति में कई व्यवहार परिवर्तन होते हैं और साथ ही मस्तिष्क के कार्यों को भी प्रभावित करता है।
प्रश्न 2. नशा क्यों होता है?
उत्तर: लोग इन दवाओं के आदी हो जाते हैं क्योंकि वे खुशी महसूस करना चाहते हैं। ड्रग्स डोपामाइन नामक एक रसायन का कारण बनते हैं, जो खुशी को छोड़ने के लिए प्रेरित करता है। मस्तिष्क डोपामाइन के स्तर को बढ़ाना शुरू कर देता है, और इस प्रकार व्यक्ति बढ़ते स्तरों से मेल खाने के लिए दवा का आदी हो जाता है।
प्रश्न 3. निर्भरता और व्यसन में क्या अंतर है?
उत्तर: निर्भरता और व्यसन अलग-अलग होते हैं। जबकि निर्भरता शरीर द्वारा दवा के लिए एक तीव्र लालसा है, व्यसन भी दवा के बार-बार उपयोग के कारण व्यवहार और शारीरिक कार्यों में परिवर्तन को संदर्भित करता है, जिसके गंभीर परिणाम होते हैं।
प्रश्न 4. क्या हम नशे की लत का इलाज कर सकते हैं?
उत्तर: हां, नशे की लत का इलाज किया जा सकता है। विभिन्न उपचार विधियां व्यवहार परामर्श, दवा, और चिंता और अवसाद का उपचार हैं। पुनर्वास केंद्र उपलब्ध हैं। इसके बाद दोबारा होने से रोकने के लिए चेक-अप किया जाता है।
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नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Drug Abuse Essay In Hindi
नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – essay on drug abuse in hindi, मादक द्रव्य : मौत का द्वार – substance: the gate of death.
- प्रस्तावना,
- मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव,
- मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम,
- मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति,
- मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय,
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Nashe Ke Dush Pravrtti Nibandh
प्रस्तावना– वैदिक ऋषियों ने राजा सोम (रस) की प्रशंसा में मंत्र रचे और आगे के उपासकों ने अपने–अपने इष्टदेव या इष्टदेवी के साथ कोई–न–कोई मादक द्रव्य जोड़कर उसके सेवन का धार्मिक और सामाजिक अनुमति–पत्र प्र भोले बाबा के उपासकों ने भाँग, महाकाली के अर्चकों ने मदिरा और इन्द्रियसंयम तथा निर्विघ्न–ध्यान समाधि के साधकों ने चरस, गाँजा, तम्बाकू आदि के सेवन की छूट या सामाजिक स्वीकृति प्राप्त कर ली।
मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव– परम्परागत मादक द्रव्यों: यथा–शराब, भाँग, अफीम के अतिरिक्त आज अनेक नये और तीव्र प्रभाव वाले मादक द्रव्यों का आविष्कार हो चुका है, जो पुराने मादक द्रव्यों से कहीं अधिक घातक हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- (क) मदिरा–मदिरा या शराब तो जैसे मनुष्य के साथ ही पृथ्वी पर जन्मी है। समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में यह भी सम्मिलित है। मदिरा सेवन की व्यापकता का युवावर्ग में बढ़ते जाना, समाज के लिए एक अशुभ संकेत है। यह सरकारों की आमदनी का भी बड़ा स्रोत है।
- (ख) मार्फीन–यह अफीम से बनायी जाती है। यह अफीम से अधिक नशीली होती है। इसके अभ्यस्त लोग इसको इंजेक्शन के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
- (ग) हेरोइन–यह मार्फीन से बनायी जाती है और इससे दस गुना अधिक नशीली होती है। इसका सेवन बहुतायत में किया जाता है।
- (घ) हशीश–यह भाँग से प्राप्त की जाती है। इसे जलाकर सिगरेट की भाँति प्रयोग में लाया जाता है।
- (ङ) ब्राउन शुगर–यह अशुद्ध हेरोइन होती है। यह कई अन्य पदार्थों को मिलाकर प्रयोग की जाती है और एक प्रकार का विष ही बन जाती है।
- (च) एल. एस. डी.–कुछ लोग मानसिक तनाव दूर करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
- (छ) स्मैक–यह युवावर्ग में प्रचलित सबसे खतरनाक नशा है। व्यक्ति केवल दो–तीन खुराकों में इसका अभ्यस्त हो जाता है। इसकी लत को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है।
मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम– कोई भी नशा हो, अन्ततः मनुष्य के लिए हानिकारक ही होता है। आज समाज में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति बड़ी चिन्ताजनक है। इनका अभ्यस्त होने पर मनुष्य निष्क्रिय और हर तरह से बेकार हो जाता है। वह हर कीमत पर इन द्रव्यों को पाना चाहता है।
आज मादक पदार्थों का अनैतिक और अवैध व्यापार जोरों पर है। अनेक संगठित गिरोह इस धन्धे में लगे हैं। ये चीजें आज सोने से भी कीमती तथा व्यवसाय–सुलभ हैं।
युवावर्ग में मादक पदार्थों का सेवन जिस गति से बढ़ रहा है, वह उन्हीं के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए भी खतरे की घण्टी है। किसी देश को तबाह करने के लिए आज युद्ध की नहीं, बल्कि मादक द्रव्यों की आवश्यकता होती है। मादक–द्रव्यों के व्यापार की छाया में आतंकवाद और अपराध भी पनप रहे हैं।
मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति– मादक द्रव्यों से धन कमाने वाले लोग घोर अपराधी हैं। ये युवक–युवतियों को बहलाकर या एक–दो खुराक मुफ्त में सेवन कराकर उनको आदी बना देते हैं और फिर वह व्यक्ति इनका गुलाम हो जाता है।
गीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कुछ युवक चोरी–छिपे और कुछ इसे शान समझकर अपना रहे हैं। यह युवावर्ग के जीवन को चौपट करने वाली प्रवृत्ति है।
मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय– मादक द्रव्यों के प्रसार की समस्या किसी व्यक्ति या देश–विशेष की नहीं है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है। पूरे विश्व में मादक पदार्थों के विक्रेताओं का जाल फैला हुआ है। इस पर नियन्त्रण न करना विश्व को दारुण विनाश की ओर धकेलना है।
अनेक देशों ने मादक पदार्थों की बिक्री अथवा इसे अपने पास रखने को दण्डनीय अपराध घोषित कर रखा है। कई देशों में इसके अवैध व्यापार पर मृत्यु–दण्ड की भी व्यवस्था है। हर सभ्य और दूरदर्शी देश इसे मौत का व्यापार मानता है।
लेकिन कानूनों के बल पर इस संकट से पार पाना सम्भव नहीं लगता है। जनता को इसके खतरे से जागरूक बनाकर तथा इसकी आदत से ग्रस्त युवक–युवतियों के साथ सहानुभूति से पेश आकर इससे बचने की सम्भावना हो सकती है। सरकार को भी कड़े से कड़े कानून बनाकर और निरन्तर सतर्क रहकर इस पर काबू पाना होगा।
उपसंहार– मादक पदार्थों का सेवन मौत को निमन्त्रण देना है। मौत भी अत्यन्त दारुण, धीरे–धीरे चेतना को ग्रसती और लाचार बनाती मौत! मादक पदार्थों का अब हथियार की तरह भी प्रयोग हो रहा है। यह विरोधी देश की युवाशक्ति को खोखला बनाने और बिना युद्ध के ही उसे नष्ट कर देने का घृणित उपाय है।
सहयोग Summary in Hindi
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HOW TO DRUG ADDICTION Abuse in Hindi
मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)
आज के समय में मादक पदार्थों का सेवन एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है। ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।
स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं। बच्चे अपनी पॉकेट मनी को खर्च करके इसे लेने लग जाते हैं। जल्द ही यह सेवन करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आज देश के कई राज्यों में इन मादक पदार्थों/ ड्रग्स को चोरी छिपे बेचा जा रहा है। पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।
नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)
Ctet क्या है सीटीईटी kaise kare in hindi, b.tech कैसे करे पूरी जानकारी hindi, tehsildar कैसे बने in hindi, प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.
कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –
- कोकीन (चरस), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, भांग
- डॉक्टर द्वारा लिखी गयी- नींद की गोलियां, तनाव, चिंता, अवसाद कम करने वाली गोलियां
- कफ सीरप जैसे कोरेक्स का सेवन
- तम्बाकू वाले पदार्थ जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा, पान मसाला
- वाष्पशील विलायक जैसे- नेल पॉलिश रिमूवर (Nail Polish Remover), पेट्रोल, पेंट (Paint)
मादक पदार्थ लेने के कारण REASONS OF DRUG ABUSE
इसके पीछे निम्न कारण है-
- आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है, मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
- आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
- अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
- कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
- कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।
मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव EFFECTS OF DRUG ABUSE
मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-
- नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं। Android app banaye kaise
- इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
- नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा, आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।
- मादक पदार्थों के सेवन के लिए व्यक्ति अपने सारे पैसे खर्च कर देता है। दूसरे लोगो के पैसे चोरी करने लग जाता है। कई बार वो अपनी जमीन, मकान, कार, घर का सामान, गहने और दूसरी सम्पदा भी नशा करने के लिए बेच देता है। व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि बद से बदतर होती चली जाती है। How to increase Hindi ‘s height tips
मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?
नशीले पदार्थो के सेवन के लिए निम्न उपाय अपनायें – how to Compost All Type’s खाद at Home Idea’s खाद कैसे बनायें All Step’s in Hindi
- अपने मन में नशे की लत को छोड़ने की ठान लीजिये। मन में प्रबल इक्षा होना जरूरी है।
- पुनर्वास केंद्र/ नशा मुक्तिकेंद्र (Rehabilitation Centre) में भर्ती होना अच्छा विकल्प है। वहां पर और भी लोग आते है। सबका इलाज एक साथ डॉक्टरों की देख रेख में किया जाता है। समूह चिकित्सा (Group Therapy) में मरीज का इलाज किया जाता है।
- मनोवैज्ञानिक पद्धति से रोगी का इलाज किया जाता है। How to Start Milk Dairy Farming Business Idea’s & Development in Hindi
- ध्यान और योग के द्वारा भी मादक पदार्थो की लत को छोड़ा जा सकता है।
- हर समय अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और हितैषियों के साथ रहे। जब आप उनके सामने हर समय रहेंगे तो आपको नशा करने का मौका ही नही मिलेगा।
- नशे से ग्रस्त रोगियों को रोज डायरी लिखनी चाहिये। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है। जीवन की हर एक बात लिखनी चाहिये। नशा करने के बाद के दुषपरिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है की किस तरह उसकी जिन्दगी नशे से खराब हो रही है।
नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है। काम करते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो जाना, सस्पेंड होना, बार बार नौकरी बदलना, नौकरी छोड़ना, चिड़चिड़ा और गुस्सैल स्वभाव दिखाने से व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है। व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। अतः हमे नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त है उनको दृढ़ निश्चय करके इसे छोड़ देना चाहिये। याद रखे नशा एक जहर है।

मादक पदार्थ अंग्रेजी के Drugs शब्द का रूपांतरण है जो नशीली दवा का द्योतक है | वस्तुत: मादक पदार्थ ऐसे रासायनिक पदार्थ है जो व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को प्रभावित करते है इन्हें Narcotics औषधि भी कह सकते है जिनको नार्को टेस्ट में प्रयोग किया जाता है | मनोवैज्ञानिक रूप में Drugs ऐसे पदार्थ है जो व्यक्ति के मष्तिष्क ,स्नायुमंडल को प्रभावित करते है | इन पदार्थो के सेवन से कुछ समय के लिए व्यकित मानसिक तनाव एवं चिन्ताओ से मुक्ति का आभास पाता है | यहा तक कि उसका विषाद एवं कष्ट कम हो जाता है तथा उसे अस्थाई शान्ति एवं आनन्द का अनुभव होता है परन्तु धीरे धीरे व्यक्ति इनके सेवन का गुलाम हो जाता है तथा उसे इनकी लत लग जाती है |
मादक पदार्थो का दुरुपयोग या औषधि व्यसन क्या है ? What is Drug Abuse and Drug Addiction in Hindi
मादक पदार्थो के दुरुपयोग Drug Abuse शब का आशय उन नशीले पदार्थो का सेवन है जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि के हानिकर है अत: मनुष्य के लिए नुकसानदायक औषधियों या मादक पदार्थो का क्षणिक प्रसन्नता एवं शान्ति के लिए सेवन करना , मादक पदार्थ या औषधि अक दुरुपयोग Drug Abuse कहलाता है | औषधि या मादक पदार्थो का व्यसन शारीरिक निर्भरता की ओर इंगित करता है अर्थात मादक पदार्थ या औषधि व्यसन Drug Addiction वह अवस्था है जिसमे व्यक्ति शरीर संचालन के लिए मादक पदार्थो या औषधियों पर निर्भर हो जाता है अन्यथा शरीर संचालन में बाधाये उत्पन्न हो जाती है |
औषधि व्यसन के लक्षण | Sign and Symptoms of Drug Addict
- मादक पदार्थ / औषधि के सेवन की प्रबल इच्छा drug addiction help
- किसी भी प्रकार इन्हें प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय drug addiction help
- मादक पदार्थो के कुप्रभाव के परिणामस्वरूप मानसिक एवं शारीरिक निर्भरता drug addiction help
- अध्ययन , खेल , शौक , घर , परिवार एवं व्यवसाय में कम रूचि drug addiction help
- अनुत्तरदायी पूर्ण व्यवहार drug addiction help
- खाद्यपान और निद्रा की अनियमित आदते drug addiction help
- चिडचिडापन तथा अनैतिक आचरण जिसमे चोरी करना म झूठ बोलना आदि शामिल है drug addiction help
- घर ,स्कूल ,उद्योग में अनुपस्थित रहना drug addiction help
- हाथ पैरो में कम्पन्न होना तथा स्कूटर या मोटर वाहन चलाने में असमर्थ होना drug addiction help
- शक्ति क्षीण होना drug addiction help
- आत्महत्या की प्रवृति पाया जाना
- भुजाओं /जंघाओं पर इंजेक्शन के चिन्ह होना (इंजेक्शन व्यसनी की स्थिथि में )
मादक पदार्थो में धुम्रपान ,गांजा ,चरस ,अफीम , हशीश ,हेरोइन ,कोकीन , L.S.D. , मार्फीन के इंजेक्शन ,शराब आदि का प्रयोग सम्मिलित है इन्हें High of Speed या Kick अथवा Kicks इत्यादि शब्दों से भी व्यक्त किया जाता है |
मादक पदार्थो के प्रकार | Types of Drugs
- उत्तेजक Stimulant [ कोकीन ,एम्फीटामाइन ,मिथेड्रीन्, डेक्सीड्रीन, कैफीन ]
- निश्चेतक Narcotic [ मार्फीन ने ननिर्मित हेरोइन ]
- अवसादक Depressant [ बारबिच्युरेट्स , नेम्बूटाल , सिकोनाल ,सेनोरिल ]
- भ्रान्तिजनक Hallocinogens [L.S.D.]
औषधि व्यसन के कारण | Causes of Drug Addiction in Hindi
- बुरे दोस्तों की संगति movies about drug addiction
- रोमांच एवं प्रसन्नता प्राप्ति हेतु movies about drug addiction
- पलायनवादी प्रवृति movies about drug addiction
- उत्सुकता की संतुष्टि हेतु movies about drug addiction
- अपने को स्वतंत्र एवं उन्मुक्त समझना movies about drug addiction
- शहरीकरण / औधोगिकरण movies about drug addiction
- मादक पदार्थो की सहज उपलब्धि movies about drug addiction
- अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक उपलब्धि movies about drug addiction
- युवा कुंठाए / छात्र असंतोष / हिप्पी वादी या पॉप संस्कृति drug addiction in punjab
- अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक माहौल drug addiction in punjab
- परिवार का टूटना /अभिभावकों का ध्यान न देना drug addiction in punjab
- परिवार के किसी सदस्य का औषधि व्यसन होना drug addiction in punjab
- मादक पदार्थो एवं ड्रग माफीयाओ का विश्वव्यापी जाल drug addiction in punjab
इन कारको को मनोवैज्ञानिक drug addiction in punjab ,सामाजिक ,औषधि उपलब्धि drug addiction in punjab एमव शारीरिक कारणों के अंतर्गत drug addiction in punjab वर्णित किया जा सकता है |
मादक पदार्थो के व्यसन ,दुरुपयोग पर रोकथाम के उपाय | Solution for Drug Addiction in Hindi
- मादक पदार्थो की तस्करी पर कठोर प्रतिबन्ध
- औषधि व्यसनियो के प्रति चिकित्सको /नर्सिंग कार्मिको के दृष्टिकोण में बदलाव लाना
- मादक पदार्थो के खिलाफ व्यापक जन शिक्षा
- माता पिता ,अभिभावक एवं शिक्षको द्वारा युवाओ की प्रवृतियों पर ध्यान रखना
- व्यसनियो का उपचार करना
- सविधानिक प्रावधानों एवं कानूनी प्रतिबंधो का उपयुक्त उपयोग करना तथा इन्हें सुदृढ़ करना
- नशामुक्ति शिविरों की व्यवस्था तथा अनुवर्ती देखभाल पर विशेष ध्यान देना
- सीमा पार से मादक पदार्थो की खेप रोकना
- मादक पदाथो के विरुद्ध विश्व स्तर की कार्यनीति एवं सहयोग की व्यवस्था विकसित करना
Drug Addiction से जुड़े आंकड़े
- भारत में Drug Addiction के सबसे ज्यादा मामले पंजाब में मिलते है जहा पर लगभग 75 प्रतिशत युवाओं को Drugs की आदत है जिसका मतलब है कि हर 4 बच्चो में से एक को Drugs की लत है जो बहुत चिंता का विषय है |
- पंजाब के बाद मुम्बई हैदराबाद और कुछ अन्य शहरों में भी Drug Abuse तेजी से फ़ैल रहा है जिसको रोकना बहुत जरुरी है इसलिए दिल्ली में तो Rehab सेण्टर भी शुरू किये गये जो Drug Addicts को उनकी आदत छुडवाने में मदद करते है |
- भारत के 75 प्रतिशत से ज्यादा घरो में कम से कम एक मादक पदार्थो का सेवन करने वाल मौजूद हो वो चाहे बीडी ,सिगरेट या ओर कोई नशा करता है |
- जानकारों का मानना है कि 13-14 वर्ष की उम्र में ही मादक पदार्थो के लत सबसे ज्यादा लगती है इसलिए यदि इस उम्र में बच्चो को कण्ट्रोल किया जाए तो Drug पर भी कण्ट्रोल जो सकता है |
- हर दिन Drug Abuse की वजह से देश में 10 जाने जाती है जिसमे से एक वव्यक्ति की मौत पंजाब से ही होती है |
- सयुंक्त राष्ट्र के आंकड़ो के अनुसार 2014 में Drug Addiction की वजह से दुनिया भर में 2 लाख लोगो ने अपनी जान गवाई थी |
- 500 डॉलर बिलियन के व्यापार के साथ Drugs का व्यापार दुनिया drug addiction essay में पेट्रोलियम और शस्त्रों के बाद तीसरा सबसे बड़ा व्यापार है |
- UN की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 drug addiction essay लाख लोग हेरोइन एडिक्ट है जबकि अनौपचारिक रूप से देखा जाए तो इनकी संख्या 50 लाख तक हो सकती है |
- 13 से भी ज्यादा प्रकार की Drug drug addiction essay अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मौजूद है जिनकी कीमत 1.5 लाख प्रति किलो से लेकर 2.5 करोड़ प्रति किलो तक होती है |
- भारत में Drug Addiction के drug addiction essay सबसे ज्यादा मामले पंजाब ,उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र ,तमिलनाडु राजस्थान और जम्मू कश्मीर में है वही दुसरी ओर भारत में Drug Addiction के सबसे कम मामले सिक्किम , drug addiction essay अंडमान पांडिचेरी और लक्षद्वीप में है |
- एक Drug Addict प्रतिदिन औसतन 1400 रूपये Drugs में उदा देता है |
- भारत में Drug माफियाओ के पकड़े जाने पर 10 साल की सजा और 1 या 2 लाख तक के जुर्माने के प्रावधान है |
- विश्व भर में हर प्रतिदिन 7500 करोड़ Drugs की खपत होती है जिसमे से भारत में रोज 2000 करोड़ के ड्रग की smuggling होती है |
- भारत में De- Addiction सेंटर्स में 20 प्रतिशत से भी ज्यादा Drug Addict 16 साल से कम उम्र है क्योंकि Drug मेडिकल शॉप पर आसानी से 25 रूपये से कम कीमत पर भी मिल जाती है |
- Drugs का निर्माण अफ़घानिसतान में होता है जो पाकिस्तान के जरिये भारत में आती है और उसके बाद विश्व के दुसरे देशो में भेजी जाती है | इसमें मुनाफे का प्रतिशत 300 प्रतिशत से भी ज्यादा होता है |
- Drugs के पैकेट को 553 किमी भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर फेंका जाता है जहा से ड्रग माफिया उसे लेकर 12 घंटे के अंदर दिल्ली पहुचा देते है और वहा से देश के दुसरे इलाको में सप्लाई होती है |
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दवा की लत पर हिंदी निबंध Essay On Drug Addiction In Hindi
Essay On Drug Addiction In Hindi नशा शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। यह हृदय की समस्याओं जैसे हृदय विकार, स्ट्रोक और पेट दर्द के खतरे को बढ़ा देता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे अवसाद, अनिद्रा और द्विध्रुवी विकार के कारण भी कुछ का नाम देता है। किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा, नशा मानव व्यवहार को भी प्रभावित करता है। कोकीन सहित सभी प्रकार की दवाएं मस्तिष्क की वृत्ति को प्रभावित करती हैं और मूड बदलने का कारण बनती हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं।
लत एक व्यक्ति के मस्तिष्क समारोह के साथ खेलती है। यह उस तरीके से हस्तक्षेप करता है जिस तरह से व्यक्ति व्यवहार करता है और गलत रास्ते का चुनाव करता है।
आक्रमकता :-
एक व्यक्ति जो दवा के प्रभाव में है, वह बहुत आक्रामक हो सकता है। नशा करने वालों को अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है। यह व्यवहार तभी नहीं देखा जाता जब वे उच्च स्तर का अनुभव कर रहे हों। ड्रग्स का लगातार उपयोग उनके व्यक्तित्व में किसी तरह से आक्रमकता का संचार करता है। ऐसे लोगों का साथ मिलना मुश्किल है। आपको उनके चारों ओर बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि वे क्रोध और आक्रमकता के निरंतर मुकाबलों को फेंक सकते हैं।
- छत्तीसगढ़ राज्य की पूरी जानकारी
गलत निर्णय :-
मादक पदार्थों की लत व्यक्ति को सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है। नशा करने वाले लोग उचित निर्णय लेने में असमर्थ होते हैं। उनका निर्णय बिगड़ा हुआ रहता है। वे अब भेद नहीं कर सकते कि क्या सही है और क्या गलत है।
गलत व्यवहार :-
नशा भी आवेगी व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। वे बिना ज्यादा सोचे-समझे और अभिनय करते हैं। यह व्यवहार आमतौर पर तब प्रकट होता है जब वे उच्च महसूस कर रहे होते हैं। हालांकि, जब वे अपनी सामान्य स्थिति में लौटते हैं, तो वे आवेगी व्यवहार भी दिखा सकते हैं। अधिकांश नशीले निर्णय लेते हैं जो बाद में पछताते हैं।
आत्म नियंत्रण का नुकसान :-
नशीली दवाओं की लत नशे के दिमाग पर हावी है और वे आत्म नियंत्रण खो देते हैं। वे अपने कार्यों को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। वे दवाओं के लिए मजबूत उत्थान करते हैं और जब वे चाहते हैं तब भी विरोध करना मुश्किल होता है। वे चीजों पर अपनी प्रतिक्रिया को भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। ड्रग्स उनके निर्णयों, कार्यों, प्रतिक्रियाओं और व्यवहारों पर हावी होते हैं।
काम में कम प्रदर्शन :-
एक व्यक्ति जो नशे का आदी है, वह काम / स्कूल के प्रदर्शन में गिरावट का अनुभव करता है। वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ है और लगातार ड्रग्स लेने के बारे में सोचता है। जब वह अपनी आपूर्ति प्राप्त नहीं करता है, तो वह सुस्त और कम ऊर्जा महसूस करता है। यह सभी काम करने के लिए एक बड़ी बाधा है।
- तमिलनाडु राज्य की पूरी जानकारी
यह ध्यान दिया गया है कि दवाओं के प्रभाव में रहने वाले लोग अक्सर मतिभ्रम करते हैं। वे चीजों को देखते हैं और शोर सुनते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं। मतिभ्रम के लिए विशेष रूप से जाना जाने वाला साल्विया, मेस्केलीन, एलएसडी, सिलोसैबिन मशरूम और सेटामाइन शामिल हैं।
अक्सर नशीली दवाओं के व्यसनों से परिवार और दोस्तों की नशा छुपाने की कोशिश में गुप्त रोगों की घटनाएं बढ़ जाती हैं। वे आमतौर पर अपने माता-पिता / बच्चों / जीवनसाथी के साथ समय बिताने से डरते हैं। वे अक्सर अन्य मादक पदार्थों के व्यसनी के साथ मेलजोल करते हैं और अन्य दोस्तों के साथ बाहर घूमना बंद कर देते हैं। यह अक्सर उन्हें सामाजिक रूप से अजीब बनाता है।

निष्कर्ष :-
नशीली दवाओं की लत से व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ पेशेवर जीवन को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। यह एक लत है कि व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके छुटकारा चाहिए। एक व्यक्ति अपने व्यसन छोड़ने के लंबे समय बाद अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर सकता है।
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नशे की लत पर निबंध
किसी भी व्यक्ति के जीवन को खराब करने वाली नशे की लत विषय पर आज हम अपने आर्टिकल के जरिए निबंध लेकर आएं हैं। इस निबंध के माध्यम से आपको यह जानकारी अवश्य प्राप्त होगी कि नशे की लत कितनी हानिकारक है।
तो आइए जानते हैं, नशे की लत विषय पर निबंध…..
नशा आज के समय में एक आम समस्या है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। दरअसल, ड्रग्स की दवाएं तुरंत आनंद और तनाव से राहत प्रदान करती हैं। बहुत से लोग अपनी दर्दनाक वास्तविकता से बचने के लिए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं। दूसरे लोग सिर्फ यह अनुभव करने के लिए ड्रग्स लेते हैं कि यह कैसा लगता है। कारण जो भी हो, इससे पहले कि कोई व्यक्ति जानता है, वह नशे का आदी हो जाता है और इस लत से छुटकारा पाना कठिन हो जाता है।
नशीली दवाओं की लत: शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
नशे की लत व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डालती है। यह मस्तिष्क, गले, फेफड़े, पेट, अग्न्याशय, यकृत, हृदय और तंत्रिका तंत्र सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को नुकसान पहुंचाता है। यह मतली, हृदय की समस्या, क्षतिग्रस्त जिगर, स्ट्रोक, फेफड़ों की बीमारी, वजन घटाने और यहां तक कि कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। नशा करने वालों में भी एड्स होने का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे आमतौर पर दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए सुई साझा करते हैं। जब आप ड्रग्स के प्रभाव में हों तो ड्राइविंग या सड़क पर चलना भी जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे व्यक्ति के दुर्घटना होने की प्रबल संभावना रहती है।
ड्रग्स अथवा नशीली दवाओं के प्रकार
औषधियों को मोटे तौर पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:
- अवसाद: अवसाद में भांग, अफीम, बेंजोडायजेपाइन और शराब शामिल हैं। वे मस्तिष्क से आने-जाने वाले संदेशों की गति को धीमा करने के लिए जाने जाते हैं और इस तरह किसी स्थिति को संभालने की क्षमता कम कर देते हैं।
- उत्तेजक पदार्थ: दूसरी ओर, उत्तेजक पदार्थ मस्तिष्क में जाने वाले संदेशों को गति प्रदान करते हैं। लेकिन ऐसी दवाओं का लगातार उपयोग पैनिक अटैक, चिंता और हृदय गति को कम करने का कारण बनता है। उत्तेजक पदार्थों में निकोटीन, कैफीन, कोकीन और एम्फ़ैटेमिन शामिल हैं।
- हेलुसीनोजेन्स: हेलुसीनोजेन्स में एलएसएफ, पीसीपी, कैनाबिस, मेस्कलाइन और साइलोसाइबिन शामिल हैं। ये दवाएं मतिभ्रम का कारण बनती हैं और व्यक्ति की वास्तविकता की भावना को विकृत करती हैं। इन दवाओं का लगातार सेवन उच्च रक्तचाप, मतली, व्यामोह और सुन्नता पैदा कर सकता है।
नशीली दवाओं की लत के लक्षण
लक्षण एक व्यक्ति जो ड्रग्स का आदी हो जाता है, उसमे निम्नलिखित लक्षण दिखने की संभावना होती है:
- भूख में बदलाव
- अप्रत्याशित वजन बढ़ना या वजन कम होना
- नींद के पैटर्न में बदलाव
- अस्पष्ट भाषण
- अचानक क्रोध का आना
- खून सी लाल आंखें
- काम में रुचि ना लेना
- काम में कम प्रदर्शन
- सुस्त पड़ना
- दूर और उदासीन होना
- चिंतित व्यवहार आदि।
ड्रग्स किसी व्यक्ति की सोचने और कार्य करने की क्षमता पर हावी हो सकते हैं। वे कई स्वास्थ्य खतरों, व्यवहार संबंधी समस्याओं और रिश्ते के मुद्दों को जन्म दे सकते हैं। इसलिए इन नशीली दवाओं से दूर रहना ही सबसे सुरक्षित उपाय है। जो लोग नशीली दवाओं के आदी हो जाते हैं उनके पास इस लत को छोड़ने का बहुत कम मौका होता है। वे अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं और अपने प्रियजनों को बहुत पीड़ा भी देते हैं।
- महान व्यक्तियों पर निबंध
- पर्यावरण पर निबंध
- प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
- सामाजिक मुद्दे पर निबंध
- स्वास्थ्य पर निबंध
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दवाई का दुरूपयोग पर निबंध
By विकास सिंह

नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मतलब एक समय में दवाओं का अत्यधिक सेवन होता है। नशीली दवाओं के बार-बार उपयोग से नशे की लत विकसित होती है जिसमें हानिकारक परिणाम होते हैं। यह एक ऐसी समस्या है जो मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली को सीधे प्रभावित करती है जिससे इसे गंभीर नुकसान पहुंचता है।
नशीली दवाओं का दुरुपयोग, जुनूनी और दवाओं के अत्यधिक उपयोग के लिए एक शब्द है, जो इन दिनों एक आम समस्या है। दवाओं का नियमित उपयोग स्वयं हानिकारक है। यह लत की ओर जाता है और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बनता है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग विशेष रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों जैसे कि गुर्दे की विफलता और हृदय की समस्या को भी जन्म दे सकता है।
दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (200 शब्द)
नशीली दवाओं का दुरुपयोग दवाओं का बार-बार और अत्यधिक उपयोग है। यह एक व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिससे मस्तिष्क को एक बड़ी क्षति होती है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक व्यक्ति की आत्म-नियंत्रण करने की शक्ति को बाधित करता है और ड्रग्स लेने के आग्रह का विरोध करने की उनकी क्षमता में हस्तक्षेप करता है।
ड्रग्स को शुरू में पसंद से बाहर ले जाया जाता है, हालांकि, जितना जल्दी आपको एहसास होता है, उनका विरोध करना कठिन हो जाता है। इस समस्या से उबरना मुश्किल है और यहां तक कि जो लोग इसे फिर से विकसित करने का एक उच्च जोखिम खड़ा करते हैं।
निम्न के कारण होने वाले तनाव पर अंकुश लगाने के लिए लोग आमतौर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं:
- पारिवारिक मामले
- काम पर दबाव
- स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ती प्रतियोगिता
- रिश्ते की समस्याएं
- वित्तीय समस्याएं
- खालीपन का एहसास
- इसके अलावा, यह एक आनुवांशिक समस्या भी हो सकती है। जो भी कारण हो, यह समझना आवश्यक है कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग केवल समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें बढ़ाता है। इस प्रकार इससे दूर रहना ही बुद्धिमानी है। जो लोग पहले ही इस समस्या के शिकार हो चुके हैं, वे इससे उबरने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन ले सकते हैं। उचित दवा, प्रियजनों का समर्थन और दृढ़ इच्छा शक्ति नशाखोरी की अंधेरी दुनिया से बाहर ले जा सकती है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए उपचार लंबी अवधि में बढ़ाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समस्या से छुटकारा न मिले।
दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (300 शब्द)
नशीली दवाओं के दुरुपयोग का तात्पर्य दवाओं के अत्यधिक उपयोग से है। यह एक व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे मुख्य रूप से मस्तिष्क को नुकसान होता है। ड्रग्स को शुरू में अलग-अलग कारणों से पसंद के कारण लिया जाता है। हालांकि, धीरे-धीरे उनका विरोध करना मुश्किल हो जाता है। अलग-अलग कारण हैं कि लोग दवाओं का रास्ता क्यों अपनाते हैं। यहाँ इन पर एक नज़र है और इस समस्या पर अंकुश लगाने के तरीके भी हैं।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण:
पारिवारिक / संबंध समस्याएँ कई लोगों के परिवार में समस्याएं हैं। उनके लिए, नशीली दवाओं का दुरुपयोग उन समस्याओं के कारण होने वाले तनाव से एक आसान लगता है। युवा, विशेष रूप से मादक पदार्थों के सेवन से अपने संबंधों की समस्याओं से निपटने की कोशिश करते हैं।
काम का दबाव स्कूल और कॉलेज स्तर पर या कार्य स्थल पर प्रतिस्पर्धा और दवा दुरुपयोग का एक और प्रमुख कारण है।
जीन अक्सर यह देखा जाता है कि एक व्यक्ति के जीन भी उसके / उसके मुड़ने वाले व्यसनी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समस्या आमतौर पर, परिवार में नहीं चलती है।
अकेलापन अकेलेपन या खालीपन की भावना भी एक व्यक्ति को दवाओं की ओर मुड़ने के लिए मजबूर कर सकती है।
दवा के दुरुपयोग समाधान:
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विभिन्न चरणों से पीड़ित लोगों को विभिन्न प्रकार की दवाएं दी जाती हैं। यहाँ इन पर एक नज़र है:
उपचार में रहना दवाओं की अनुपस्थिति के अनुकूल होने के लिए रोगी के मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होती है। यह उपचार रोगियों को दवाओं के लिए उनकी लालसा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
वापसी उपचार जो लोग दवाओं का उपयोग करना बंद कर देते हैं वे तनाव, चिंता, मनोदशा में बदलाव आदि जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। इन लक्षणों को दूर करने के लिए उन्हें दवाएँ दी जाती हैं।
पलायन को रोकें कई कारक हैं जो एक रिलैप्स को ट्रिगर कर सकते हैं। इन ट्रिगर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं विकसित की जा रही हैं।
निष्कर्ष:
इन दिनों ड्रग एब्यूज एक आम समस्या है। हालांकि प्रतिरोध करने में मुश्किल है, दवाओं का उपयोग उचित दवा और मार्गदर्शन के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।
दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (400 शब्द)
नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक पुरानी बीमारी है। जो लोग नशीली दवाओं का दुरुपयोग करते हैं, वे उनके हानिकारक परिणामों के बारे में पूरी तरह से जागरूक होने के बावजूद उनका विरोध करने में असमर्थ हैं। दवाओं का नियमित सेवन मस्तिष्क को प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और विभिन्न अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।
दवाओं के भारी सेवन के कारण होने वाले मस्तिष्क परिवर्तन लगातार हो सकते हैं। इस प्रकार नशीली दवाओं की लत एक समस्या के रूप में जानी जाती है। यहाँ नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विभिन्न कारणों पर एक नज़र है और इस समस्या को दूर करने के तरीके भी हैं:
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारक:
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारक मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किए गए हैं। यहाँ इनमें से प्रत्येक पर एक नज़र है:
पर्यावरणीय कारक किसी व्यक्ति के वातावरण में विभिन्न कारक शामिल होते हैं जैसे कि उसकी सामाजिक स्थिति, परिवार, दोस्त, पेशेवर जीवन, आदि। परिवार में समस्याएं, बुरी कंपनी, काम पर प्रतिस्पर्धा और उचित मार्गदर्शन और माता-पिता या शिक्षकों से समर्थन की कमी के कारण अक्सर नशीली दवाओं का सेवन हो सकता है।
जैविक कारक नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक आनुवंशिक समस्या भी हो सकती है। एक बच्चा नशीली दवाओं के दुरुपयोग के शिकार होने की एक उच्च संभावना रखता है यदि उसके माता-पिता में से कोई भी उसी के प्रभाव में रहा हो। कुछ मानसिक विकार भी व्यक्ति को दवाओं की ओर मोड़ सकते हैं।
आयु कारक हालांकि नशा किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है, लेकिन जो लोग कम उम्र में ड्रग्स लेना शुरू करते हैं, उन्हें नशे की लत लगने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके मस्तिष्क में वे क्षेत्र जो आत्म-नियंत्रण, निर्णय और निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अभी भी अपने विकास के चरण में हैं। यही कारण है कि किशोरों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की संभावना अधिक होती है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग का इलाज करने के तरीके
हालांकि मुश्किल है, नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या को ठीक करने के तरीके हैं। यहां कैसे:
विशेषज्ञ मार्गदर्शन इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर से मिलने और उचित दवा लेने का सुझाव दिया जाता है। जो लोग इस गंभीर समस्या से पीड़ित हैं, उनमें से अधिकांश को इसे नियंत्रित करने के लिए पुनर्वास केंद्र में शामिल होने की सिफारिश की जाती है।
सही खाएं और व्यायाम करें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण होने वाली क्षति को शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होने के लिए फिर से भरना चाहिए और यह केवल एक स्वस्थ आहार के द्वारा किया जा सकता है। खाड़ी में तनाव बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने का भी सुझाव दिया जाता है।
नशीली दवाओं का दुरुपयोग, मुख्य रूप से किसी के जीवन में भावनात्मक उथल-पुथल को दूर करने के प्रयास के कारण होता है, यह स्वयं हानिकारक हो सकता है। इसे एक व्यक्ति की जीवनशैली को खतरा हो जाता है और उसका स्वास्थ भी इससे खराब हो जाता है।
दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (500 शब्द)
नशीली दवाओं का दुरुपयोग दवाओं के अत्यधिक, बाध्यकारी और दोहराया उपयोग है। यह एक पुरानी बीमारी है जो मरम्मत से परे एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। प्रारंभ में, एक व्यक्ति पसंद से ड्रग्स लेता है। हालाँकि, कुछ समय बाद उनका विरोध करना उनके लिए लगभग असंभव हो जाता है। नशीली दवाओं की लत को नियंत्रित करना मुश्किल है और अक्सर इसे एक बीमारी के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
यह समस्या क्यों होती है?
अलग-अलग लोगों को अलग-अलग कारणों से ड्रग्स की लत लग जाती है। यहाँ कुछ मुख्य कारणों पर एक नज़र डाली गई है जो इस समस्या का कारण बनते हैं:
अकेलापन अकेलेपन की भावना को दूर करने के लिए कई लोग ड्रग्स लेते हैं। कई बार, लोगों को लगता है कि उनके पास अपने सुख और दुख साझा करने के लिए कोई नहीं है और वे अंततः इस भावना से छुटकारा पाने के लिए ड्रग्स लेते हैं।
प्रतियोगिता स्कूलों, कॉलेजों और काम पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा से दबाव पैदा होता है जिसे संभालना अक्सर मुश्किल होता है। इस दबाव को संभालने के लिए कई लोग दवाओं का सहारा लेते हैं।
रिश्ते की समस्याएं यह नशीली दवाओं के दुरुपयोग का एक सामान्य कारण भी है। असफल रिश्तों के कारण होने वाली भावनात्मक उथल-पुथल को दूर करने के लिए युवा अक्सर ड्रग्स लेते हैं।
प्रयोग बहुत से लोग, ज्यादातर किशोर सिर्फ यह जानने के लिए उत्सुक होते हैं कि ड्रग्स का स्वाद और साथ ही उनके आफ्टर इफेक्ट्स कैसे होते हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि इस प्रयोग से पहले से ही लत लग सकती है।
जीन नशीली दवाओं का दुरुपयोग अक्सर वंशानुगत होता है। यदि माता-पिता में से कोई भी नशे का आदी है, तो बच्चे को समस्या होने का खतरा अधिक होता है।
इस समस्या पर अंकुश कैसे लगाया जाए?
हालांकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की अंधेरी दुनिया से बाहर निकलना मुश्किल है और इस समस्या से छुटकारा पाने की बहुत अधिक संभावना है, कुछ चीजें हैं जो इस समस्या से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे लोगों की मदद कर सकती हैं। इन पर नीचे विस्तार से चर्चा की गई है:
विशेषज्ञ परामर्श यह एक डॉक्टर से परामर्श करने या बेहतर अभी भी एक पुनर्वास केंद्र में शामिल होने का सुझाव दिया जाता है ताकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से छुटकारा मिल सके। इस समस्या का शिकार होना जितना आसान है, उससे बाहर आना भी उतना ही मुश्किल। पुनर्वास केंद्रों पर कदम दर कदम दृष्टिकोण इस मुद्दे पर अंकुश लगाने का एक प्रभावी तरीका है।
स्वस्थ खाओ दवाओं के भारी सेवन से आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ता है। खोए हुए पोषक तत्वों को फिर से भरने के लिए, एक स्वस्थ आहार का सुझाव दिया जाता है।
व्यायाम शारीरिक गतिविधियाँ जैसे जॉगिंग, डांसिंग, स्विमिंग, योगा आदि, एंडोर्फिन के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिन्हें हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि दवा की खुराक कम करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है।
ड्रग एब्यूज़ एक गंभीर समस्या है। इन दिनों युवाओं में विशेष रूप से आम है, यह उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जो नशे के साथ-साथ उनसे जुड़े हैं। मुद्दे की संवेदनशीलता को पहचानना होगा और किसी भी स्थिति में इस अभ्यास को शुरू नहीं करना चाहिए। याद रखें, अकेलेपन, भय, चिंता और दिल टूटने जैसी समस्याओं से निपटने के बेहतर तरीके हैं।
दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, 600 शब्द:
नशीली दवाओं का दुरुपयोग, दवाओं का अनिवार्य और अत्यधिक उपयोग, विशेष रूप से किसी व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यह मस्तिष्क में परिवर्तन का कारण बनता है जो किसी व्यक्ति के लिए आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना और ड्रग्स लेने की इच्छा को रोकने के लिए उनकी शक्ति में हस्तक्षेप करना मुश्किल बनाता है।
मस्तिष्क के कामकाज में परिवर्तन अक्षम्य हैं और यही कारण है कि यह अक्सर रिलेप्स होता है। यहां तक कि जो लोग ठीक हो जाते हैं, वे पुनर्प्राप्ति के वर्षों के बाद भी दवाओं की वापसी का एक उच्च जोखिम रखते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि उपचार पर्याप्त प्रभावी नहीं है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपचार बंद नहीं किया गया है। यह एक सतत प्रक्रिया है, हालांकि डॉक्टर मरीजों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर समय-समय पर दवा बदलते रहते हैं।
क्या है ड्रग्स की लत?
अलग-अलग लोग अलग-अलग कारणों से इस आत्म-हानिकारक आदत के शिकार होते हैं। मादक पदार्थों की लत के कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
खालीपन का अहसास खालीपन का एहसास सबसे बुरा एहसास हो सकता है और अक्सर संभालना मुश्किल होता है। इन भावनाओं से छुटकारा पाने के लिए, बहुत से लोग दवाओं का रास्ता अपनाते हैं। उन्हें लगता है कि ड्रग्स उन्हें शून्य को भरने में मदद करेंगे।
काम का दबाव कई छात्र अध्ययन से संबंधित तनाव को दूर करने के लिए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं। इसी तरह, कॉरपोरेट कार्यालयों में इन दिनों इतना दबाव है कि लोग इसका सामना नहीं कर पा रहे हैं। काम पर होने वाले तनाव और चिंता से निपटने के लिए वे अक्सर दवाओं की ओर रुख करते हैं।
परिवार / रिश्ते की समस्या कई लोग पारिवारिक मुद्दों या रिश्ते की समस्याओं के कारण होने वाले तनाव को दूर करने के लिए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं और अंततः उसी के आदी हो जाते हैं।
प्रयोग किशोर अक्सर केवल प्रयोग करने के लिए दवाओं की कोशिश करते हैं और उन्हें महसूस होने से पहले ही आदी हो जाते हैं। किशोरों को उनकी लत लगने की संभावना अधिक होती है।
जेनेटिक ड्रग की लत आनुवांशिक भी हो सकती है। अक्सर देखा गया है कि यह समस्या परिवारों में चलती है। इसलिए, अगर उनके माता-पिता ड्रग्स का सेवन करते हैं, तो बच्चों को इसकी लत लगने का खतरा अधिक होता है।
पर्चे पर उपलब्ध दवाएं डॉक्टरों द्वारा निर्धारित अधिकांश दवाएं सड़क दवाओं के समान ही नशे की लत हैं। बहुत से लोग उन्हें सुरक्षित मानते हैं और इनका बार-बार उपयोग करने से व्यसन होता है।
नशीली दवाओं की लत पर काबू पाने के उपाय:
नशा पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, यह असंभव नहीं है। दवा, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और परिवार और दोस्तों के समर्थन की मदद से, कोई भी इस समस्या को दूर कर सकता है। मादक द्रव्यों के सेवन को दूर करने में आपकी सहायता के लिए नीचे चर्चा की गई है।
डॉक्टर से सलाह लें मादक पदार्थों की लत से छुटकारा पाने के लिए एक मजबूत इच्छा शक्ति की तुलना में बहुत अधिक है। यदि आपने ड्रग्स की अंधेरी दुनिया से बाहर निकलने का संकल्प लिया है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करने का सुझाव दिया गया है।
व्यायाम दवा की खुराक कम करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है। आप शारीरिक गतिविधियों जैसे जॉगिंग, साइकलिंग, तैराकी, नृत्य और योग को दूसरों के बीच में शामिल करके इसे काफी हद तक दूर कर सकते हैं।
स्वस्थ खाओ दवाओं के नियमित सेवन से आपका शारीरिक स्वास्थ्य ख़राब होता है। इस प्रकार भोजन करने की सलाह दी जाती है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
लोगों से बात करें अपनी भावनाओं को खुद पर रखने के बजाय, उन्हें बाहर निकालने का सुझाव दिया जाता है। अपने मुद्दों के बारे में अपने परिवार और दोस्तों से बात करें। यह ड्रग्स पर भरोसा करने के बजाय तनाव को दूर करने का एक अच्छा तरीका है।
नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक बढ़ती हुई समस्या है, खासकर युवाओं में। ऐसे कई कारण हैं जो इस समस्या का कारण बनते हैं और इसका जो प्रभाव पड़ता है वह बेहद हानिकारक है। उनके उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए दवाओं के नकारात्मक नतीजों के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इस समस्या की चपेट में आने वाले लोगों को एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और नशीली दवाओं के दुरुपयोग की नारकीय दुनिया से बाहर आने के लिए उन लोगों से मदद लेनी चाहिए।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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नशा मुक्ति पर निबंध Essay on De-Addiction in Hindi

इस लेख में हिंदी में नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on De-addiction in Hindi) आसान शब्दों में लिखा गया है।
Table of Content
इस निबंध मे नशा मुक्ति क्या है, युवा पीढ़ी पर नशा का प्रभाव, नशा करने का कारण, नशा करने से होने वाली बीमारियाँ, नशा मुक्ति के उपाय इत्यादि के विषय में चर्चा किया गया है।
नशा मुक्ति क्या है? What is De-addiction in Hindi?
नशीली पदार्थों का सेवन करना आजकल लोगों के लिए एक ट्रेंड बन चुका है। करोड़ों ऐसे लोग जिनमें युवा पीढ़ी प्रमुख रुप से भागीदार है, जिनका पूरा जीवन अधिकतर नशे अथवा लत जैसी बुरी आदत के कारण बर्बाद हो जाता है।
नशे की लत से लोगों का जीवन तो बेकार बन ही जाता है, साथ ही इससे देश पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नशा मुक्ति सामाजिक बुराइयों के खिलाफ छिड़ा हुआ एक आंदोलन स्वरूप है, जिसमें सरकार से लेकर अन्य गैर सरकारी संस्थाओं तक सभी एकजुट होकर लोगों को नशे की लत से दूर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
आजकल नाबालिक बच्चों से लेकर वृद्धों तक हर कोई नशे की चपेट मे जूझ रहा है। नशा मुक्ति अभियान द्वारा हर वह संभव से संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिनके द्वारा सभी युवाओं को एक नया जीवन और लक्ष्य प्रदान किया जा सके।
नशा मुक्ति जैसे बड़े क्रांतिकारक अभियानों द्वारा लोगों का जीवन नर्क से सुखदाई जीवन में परिवर्तित किया जा सके यही लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहने का प्रयास किया जा रहा है।
युवा पीढ़ी पर नशा का प्रभाव Effect of Drug Addiction on Youth
- घरेलू हिंसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन अधिकतर जहां महिलाओं के साथ घर में पुरुषों द्वारा मारपीट और ताड़ना दिया जाता है, ऐसी परिस्थिति में अक्सर लोग नशे में होते हैं। नशा करने के बाद अक्सर लोग अपना सारा गुस्सा और तनाव घर आकर मारपीट के जरिए उतारते हैं।
- हम जानते हैं कि देश की प्रगति में सबसे बड़ा योगदान युवा पीढ़ी का होता है, लेकिन नशा एक ऐसी बुरी आदत है जो लोगों से उनका सुनहरा भविष्य ही छीन लेता है। नशा का सबसे बुरा परिणाम यह हो सकता है कि युवा पीढ़ी को अपने जीवन और लक्ष्य का अता – पता ही नहीं हो।
- परिवारिक झगड़े होना एक साधरण बात है। लेकीन नशे के आगोश में प्रतीदिन ऐसे पारिवारिक कलह करना कोई अच्छी बात नहीं है। नशे की लत युवाओं को ऐसे गहरे दलदल में धकेल देती है, जिनसे पारिवारिक कलह कभी खत्म नहीं होता है।
- कई रिपोर्ट्स के मुताबिक सड़क हादसों में घटने वाली दुर्घटनाओं के पीछे अक्सर नशे की अवस्था जिम्मेदार होती है। लोग जब नशे में धुत होकर गाड़ी चलाते हैं, तो इससे बड़ा हादसा हो जाता है। इसमें कई बार उनकी जान तक चली जाती है।
नशा करने का कारण Reasons Behind Drug Addiction
- बुरी संगति अक्सर लोगों को बड़े संकट में डाल देती है। ऐसे लोग जो पहले से ही दारू, सिगरेट ड्रग्स और दूसरे नशीली पदार्थों का सेवन करते हैं, वे अक्सर अपनी संगति वाले लोगों को भी यही सिखाते हैं। इस प्रकार गलत संगति के कारण दुसरे लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।
- कई बार मानसिक तनाव के कारण भी लोग नशे का सहारा लेकर खुद को अच्छा महसूस करवाने का प्रयास करते हैं। नशे की स्थिति में लोगों को कुछ भी याद नहीं रहता, जिसके कारण उनके विचार भी उन्हें तंग नहीं कर पाते। इस तरह कुछ समय के लिए मानसिक तनाव को दूर करने के लिए लोग नशा करते हैं।
- दूरदर्शन पर आने वाले बड़े बड़े अभिनेताओं, अभिनेत्रियों और दूसरे बड़े चेहरों को मानने वाले लोगों की सूची बहुत ही लंबी है। चूंकि युवाओं में अपने मन पसंदीदा कलाकारों की नकल उतारने का बड़ा शौक रहता है, इसलिए इन्हीं अभिनेता और अभिनेत्रियों को देख देख कर बच्चे और बड़े सभी ऐसा करना शुरू कर देते हैं।
- अगली श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं जिन्हें तंबाकू, सिगरेट, दारू और ड्रग्स इत्यादि का सेवन करना पसंद होता है। बिना किसी कारण के यह लोग केवल स्वाद के लिए अपने स्वास्थ्य और जीवन का सौदा कर आते हैं। इसका परिणाम आगे चलकर इन्हें साफ़ दिखाई पड़ता है।
- जिस घर में बड़े बुजुर्ग लोग तंबाकू, दारु, सिगरेट या अन्य किसी भी चीज का नशा करते हैं, उन्हें देख देख कर घर के बच्चे भी ऐसा करने की सीख लेते हैं और आगे चलकर ऐसे ही लोगों की तरह बन जाते हैं।
नशा करने के दुष्परिणाम Disadvantages of Drug Addiction
- नशे की लत लोगों का जीवन अंधकार रूपी दलदल में ढकेल देती है, जहां हमेशा निराशा और कष्ट ही चारों तरफ फैला रहता है।
- इसके नकारात्मक प्रभावों से वाकिफ होने के बावजूद भी लोग तमाम तरह के नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जिसके कारण विभिन्न प्रकार के बीमारियों का भोग भी बन जाते हैं।
- नशे की लत में धुत होकर सड़कों पर लोगों द्वारा गाड़ी चलाने के कारण रोड दुर्घटना में हर रोज कई लोगों की जान चली जाती है।
- ऐसे लोग जो हमेशा किसी न किसी नशीली वस्तु का सेवन करते रहते हैं, वे दूसरों को भी अपनी संगति से बिगाड़ देते हैं।
- नशीली वस्तुओं के सेवन का चलन पीढ़ी दर पीढ़ी एक दूसरे से प्रभावित होकर निरंतर बढ़ता रहता है, जो एक बहुत बड़ी समस्या है।
- जिस क्षेत्र के युवा पीढ़ी मानसिक रूप से अचेत होते हैं तो वह पूरा क्षेत्र कभी भी विकास नहीं कर पाता है। यह नशे का सबसे नकारात्मक दुष्परिणाम है।
नशा करने से होने वाली बीमारियाँ Disease Caused by Drug Addiction
यह पता होने के बावजूद भी की नशीली चीज़े किसी का भी जीवन नर्क बना सकती है, फिर भी उसे बाजार में खुल्लम खुल्ला बेचा और खरीदा जाता है, जो कि देखा जाए तो एक अपराध है।
हालांकि ऐसे अपराधों की कोई सजा नहीं है। तंबाकू और गुटखा के पैकेट पर यह साफ चेतावनी लिखी होती है, कि इसे खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। लेकिन किसी को भी इस बात से फर्क नहीं पड़ता और लोग बड़े ही चाव से अपनी मनमानी करते हैं।
चाहे सिगरेट, तंबाकू, शराब, ड्रग्स इत्यादि कुछ भी हो वह स्वास्थ्य पर हमेशा बुरा प्रभाव ही डालते हैं। लंबे समय तक ऐसे जहर का सेवन करते हुए लोग अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं।
कैंसर, किडनी फेल होना, पाचन तंत्र का बेकार पड़ जाना, सांस लेने में दिक्कत होना, ह्रदय रोग और न जाने कितने ही तरह की बीमारियां ऐसी नशीली चीजों के सेवन के कारण आमंत्रित हो जाती हैं।
गौरतलब है कि नशे की आदत से लोगों का स्वास्थ्य तो खराब होता ही है साथ ही उनकी मानसिकता भी बेकार पड़ जाती है। इससे लोगों के जीवन की आयु भी कई साल कम हो जाती है।
नशा मुक्ति के उपाय Drug De-addiction Methods in Hindi
हमारे देश के युवाओं को अंधकार में जाने से बचाने के लिए नशा मुक्ति के लिए कई सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि ऐसे गंभीर मुद्दों को लेकर हमें नशा मुक्ति अभियान को लेकर और गंभीर होने की आवश्यकता है। लोगों में जागरूकता फैलाकर शायद नशे से करोड़ों लोगों को बचाया जा सकता है।
देश की सरकार नशा मुक्ति के लिए बेहतरीन कदम उठा रही है, जिसके अंतर्गत अब तक भारत जैसे देश के कई राज्यों में नशीली पदार्थों पर या तो पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है अथवा उनके ऊपर कर (TAX) को बहुत ज्यादा कर दिया गया।
हालाकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ऐसे कानूनी पाबंदियों के बावजूद भी अवैध रूप से नशीली वस्तुओं की काला बाजारी की जा रही है।
देश भर में ऐसे नशा मुक्ति केंद्रों को स्थापित करने की आवश्यकता है, जो मजबूत रूप से लोगों तक पहुंच पाए, जो इस समस्या से परेशान हैं। जितना संभव हो सके अधिक से अधिक लोगों को ऐसी जागरूकता अभियान में शामिल करना चाहिए।
केंद्र सहित सभी राज्य सरकारों को सख्त रवैया अपनाते हुए नशीली चीजों के उत्पादन पर रोक लगाने चाहिए तथा जितना संभव हो सके नशीली पदार्थों की अवैध बिक्री और खरीदी पर भी कड़ी नजर रखनी चाहिए।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on De-addiction in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।
1 thought on “नशा मुक्ति पर निबंध Essay on De-Addiction in Hindi”
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नशीली दवाओं के प्रकार, नुकसान, लक्षण और उपचार.

बदलती हुई सामाजिक मान्यताएं, कुछ नया करने की चाहत, तरह-तरह के तनाव आदि तमाम ऐेसे कारण हैं, जिनकी वजह से समाज में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़...

Atyant upyogi jankari di hai, abhar. Pratul Singh, Gangoh, UP

इस विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद !
मैंने नशीली दवाओ के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावो के बारे मे पढा सच मानिये मुझे रोना आ गया। मै एक हिन्दी प्राधयापक हूं ओर समय समय पर बच्चो को नशे के दुरुपयोग पर बातचीत करता रहता हू। पर अब मै आज के बाद बच्चो के साथ साथ समाज मे भी नशे के सेवन के दुरुपयोग की बातचीत किया करूगा। मै राजिंदर फाजिलका पंजाब 9914410514
ji mera naam raj kumar mai bahoot paresan main hu mai brawn sugar 2 mahine se use kar raha hu mai chodna cahata hu lakin nahi hota kuch upaye bataiye guru
Bhai apne upar cantrol ho bs
Tum apna no. No do
I am 35 years old man and doing govt. Job . I have stared consuming Ganja and Bhang 6 months back . Now am worried of adiction . I tried to give it up but i could live without it only for few days . I need it once in a day . I spoiled my life in this matured age . Shame on me .
Concentrate on ur mind.
Kitna log indea main nasha krta h
mujhe lgta h k mere pti koi drugs use kr rhe h or unki ankhen laal hot I h jb vo. ghar aate h or subah or sham ka unka pkka routine h k bahr Jana hi h chahe kuch bhi ho Jaye
Medam oh gaja pite h darks lene se aak laal nai hota gaja pine se aak laal hota h app unne pyeaar se samjao ladai jgra mat krna ladai jagra krne se oh or nasha krege pyeaar se samjao samj jaygye
Mene b nasha chod dia bhut relax deel krta hu abbb
bahut hi anmol jankari diya hai apne.bahut bahut dhanywad.
Aur vistrut jankari kaha milegi
Main 1 saal se heroin drug le raha hu abb main chodna chata hu koi uppaye btaiye
पुलिसवालो और समाज दोनों के सहयोग से समाज में से ड्गस का अंत कर सकते हैं
पुलिसवालो और समाज दोनों के सहयोग से समाज में से ड्गस का नामोनिसान मिटा सकते है।
Addiction ki itni bariki se imformation dene ke liye Thankyou
Addiction ki itni imfomation dene me liye thankyou
अपनी टिप्पणी लिखें...koi dawa bataye jise patient ko bechani na ho or nind aa jaye
me LLM ka student hu muje or jankari chahiye plz hellp me .is ke bareme govt kaya karti hey or iska koi asar in dargs mafiya par hota hey ya nahi?
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Essay on addiction in Hindi and His Causes and Effects of Technology
Essay on addiction in Hindi को सही से परिभाषित किया जाय तो इस का सीधा मतलब है बुरी आदत की लत। जब इंसान को किसी भी बुरी चीज़ से बहुत अधिक लगाव बढ़ जाता है और वह लगाव उसकी आदत में बदल जाता है तब वह चाह कर भी इस आदत से छुटकारा प्राप्त नहीं कर पाता है। जिसे एडिक्शन या लत लगना कहते हैं।
Table of Contents
Causes and Effect on Addiction:
Addiction यानी की लत किसी भी चीज़ से संबंधित हो सकती है, वह चाहे किसी प्रकार का नशा हो, किसी से अधिक लगाव, किसी वस्तु की ओर अधिक व्यसन आदि। व्यसन या लत या addicton जब बढ़ जाता है तो व्यक्ति खुद के साथ साथ अपने परिवार का भी नुकसान करता है।
दोस्तों, Essay on Addiction in Hindi के अंतर्गत आज हम आपको कई तरह की लत या व्यसन के बारे में बताएंगे। जिसे जानने के बाद आपको पता लग जायेगा कि addiction कितना खतरनाक हो सकता है। इस addiction या लत में आकर कई बार लोग अपनी जान भी गवा बैठते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको मोबाइल, टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया, वीडियो गेम, कंप्यूटर, इंटरनेट, जंक फ़ूड, अल्कोहल से संबंधित व्यसन या लत के बारे में बतायेंगे, जिनसे हमें पता चलेगा की किसी भी चीज़ का अधिक एडिक्शन कितना नुकसानदायक है और इसके साथ इसका निवारण क्या हो सकता है।
Essay on Addiction of Mobile phones and Computers and Effects and Causes as well as:
आज हर कोई मोबाइल और कंप्यूटर जैसे उपकरणों से गिरा हुआ नजर आता है। जो कि बेहद नुकसानदायक बन चुका है।
Mobile Phones:
आज के युग में मोबाइल हर किसी के पास उपलब्ध है लेकिन मोबाइल के बिना व्यक्ति को काफी असहाय महसूस होने लगता है। इससे ही हम अनुमान लगा सकते हैं कि मोबाइल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण बन गया है। आज कल तो मोबाइल एक नशा बन चुका है। मोबाइल को खुद से दूर रखना आज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत कठिन हो गया है।
आज के युवाओं में मोबाइल की लत के प्रमुख कारण आज के समय में मोबाइल में कई सारे एप्लीकेशंस हैं, जो मोबाइल में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इसमें समय व्यतीत करते हुए लोगों को मोबाइल की लत लग जाती है। इनमें व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि शामिल है। यही कारण है कि युवाओं के साथ addiction to mobile phone की समस्या गंभीर रूप से सामने आती हुई नजर आ रही है।
आइए आज हम बात करते कंप्यूटर की लत के बारे में कंप्यूटर भी मोबाइल के जैसा ही एक यंत्र है जो हर किसी के पास होता है। मोबाइल में डाटा ना होने पर इंटरनेट अपने कंप्यूटर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें इंटरनेट की लत होती है वहा असहजता होने की स्थिति में इन्टरनेट की लत होती हैं। विभिन्न तरह के registration, मनोरंजन सब इन्टरनेट के माध्यम से होते हैं। इसी वजह से ज्यादातर लोग कंप्यूटर के लत के शिकार हो जाते हैं।
अधिकांश, विश्व में सूचनाओं का आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए और किसी भी बड़ी गणना को क्षण भर के समय में करने के लिए कंप्यूटर की रचना की गई थी। इसके दुरुपयोग या अधिक उपयोग की वजह से लोग कंप्यूटर की लत के शिकार होते जा रहे हैं।
इन्टरनेट की लत मनुश्य को को वास्तविक दुनिया से बाहर काल्पनिक दुनिया में ले जाता हैं। इन्टरनेट की उत्पत्ति का सबसे बड़ा कारण एक कंप्युटर से जोड़ना था।
Effects of Addiction to Mobile and Computer
मोबाइल या कंप्यूटर के नशे और इससे व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो हम अपना आधा समय व्यतीत कर देते हैं। पूरे दिन मोबाइल का प्रयोग करने से कई प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं जैसे- आँखों का कमजोर होना, सर में दर्द होना, तनाव, अनिद्रा, कम सुनाई पड़ना आदि।
Essay on Addiction of Video Games:
आइए आज हम बात करते वीडियो गेम के बारे में, वीडियो गेम एक इलेक्ट्रॉनिक अथवा intractive गेम हैं जो इसकी ध्वनि का बुरा प्रभाव पड़ता हैं। जो कि ध्वनि प्रभाव और जटिल ग्राफिक्स के लिए जाने जाते हैं। इसको आप टेलीविजन सेट पर या कंप्यूटर पर तारों से जुड़े एक गेम बॉक्स मे स्थापित कर चला सकते हैं। आज पूरी दुनिया में बच्चें video game खेलना काफी पसंद करते हैं जिसकी वजह से उन्हें Video game की बुरी लत लगी हुई है।
वीडियो गेम अनिवार्य रूप से मनोरंजन का ही एक रूप है। यह मुख्य रूप से बच्चों को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। कंप्यूटर गेम में ऐसे गेम भी शामिल होते हैं जो टेक्स्ट प्रदर्शित करते हैं। जो ध्वनि अथवा कंपन उनके प्राथमिक नियंत्रक या उपयुक्त किसी भी संयोजन रूप में अन्य विधियों का प्रयोग किया जाता है।
Essay on Addiction of Internet:
हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है जिसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की जानकारियों को प्राप्त कर पाते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर addiction of internet की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। सोचने वाली बात तो यह है कि यह केवल युवाओं में ही नहीं बल्कि व्यस्क लोगों में भी देखा जाता है।
इन्टरनेट पर जुड़े बहुत से लोग आपको हानि पहुचा सकते है। इन्टरनेट को बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल करने पर हमारा जो बहुमूल्य समय है वो बर्बाद हो जाता हैं। इन्टरनेट की वजह से ना जाने कितने दिन नष्ट होते चले जा रहे हैं। अथवा यह एक दिन की बात नहीं हैं। साथ ही साथ बहुत से तरह के लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि इन्टरनेट हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
दरहसल, इन्टरनेट आज मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। जिस भी मनुष्य को इन्टरनेट की लत लग गई हैं अगर उसका इन्टरनेट कनेक्शन खत्म हो जाए तो मनुश्य बहुत ही ज्यादा परेशान होने लगता हैं। यहां तक कि डेटा ना मिलने पर व्यक्ती का मूड ख़राब हो जाता हैं। बस इसी वजह से 10 में से आज 6 लोगों को इन्टरनेट की लत लग चुकी हैं।
Essay on Addiction of Junk Food in Hindi:
एक और चीज़ की लत जो लोगों में सबसे अधिक होती है वह है जंक फूड। जंक फूड तो आजकल हर बच्चों का और हर इंसान का पसंदीदा बन गया है। बच्चे अपने ब्रेकफास्ट, लंच और कई बार डिनर के समय में भी बच्चे जंक फूड का सेवन करते हैं। जहाँ, बच्चों को जंक फूड बहुत अधिक पसंद आता है वैसे ही वयस्कों को भी देखा गया है की उन्हें भी जंक फूड की लत लगी रहती है।
अगर जंक फूड रोजाना खाया जाए तो इससे बड़े एवं बच्चों दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। बच्चे घर पर खाना छोड़ कर बाहर का खाना खाना ज्यादा पसंद करते हैं जिससे उन्हें पेट की कई सारी बीमारियों से सामना करना पड़ता हैं। जिससे उनके शारीरिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ सकता है। जहां बच्चे खाने में पिज्जा एवं बर्गर खा रहे हैं वहीं वह उचित आहार से दूर हो रहे हैं।
Essay on Addiction Of Social Media:
सोशल मीडिया एक दो धारी तलवार की तरह है जहां अपनों से जुड़े रहने का मौका मिलता है अथवा अकेलेपन का एहसास हमारे नजदीक नहीं आता। वहीं दूसरी तरफ साइबर अथवा दूसरे लोगों से जीवन की तुलना के प्रवृत्ति की वजह से इसका इस्तेमाल डिप्रेशन की वजह बन सकता है।
सोशल मीडिया हालांकि दूर के दोस्तों अथवा रिश्तेदारों से मिलने का मौका तो देती है। मगर दोनों पक्षों में आमने सामने बात विवाद नहीं बातें जो की भावनात्मक जुड़ाव के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ज्यादातर मामलों में फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और भी बहुत सारी साइटों पर घंटा भर चिपकने वाले लोग में शारीरिक सक्रिय की कमी के चलते व्यक्ति के डायबिटीज का जोखिम ज्यादा मिलता है।
कई बार तो इंसान हमेशा अपना समय बर्बाद करके अपनी न्यूजफीड को देखता रहता है। कई बार जो व्यक्ति सोशल मीडिया को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं वह तो दूरी भी बर्दाश्त नहीं हो सकती। कभी-कभी तो मनुष्य को मोबाइल नोटिफिकेशन आने का क्रम लगा रहता है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करना एक बेचैनी के रूप में होता है।
Essay on Addiction Of Technology:
जितने भी लोग तकनीकी व्यवसाय के बारे में जानते हैं। यह समझते हैं वह अपने मोबाइल फोन के उपयोग से निराशा व्यतीत करते हैं। ऐसे ही नई नई टेक्नोलॉजी की जानकारियां और उनके नए गैजेट लोगों को काफी रुचिकार लगती है।
लगातार टेक्नोलॉजी की खोज ने मनुष्य के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। यहां तक कि इसको विश्व के स्वास्थ्य संगठन में gaming disorder को अपने अंतरराष्ट्रीय संघ में शामिल किया है। आधुनिकरण के कारण लोगों की जीवनशैली काफी प्रभावित हो चुकी है।
Essay on Addiction Of Drugs and Alcohal:
आप इतना तो जानते ही होंगे की ड्रग्स(Essay on addiction in Hindi) और अल्कोहल का सेवन सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होता है। लेकिन आपको यह नहीं मालूम होगा की जिनको इनकी लत लगती है उनके साथ क्या होता है। इंसान जब शराब, गुटका, सिगरेट का सेवन करता है तो उसे इस नशे की बहुत बुरी लत लग जाती है, वह जब नशे से दूरी बनाने की कोशिश करता है तो वह चाह कर के भी दूर नहीं हो पाता है। इसका कारण यह है कि नशे की लत उसके दिमाग में घर कर लेती है। जिसकी वजह से मनुष्य को जब भी दुख का सुख का आभास होता है तो वह बुरी आदत जैसे ड्रग्स और अल्कोहल का सेवन करता है।
इससे मानसिक, पारिवारिक अथवा सामाजिक इन तीनों ही स्तर पर बुरा असर पड़ सकता है। नशे की लत से परिवार में अशांति का निवास स्थान रहता है। जिस व्यक्ति को नशा करने का लत होता है उसे आर्थिक तंगी हो जाती है। कुछ व्यक्ति तो नशा कर घर में आकर अपनी पत्नियों पर हाथ उठाते हैं जो कि एक अपराध है।
नशे की लत के लिए मनुष्य अपनी सारी संपत्ति को पानी की तरह बहा देता है। नशा करने के बाद समाज अथवा कार्यस्थल पर तमाशा करता है। जिससे नशा करने वाले व्यक्ति के इज्जत पर आधात हो जाता हैं।
आज के दौड़ में नशा मुक्ति(Essay on addiction in Hindi) भारतीय समाज की विडंबना है। निम्न स्तर के जो लोग होते हैं वह अपने सारे पैसे शराब में उड़ा देते हैं। मगर उन्हें यह नहीं पता होता कि इसका दुष्परिणाम इंसान को ही भुगतना होता है। मानो युवा वर्ग के लिए तो नशा एक फैशन बन गया है। नशा किसी भी मनुष्य की जिंदगी को तबाह करने मे सक्षम हैं। अथवा यह एक अपराध भी है कि जो व्यक्ति नशे की तस्करी करता है उसे जेल भी हो सकती है।
Essay On Addiction and the Future of Youth in India:
आज कल युवाओं बुरी चीजों की ओर लत काफी बढ़ता जा रहा है। यह पिछले कुछ दशकों में अत्यधिक रूप से बढ़ा है। छात्र अथवा छात्राएं विशेष करके विश्वविद्यालय अथवा स्कूलों के बच्चे ज्यादातर नशा करते हैं जैसे कोकीन, ड्रग्स,अफीम आदि। इनके पास नशा लेने के कई सारे तरीके हैं जैसे इंजेक्शन से या फिर मुख से। नशे की आदत से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल है इस मुश्किल घड़ी में मनुष्य को अगर नशे की लत लग जाए तो वह कई तरह की शर्मनाक घटनाएं करता है। जैसे कि बैंक लूटना, चोरी करना आदि। इसी प्रकार ये मोबाइल और इंटरनेट पर भी बुरी तरह से लगे हुए हैं।
कल का भविष्य आज के छात्र ही हैं। लेकिन अपने मार्ग से भटककर नशे की लत में छात्र गलत मार्ग का चयन करते हैं और फिर उनके आदि हो जाते हैं।
Conclusion:
कहते हैं अधिक कुछ भी सही नहीं होता, इसीलिए जीवन में कुछ चीजों को सीमित में ही रखना चाहिए। हालांकि अपने ऊपर की पोस्ट में जाना होगा कि मोबाइल, टेक्नोलॉजी, इंटरनेट(Essay on addiction in Hindi) की अधिक लत सही नहीं होती है, इसके साथ ड्रग्स और अल्कोहल से भी दूर रहना चाहिए। हमेशा तकनीक का जरूरत के अनुसार उपयोग होना चाहिए।
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Drugs are ugly monsters that are sucking all the energy and lifeblood of young people. A few years back only the developed countries were facing the problem of drug addiction among the people. But now it is spreading in developing countries also. In Pakistan more than 2.5 million people are drug addicts, seventy percent of whom are from among the youth.
A drug is a medicine that is used to cure a disease or soothe a patient. But when it is used freely and frequently without medical advice, it becomes an addiction as it intoxicates its user. People take to them within a few days. Some people start taking them as fun but soon fall prey to their addiction. But most people take to them because of their mental worries caused by unemployment, sexual perversion, protracted illness, or some financial or social problem.
The effects of drug addiction are horrible. It clutches its prey forever and makes him invalid in society. He becomes unable to earn his livelihood. He uses different methods including theft and murder to get money so that he may buy heroin or some other drug. It mars his health. It affects the mind and paralyzes it. He is no more a normal human being. He forgets his status. Duties, responsibilities, and even himself. He is ruined and with him, his family is also ruined.
Many political figures have their links with the drug mafia or are themselves involved in the business. Drug barons openly use money in financing election campaigns of political parties and individual politicians. They return the favor by extending an umbrella of protection to the drug business.
To curb this curse the government should take stringent and strict measures. Drug addiction should be treated as a disease that needs to be cured. It is a medical, psychiatric, and sociological problem, and the government should make arrangements to solve this problem along these lines. Drug addicts should be treated in government hospitals where specialists are appointed to look into the causes of drug addiction. Drug traffickers should be awarded death sentences and all their property should be confiscated. The political parties should also purge their ranks of drug barons and form a united front against the entry of dubious characters into the assemblies.
Write an essay on "Drug Abuse, a Threat to Society". (170 - 200 Words)
Drug addiction is a bad habit and has destroyed the lives of millions of people in this world, The person who has the habit of taking some narcotics like opium, heroin, marijuana, tobacco, valium, cocaine, and alcohol is called a drug addict . It is a common problem in the modern world. Today young men take it as a fashion. It has severely affected and destroyed the normality of the people. Once one is caught in this habit, it is very difficult for him to get rid of it. The drug-addicted person feels energetic and active after taking it. The person feels drowsiness, sleepy, and lives in a fantasy world. He does not live in reality. He devastates his strength, energy, and power under the bad effects of drugs or narcotics. Drug addiction is really a very serious threat to any society.
Pakistan is also badly affected by its users and drug pusher s. They are openly involved in these activities. They smuggle these items without any fear. The smugglers of drugs should be strictly punished throughout the world. Rehabilitation centers should be opened for the victims, so that proper medical support and guidance may be provided to these people in these centers.
Media , worldwide organizations, and newspapers should play their role to make people aware of the bad effects of drugs and narcotics so that the world can be saved and the sufferer can be rehabilitated, and they can spend healthy, active, meaningful, and energetic life because the young generation is the real strength of any nation or country

Drug Addiction in Hindi ड्रग की लत हिंदी में
ड्रग्स बदसूरत राक्षस हैं जो युवा लोगों की सारी ऊर्जा और जीवन की बाढ़ को चूस रहे हैं। कुछ साल पहले केवल विकसित देश ही लोगों के बीच मादक पदार्थों की समस्या का सामना कर रहे थे। लेकिन अब यह विकासशील देशों में भी फैल रहा है। पाकिस्तान में 2.5 मिलियन से अधिक लोग नशीले पदार्थ के नशे में हैं, जिनमें से सत्तर प्रतिशत युवा हैं।
एक दवा एक दवा है जिसका उपयोग किसी बीमारी को ठीक करने या किसी रोगी को शांत करने के लिए किया जाता है। लेकिन जब यह बिना किसी चिकित्सीय सलाह के स्वतंत्र रूप से और अक्सर उपयोग किया जाता है, तो यह एक लत बन जाता है क्योंकि यह अपने उपयोगकर्ता को नशा देता है। लोग कुछ दिनों के भीतर उन्हें ले जाते हैं। कुछ लोग उन्हें मज़े के रूप में लेना शुरू करते हैं लेकिन जल्द ही उनकी लत का शिकार हो जाते हैं। लेकिन अधिकांश लोग बेरोजगारी, यौन विकृतियों, लंबी बीमारी या कुछ वित्तीय या सामाजिक समस्या के कारण अपनी मानसिक चिंताओं के कारण उन्हें ले जाते हैं।
मादक पदार्थों की लत के प्रभाव भयानक हैं। यह अपने शिकार को हमेशा के लिए बंद कर देता है और उसे समाज में अमान्य बना देता है। वह अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ हो जाता है। वह पैसा पाने के लिए चोरी और हत्या सहित विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करता है ताकि वह हेरोइन या कोई अन्य दवा खरीद सके। इससे उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। यह मन को प्रभावित करता है और इसे पंगु बना देता है। वह कोई सामान्य इंसान नहीं है। वह अपना रुतबा भूल जाता है। कर्तव्य, जिम्मेदारियां और यहां तक कि खुद भी। वह बर्बाद हो गया है और उसके साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो गया है।
कई राजनीतिक हस्तियों के ड्रग माफिया के साथ संबंध हैं या वे खुद इस व्यवसाय से जुड़े हैं। ड्रग बैरन राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत राजनेताओं के चुनाव अभियानों के वित्तपोषण में खुलेआम धन का उपयोग करते हैं। वे दवा व्यवसाय को संरक्षण की एक छतरी देकर एहसान वापस करते हैं।
इस अभिशाप को रोकने के लिए सरकार को कड़े और सख्त कदम उठाने चाहिए। नशीली दवाओं की लत को एक बीमारी के रूप में माना जाना चाहिए, जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। यह एक चिकित्सा, मानसिक और सामाजिक समस्या है, और सरकार को इन लाइनों के साथ इस समस्या को हल करने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। नशीली दवाओं के व्यसनों का इलाज सरकारी अस्पतालों में किया जाना चाहिए जहां नशा के कारणों को देखने के लिए विशेषज्ञ नियुक्त किए जाते हैं। मादक पदार्थों के तस्करों को मौत की सजा दी जानी चाहिए और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए। राजनीतिक दलों को भी ड्रग बैरन की अपनी रैंक को शुद्ध करना चाहिए और विधानसभाओं में संदिग्ध पात्रों के प्रवेश के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाना चाहिए।

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Drug addiction, also known as substance-use disorder, refers to the dangerous and excessive intake of legal and illegal drugs. This leads to many behavioral changes in the person as well as affects brain functions. Drug addiction includes abusing alcohol, cocaine, heroin, opioid, painkillers, and nicotine, among others.
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