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फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi

जंक फ़ूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi

क्या आपको पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे बाहर का खाना अच्छा लगता है? क्या आप हर दिन जंक फ़ूड खाते हैं?

हर किसी मनुष्य के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य एक अच्छे जीवन को जीने के लिए बहुत ही जरूरी होता है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन अच्छा पौष्टिक भोजन और अच्छी आदतों का होना बहुत आवश्यक होता है।

आज के आधुनिक युग में लगभग सभी लोग जंक फूड खा रहे हैं क्योंकि यह बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, आसानी से हर जगह उपलब्ध होते है और कम दाम में भी मिलते हैं। पहले लोग जंक फ़ूड को कभी-कभी ही बाहर जाने पर खाया करते थे पर अब धीरे-धीरे लोग इसे अपने हर दिन का खाना बनाते जा रहे हैं जिसके कारण लोगों को कई प्रकार के स्वास्थ्य से जुडी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Table of Content

जंक फ़ूड क्या होता है? What is Junk food in hindi?

जंक फ़ूड में बहुत ज्यादा कैलोरी की मात्र होती है और विटामिन, प्रोटीन और मिनरल की मात्रा बहुत अधिक होती है। विटामिन और मिनरल जरूरत के अनुसार ही शरीर के लिए सही है। अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है।

इस बाहर में मिलने वाले ज्यादा कैलोरी वाले खाना का नाम जंक फ़ूड (Junk Food), माइकल ऍफ़ जकोब्सन ने साल 1972 में पहली बार दिया। देखने में जंक फ़ूड जितना सुन्दर होता है उतना ही ज्यादा यह शरीर के लिए खतरनाक होता है।

आज के दिन में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई व्यक्ति जंक फ़ूड खाने की आदत बना चुके हैं। अब जंक फ़ूड हर गली-मोहल्ले में मिलने लगा है और जन्मदिन या विवाह पार्टी का यह एक ज़रूरी हिस्सा बन चूका है।

जंक फ़ूड के कुछ मुख्य उदाहरण हैं कोल्ड ड्रिंक, नूडल, बर्गर, पिज़्ज़ा, चिप्स, नमकीन, मंचूरियन, समोसा, पकोड़े, केक, आइस-क्रीम, चॉकलेट, आदि। ऐसे ही और कई प्रकार के जंक फ़ूड आज हर जगह मौजूद हैं। इनमे से किसी भी प्रकार के जंक फ़ूड में पौष्टिक तत्व नहीं है जिससे शरीर को कुछ लाभ मिले।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम Effects of eating junk food in hindi

एक बात तो साफ़ है ज्यादा और लगातार जंक फ़ूड खाने से कई प्रकार के स्वास्थ्य प्रोब्लेम्स होते हैं। चलिए जानते हैं जंक फ़ूड के सेवन से शरीर को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है?

वजन बढना या मोटापा होना Obesity or Weight gain

पढ़ें : मोटापा कम करने के आसान उपाय

घर में बनानें वाले भोजन या अनाज में बहुत कम कैलोरी की मात्र होती है। जबकि फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड को बनाने में हर जगह बार-बार तेल, घी, बटर का उपयोग होता है जो शरीर के लिए कुछ हद तक ही ज़रूरी होता है।

दूरी बात आज के लोग अब पुराने ज़माने के लोगों जितना काम में पसीना नहीं बहाते हैं जिसके कारण वही तेल,घी या चर्बी युक्त भोजन उनके मोटापा का कारण बन जाता है और आप सब तो जानते हैं मोटापा शरीर में और कई प्रकार की बिमारियों का कारण बनता है।

हाइपरटेंशन Hypertension

पढ़ें : ग्रीन टी पीने के फायदे

जंक फ़ूड या फ़ास्ट फ़ूड में सबसे ज्यादा नमक का इस्तेमाल होता है। घर में बने हुए भोजन में हम ज़रुरत के अनुसार नमक की मात्रा का उपयोग करते हैं परन्त बाहर जंक फ़ूड में ज़रुरत से कई ज्यादा नमक की मात्रा मिलाई जाती हैं। आप लोगों को यह तो पता ही होगा ज्यादा नमक के सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता है और हाइपरटेंशन के रोगियों की हालत बहुत बिगड़ सकती है।

टाइफाइड Typhoid

जब आपके घर में आपकी माँ या पत्नी खाना बनाती है आपने देखा होगा वह सब्जियों, दाल, चावल को पहले कितना साफ़ से धोते और छांटते हैं। सड़े-गले सब्जियों को फैंक देते हैं और स्वच्छ तरीके से खाना बनाते हैं।

आपको क्या लगता है होटलों और फ़ास्ट फ़ूड सेंटर पर मिलने वाले जंक फ़ूड भी उतने ही स्वच्छ तरीके से बनाये जाते होंगे? जी नहीं ! एसा नहीं होता है। बहार मिलने वाले जंक फ़ूड सबसे ज्यादा गंदे या अस्वच्छ तरीके से बनाये जाते हैं जिनसे टाइफाइड, और डायरिया होने का खतरा रहता है।

ह्रदय से जुड़े रोग Heart Diseases

जंक फ़ूड को बनाने के लिए सबसे ज्यादा तेल का उपयोग किया जाता है। घर के भोजन में जरूरत के अनुसार हम तेल का उपयोग करते हैं। ज्यादा तेल और घी युक्त भोजन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है। इससे कई प्रकार के ह्रदय रोग होने का खतरा रहता है और ह्रदय के रोगियों के लिए जंक फ़ूड का सेवन करना जानलेवा साबित हो सकता है।

कुपोषण Malnutrition

एक बात तो सच है जंक फ़ूड खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं और भूख भी अच्छे से मिटाते हैं। लम्बे समय तक बिना पौष्टिक तत्वों वाले – फास्ट फूड या जंक फ़ूड पर निर्भर रहने वाले व्यक्तियों का भूख कम हो जाता है जिससे उनकी इच्छा घर का पौष्टिक खाना न खा कर जंक फ़ूड खाने की इच्छा करते हैं।

इससे लोगों को कुपोषण जैसे स्वास्थ्य मुश्किलों से गुज़रना पड़ सकता है। बच्चे कुपोषण का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं क्योंकि जंक फ़ूड के कारण उनका विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में हम बस इतना कहना चाहते हैं जंक फ़ूड एक महीने में एक बार ठीक है पर इसकी आदत बना स्वयं के शरीर को स्वयं बर्बाद करना है। इसलिए घर का स्वच्छ, स्वस्थ भोजन खाएं और निरोगी जीवन व्यतीत करें।

आशा करते हैं आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा होगा। अगर आपको हमारे इस पोस्ट से थोड़ी भी मदद मिली है तो अपने दोस्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से ज़रूर शेयर करें।

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi)

जंक फूड

आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए,  क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।

जंक फूड पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Junk Food in Hindi, Junk Food par Nibandh Hindi mein)

जंक फूड पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

जंक फूड ऐसे फूड है जो उच्च कैलोरी और कम पोषकतत्वों से युक्त होते है। आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं।

जंक फूड के प्रकार

जंक फूड हमारे बीच बिस्कुट, चीज , बर्गर , पिज्जा आदि के रूप में पाए जाते है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। जंक फूड स्वाद से भरे होते है परन्तु उनमें पोषक तत्व नगण्य होता है।

जंक फूड के नुकसान

जंक फूड से हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लीवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।

अगर हम अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो हमें जंक फ़ूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। हमें भोजन करने के उद्देश्य को समझना होगा। हमें भोजन स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए करना चाहिए।

निबंध 2 (300 शब्द)

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।

स्वास्थ्य के लिए जहर है फ़ास्ट फ़ूड

जंक फ़ूड टाइफाइड, ह्रदय से जुड़े रोग, कुपोषण, हाइपरटेंशन जैसे जुडी भयानक बीमारियों का कारण बनता है। ये हमारे सोच से कई ज्यादा नुकसान दायक होता है। जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में काफी कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

निबंध 3 (400 शब्द)

जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था। हममें से लगभग सभी लोग जंक फूड से वाकिफ हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है।

फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि आखिर इसकी असलियत जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है।

यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्ज, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।

जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी

जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की काफी कमी होती है। इस कारण से  उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इसके साथ ही इनके पाचक क्रिया के लिए शरीर में काफी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और इसके साथ ही यह शरीर को भी नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण पेट तथा अन्य पाचन अंगों में खिंचाव होता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। जंक फूड खाने के कारण हमें वजन बढ़ना, मोटापा, टायफॉइड, कुपोषण, आदि जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान ही पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवन भर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड का सेवन नही करना चाहिए। कैलोरीज की मात्रा फास्ट फूड में अधिक होने के कारण मोटे व्यक्ति के लिए यह अधिक हानिकारक होती है।

निबंध 4 (500 शब्द)

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

जंक फूड से मोटापा का खतरा

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम

शोध के अनुसार,  बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

Essay on Junk Food in Hindi

निबंध 5 (600 शब्द)

जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।

वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।

जंक फ़ूड क्या होता है ?

अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।

कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।

जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम

प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।

जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।

जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।

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जंक फूड खाने के नुकसान – Junk Food ke Nuksan in Hindi

इस आधुनिक जमाने में हर किसी की लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ये बदलाव आहार से भी जुड़े हुए हैं। हर किसी की डाइट का यह अहम हिस्सा बन चुका है। बात करें फास्ट फूड के फायदे और नुकसान की, तो जंक फूड के नुकसान कई सारे हैं। इससे लाभ होना मुमकिन नहीं है, लेकिन स्वाद के कारण यह बच्चे से लेकर व्यस्कों का प्रिय आहार बन चुका है। जंक फूड के नुकसान हिंदी में जानने के लिए अंत तक पढ़ें यह लेख।

पढ़ना शुरू करें

सबसे पहले जानेंगे जंक फूड यानी फास्ट फूड क्या है।

जंक फूड (फास्ट फूड) क्या है?

जंक फूड को फास्ट फूड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा खाद्य व पेय पदार्थ होता है, जिसमें पोषक तत्वों यानी विटामिन, खनिज और फाइबर की मात्रा कम होती है। इसमें स्वाद के साथ ही उच्च कैलोरी, संतृप्त वसा और अधिक मात्रा में चीनी या नमक होता है ( 1 )।

सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) में मौजूद जानकारी के अनुसार, फास्ट फूड अमेरिकी आहार का एक हिस्सा माना गया है। इसमें उच्च कैलोरी व खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ होते हैं ( 2 )। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जंक फूड पोषण युक्त आहार में से एक नहीं होता है।

अब समझिए कि फास्ट फूड खाने के नुकसान क्या-क्या हैं।

जंक फूड खाने के नुकसान – Fast Food Khane ke Nuksan in hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी और कैलोरी, वसा व चीनी की अधिकता होती है ( 1 )। ऐसे में इसके सेवन से स्वास्थ्य को क्या नुकसान हो सकते हैं, यह नीचे विस्तार से पढ़िए।

1. सिर दर्द की समस्या

जंक फ़ूड खाने से होने वाले नुकसान में सबसे पहले बात करेंगे सिरदर्द जैसी समस्या की। दरअसल, फास्ट फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) का उपयोग होता है। इस कंपाउंड से चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम हो सकता है। इसमें फास्ट फूड खाते ही सिरदर्द और अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं। रिसर्च के अनुसार, जंक फूड से मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिरदर्द होता है। यही कारण है कि माइग्रेन पीड़ितों को फास्ट फूड से परहेज करने की सलाह दी जाती है ( 3 )।

2. डिप्रेशन की समस्या

जंक फ़ूड खाने के नुकसान में डिप्रेशन की समस्या भी शामिल है। ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर हुए एक अध्ययन से पता चलता कि जंक फूड के सेवन से कई तरह की मानसिक समस्याएं होती हैं, जिनमें से एक अवसाद भी है। साथ ही इससे बच्चे का व्यवहार हिंसात्मक भी हो सकता है। इसके अलावा, कोला और कार्बोनेटेड पेय में मौजूद कैफीन की मात्रा बच्चों में अति सक्रियता/ध्यान की कमी के लिए जिम्मेदार होती है ( 3 )। इस आधार पर कह सकते हैं कि जंक फूड से डिप्रेशन के साथ ही मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है।

3. मुंहासों की परेशानी

एक शोध की मानें, तो वेस्टर्न डाइट यानी जंक फूड का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि इंस्टेंट नूडल्स, जंक फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, स्नैक्स, प्रोसेस्ड चीज , चिकन का सेवन करने वालों को मुंहासे की परेशानी अधिक होती है। वहीं, पौष्टिक आहार का सेवन करने वालों में मुंहासों का नियंत्रण अधिक पाया गया ( 4 )। इस आधार पर मान सकते हैं कि जंक फूड से होने वाले नुकसान में से एक मुंहासे का जोखिम भी है।

4. सड़न की समस्या

जंक फ़ूड खाने के नुकसान में दांतों की सड़न की समस्या को भी गिना जाता है। शोध की मानें, तो बच्चों के दांतों की सड़न मुख्य रूप से जंक फूड जैसे कि कैंडी, चॉकलेट, चिप्स, बिस्कुट व चीनी युक्त पेय पदार्थ के सेवन के कारण हो सकती है। बच्चे घर का बना हुआ खाना खाने की बजाय जंक फूड की ओर ज्यादा आकर्षित रहते हैं। ऐसे में उन्हें दांतों में सड़न का सामना करना पड़ता है ( 5 )।

5. हृदय रोग का जोखिम

अध्ययन की मानें, तो जंक फूड भी हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। यह धमनियों में प्लाक बनाता है, जिसकी वजह से हृदय के नीचे की ओर रक्त को पंप करते समय अधिक दबाव पड़ता है। वहीं, ऊपर की ओर हृदय में रक्त की वापसी में भी कमी होती है। इसकी वजह से हृदय को दो तरह के नुकसान हो सकते हैं। पहला हृदय में थकान और दूसरा ऑक्सीजन की आपूर्ति में नुकसान होना ( 1 )। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में हृदय रोग की समस्या को भी गिना जाता है।

6. रक्तचाप से जुड़ी समस्या

जंक फूड के नुकसान में रक्तचाप जैसी समस्या भी शामिल है। एक रिसर्च पेपर के अनुसार, जंक फूड के नियमित सेवन से शरीर में अधिक मात्रा में नमक पहुंचता है, क्योंकि फास्टफूट में नमक अधिक होता है। इससे रक्तचाप बढ़ने यानी उच्च रक्तचाप हो सकता है ( 1 )। ऐसे में उच्च रक्तचाप के जोखिम से बचने के लिए जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर ईरानी 6 से18 वर्ष की आयु के बच्चों व व्यस्कों पर किया गया रिसर्च प्रकाशित है। साल 2011-2012 में हुए इस रिसर्च के दौरान आहार में जंक फूड जैसे कि नमकीन स्नैक्स, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ और फास्ट फूड को शामिल किया गया। नतीजन जंक फूड खाने वालों में मोटापे का जोखिम बढ़ा हुआ मिला ( 6 )।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड में अधिक मात्रा में केमिकल्स जैसे कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट, फ्लेवर, कलर एडिटिव्स व प्रिजर्वेटिव मोटापे का कारण बन सकते हैं ( 1 )। इस आधार पर माना जा सकता है कि जंक फूड के नुकसान में से एक मोटापे की समस्या भी है।

8. कोलेस्ट्रॉल का स्तर

हृदय रोग व मोटापे के अलावा जंक फूड का सेवन कोलेस्ट्रॉल व लीवर को भी प्रभावित कर सकता है। रिसर्च में इस बात का जिक्र मौजूद है कि जंक फूड के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, जिससे लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है ( 1 )। अन्य रिसर्च पेपर में भी साफ तौर पर लिखा है कि जंक फूड से दूर रहना कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने का अच्छा तरीका है ( 3 )। इसी वजह से जंक फूड के नुकसान में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना भी शामिल है।

9. मधुमेह का जोखिम

जंक फूड के नुकसान में मधुमेह की समस्या भी शामिल है। मधुमेह एक क्रोनिक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है, जो हाइपरग्लेसेमिया, ग्लाइकोसुरिया, हाइपरलिपीमिया, नकारात्मक नाइट्रोजन संतुलन और कई बार केटोनीमिया (चयापचय विकार) का कारण बनता है। गौर हो कि डायबिटीज मेलिटस टाइप 1 और टाइप 2, इन दो प्रकार का होता है। जंक फूड के सेवन से 90% से अधिक मामले टाइप 2 मधुमेह के हो सकते हैं ( 1 )। इस आधार पर मान सकते हैं कि फास्ट फूड के सेवन से मधुमेह का जोखिम भी बढ़ता है।

लेख में आगे बढ़ते हुए कुछ अन्य फास्ट फूड के नुकसान पर नजर डालते हैं।

फास्ट फूड के अन्य नुकसान – Other Side Effects of Fast Food in Hindi

ऊपर विस्तार से बताए गए दुष्प्रभावों के अलावा भी जंक फूड के नुकसान में कई अन्य परेशानियां शामिल हैं। आइए, उनके बारे में नीचे जानते हैं ( 1 )।

  • जंक फूड आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन और फाइबर प्रदान नहीं करते हैं, जिसकी वजह से इसकी अधिकता होने पर ऊर्जा में कमी महसूस हो सकती है।
  • पोषक तत्व कम होने के कारण इसका अधिक सेवन करने से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है।
  • जंक फूड के सेवन से ध्यान केंद्रित करने यानी एकाग्रता में समस्या हो सकती है।
  • जंक फूड के नुकसान में अस्थमा की समस्या भी शामिल है। यह क्रॉनिक पल्मोनरी ऑब्सट्रक्टिव डिसऑर्डर है, जो आर्टिफिशल स्वाद और रंग वाले एजेंट के कारण होती है और जंक फूड में यह प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
  • बचपन में जंक फूड का सेवन करने से व्यवहार संबंधी समस्या जैसे कि अति सक्रियता, आक्रामकता आदि की समस्या हो सकती है।
  • जंक फूड के नुकसान में मानसिक विकार भी शामिल हैं। इसके अधिक सेवन से आलस महसूस करना, डिस्लेक्सिया, एकाग्रता में कमी की समस्या हो सकती है।

फास्ट फूड खाना कभी भी सही नहीं माना गया है। बावजूद इसके लोग इसका सेवन लगातार करते हैं। अब दोबारा इसके सेवन से पहले लेख में बताए गए फास्ट फूड खाने के नुकसान पर जरूर गौर करें। भले ही स्वाद में जंक फूड अच्छा हो, लेकिन जंक फूड खाने के नुकसान कई हैं। खाने का कभी मन भी हो, तो इसकी मात्रा एकदम सीमित रखें। वैसे हमेशा जंक फूड के बजाय पौष्टिक आहार को ही तवज्जो दें, क्योंकि आज की सतर्कता, कल के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान से बचा सकती है।

अक्सर पूछे जाने सवाल

क्या जंक फूड दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है?

हां, शोध की मानें, तो खराब आहार जैसे जंक फूड का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालकर विशेष रूप से स्मृति कार्यों को हानि पहुंचा सकता है ( 3 )।

जंक फूड डिप्रेशन का कारण कैसे बन सकता है?

ईरानी बच्चों और व्यस्कों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जंक फूड से कई तरह की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें अवसाद यानी डिप्रेशन भी शामिल है ( 5 )। इसकी वजह कुछ और नहीं, बल्कि इसमें मौजूद केमिकल और हानिकरक तत्व हैं। साथ ही, इसमें पौष्टिक तत्व होते ही नहीं हैं, जिस वजह से अवसाद का जोखिम बढ़ जाता है ( 3 )।

जंक फूड मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

शोध की मानें, तो जंक फूड के सेवन से बच्चों व किशोरों में मानसिक परेशानी और हिंसक व्यवहार का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वस्थ आहार का सेवन प्रभावकारी हो सकता है ( 5 )।

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  • JUNK FOOD: IMPACT ON HEALTH https://www.researchgate.net/publication/308384822_JUNK_FOOD_IMPACT_ON_HEALTH
  • Fast Food Consumption Among Adults in the United States 2013–2016 https://www.cdc.gov/nchs/products/databriefs/db322.htm
  • Fast Food Addiction: A Major Public Health Issue https://www.opensciencepublications.com/wp-content/uploads/IJN-2395-2326-6-206.pdf
  • Dietary intervention in acne https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3408989/
  • Association of junk food consumption with high blood pressure and obesity in Iranian children and adolescents: the CASPIAN-IV Study https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25449791/

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जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food

जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi: जंक फूड बहुत हानिकारक है जो धीरे-धीरे वर्तमान पीढ़ी के स्वास्थ्य को दूर कर रहा है । यह शब्द ही बताता है कि यह हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका स्वाद इतना अच्छा होता है कि लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं। हालांकि, जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं फैली है।

जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi

समस्या आपके विचार से अधिक गंभीर है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इनमें कैलोरी, वसा और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके विपरीत, उनके पास बहुत कम मात्रा में स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं और आहार फाइबर की कमी होती है । माता-पिता को अपने बच्चों को जंक फूड का सेवन करने से हतोत्साहित करना चाहिए क्योंकि इससे किसी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

Harmful Effects of Junk Food

जंक फूड का प्रभाव

अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के लिए जंक फूड सबसे आसान तरीका है। भोजन में वसा और चीनी की मात्रा आपको तेजी से वजन बढ़ाती है। हालांकि, यह एक स्वस्थ वजन नहीं है। यह वसा और कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा है जिसका आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। आजकल मोटापा बढ़ने का एक मुख्य कारण जंक फूड भी है।

यह भोजन केवल अच्छा दिखता है और अच्छा लगता है, इसके अलावा, इसका कोई सकारात्मक बिंदु नहीं है। आपके शरीर को फिट रहने के लिए जितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है वह इस भोजन से पूरी नहीं होती है। उदाहरण के लिए, फ्रेंच फ्राइज़, बर्गर, कैंडी और कुकीज़ जैसे खाद्य पदार्थ, सभी में उच्च मात्रा में चीनी और वसा होते हैं। इसलिए, इससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ हो सकती हैं। इससे किडनी फेल भी हो सकती है।

इन सबसे ऊपर, आप आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, खनिजों और अधिक का उपभोग नहीं करने पर विभिन्न पोषण संबंधी कमियां प्राप्त कर सकते हैं। ख़राब कोलेस्ट्रॉल और फैट प्लस सोडियम के सेवन से आपको हृदय रोगों का खतरा हो जाता है। दूसरे शब्दों में, यह सब आपके दिल के कामकाज में हस्तक्षेप करता है।

इसके अलावा, जंक फूड में कार्बोहाइड्रेट का उच्च स्तर होता है। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा देगा। यह सुस्ती, निष्क्रियता और नींद में परिणाम देगा। एक व्यक्ति पलटा सुस्त हो जाता है और वे एक निष्क्रिय जीवन जीते हैं। चीजों को बदतर बनाने के लिए, जंक फूड आपकी धमनियों को भी बंद कर देता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देता है। इसलिए, अपने जीवन को बर्बाद होने से बचाने के लिए इसे पहली बार में टालना चाहिए।

जंक फूड से बचने के तरीके

जंक फूड के साथ मुख्य समस्या यह है कि लोगों को अब इसके बुरे प्रभावों का एहसास नहीं है। जब समय आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, मुद्दा यह है कि यह आपको तुरंत प्रभावित नहीं करता है। यह आपके ओवरटाइम पर काम करता है; आप जल्दी या बाद में परिणाम का सामना करेंगे। इस प्रकार, अब रोकना बेहतर है।

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आप अपने बच्चों को कम उम्र से हरी सब्जियां खाने के लिए प्रोत्साहित करके जंक फूड से बच सकते हैं। उनकी स्वाद की कलियों को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए कि वे स्वस्थ भोजन स्वादिष्ट लगें। इसके अलावा, चीजों को मिलाने की कोशिश करें। रोज एक ही हरी सब्जी को एक ही स्टाइल में न परोसें। विभिन्न व्यंजनों का पालन करते हुए विभिन्न प्रकार के स्वस्थ भोजन को अपने आहार में शामिल करें। यह उन्हें जंक फूड के प्रति आकर्षित होने के बजाय घर पर खाद्य पदार्थों की कोशिश करने में मदद करेगा।

संक्षेप में, उन्हें पूरी तरह से इससे वंचित न करें क्योंकि इससे मदद नहीं मिलेगी। बच्चों के पास इसे पाने का एक तरीका या दूसरा तरीका होगा। सुनिश्चित करें कि आप उन्हें जंक फूड सीमित मात्रा में और स्वस्थ समय पर दें।

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi)

फ़ास्ट फ़ूड, जंक फूड पर निबंध (Fast Food, Junk Food Essay In Hindi)

आज   हम जंक फूड पर निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) लिखेंगे। जंक फूड पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

जंक फूड पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

फ़ास्ट फ़ूड / जंक फूड पर निबंध (Fast Food / Junk Food Essay In Hindi)

आजकल लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है। आजकल सभी लोग जंक फूड खाना पसंद करते है। लोगो को दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी खाना पसंद नहीं है। लोग पौष्टिक आहारों की अवहेलना कर जंक फूड खाना पसंद करते है। जंक फूड खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाईनीज़ खाना इस तरह का भोजन लोग रेस्टोरेंट और होटलो में खाते है। दिन प्रतिदिन जंक फूड खाने की मांग बढ़ती जा रही है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर इसी तरह से लोग जंक फूड का सेवन करते रहे, तो वह अच्छी सेहत के साथ जिन्दगी नहीं बीता पाएंगे।

कभी कभी खाना ठीक है, लेकिन प्रतिदिन जंक फूड के प्रति जो लोगो का पागलपन है, वह ठीक नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाना ज़रूरी होता है। बच्चे हो या बड़े सभी को जंक फूड बेहद पसंद है। स्वास्थ्य की दृष्टि से जंक फूड बिलकुल अच्छा नहीं है।

लगातार जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। ह्रदय रोग, कैंसर, रक्त चाप की समस्या, हड्डी से संबंधित समस्याएं, समय से अधिक उम्र का लगना, लीवर से जुड़ी बीमारियां, मधुमेह और पाचन तंत्र की समस्या इत्यादि बीमारियां जंक फूड को निरंतर खाने से होती है।

अस्वस्थ वसा

जंक फूड में अस्वस्थ वसा होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की गिरावट होती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से ह्रदय में सुचारु रूप से रक्त संचार नहीं हो पाता है।

जंक फूड के प्रति बच्चो में जागरूकता

युवा अवस्था से ही व्यक्ति को संतुलित आहार खाना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा भी जंक फूड के आदि बनते जा रहे है। बच्चो को खासकर यह समझाने की ज़रूरत है कि जंक फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।

अभिभावकों को लेनी पड़ेगी जिम्मेदारी

माता पिता को हमेशा बच्चो के खाने के प्रति ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित भोजन बच्चो को ज़्यादा खिलाना चाहिए। अभिभावकों को जंक फूड खाने से जो नुकसान होता है, उसके विषय में अपने बच्चो को समझाना चाहिए। उन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जंक फूड के बीच के अंतर के विषय में समझाना चाहिए। जंक फूड कभी कभी खाने से ज़्यादा कुछ नहीं होता है। मगर जंक फूड को अपनी आदत बना लेना गलत है।

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है। जंक फूड में चीनी, नमक और खराब फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जंक फूड में अत्याधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

जंक फूड ज़्यादा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं होती है। ज़्यादा जंक फूड खाने से हाइपर टेंशन और टाइफाइड जैसे रोग होने की सम्भावना बन जाती है। बच्चे और युवा वर्ग इतना अधिक जंक फूड खाते है की जिसकी वजह से वह डाइबिटीज जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।

लोगो को नहीं मिलता है खाना बनाने का समय

जंक फूड या फिर फ़ास्ट फूड का स्वाद लज़ीज़ और अच्छा होता है, इसलिए जंक फूड और फ़ास्ट फूड अन्य देशो में भी लोकप्रिय है। आजकल लोग उन्नति के पीछे भाग रहे है और घंटो दफ्तर में व्यस्त रहते है और उन्हें खाना बनाने का वक़्त नहीं मिलता है, इसलिए लोग रेडीमेड फ़ास्ट फूड खाना ज़्यादा पसंद करते है। खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए वह जंक फूड खाना पसंद करते है।

रक्तचाप की वृद्धि

जंक फूड में अधिक मात्रा में कार्बोहायड्रेट होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है। ऐसा खाना रोज़ खाने से शरीर में सुस्ती आती है। लोग आलस महसूस करते है। अक्सर जंक फूड खाने से लोग बीमारियों से पीड़ित रहते है। अत्याधिक जंक फूड और फ़ास्ट फूड खाने से नींद ज़्यादा आती है और लोग सक्रीय नहीं रह पाते है। लोग बीमारियों से ग्रस्त हो जाते और काम में मन नहीं लगा पाते है।

दुनिया में जंक फूड और फ़ास्ट फूड की मांग

जिस तरह जंक फूड की मांग बढ़ रही है, उससे देशवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग चाहते है कि वह कम समय में अपना भोजन समाप्त कर ले और वह भोजन स्वादिष्ट हो। इसलिए जंक फूड के प्रति लोगो में क्रेज देखा जा सकता है।

लोग पार्टियों में, जन्मदिन में जंक फूड खाते है। शादियों में अक्सर लोग कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, बर्गर इत्यादि का मज़ा लेते है और अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है। जंक फूड सस्ता और स्वादिष्ट होता है और यही वजह है की लोग जंक फूड के दीवाने है। जंक फूड में कोई पौष्टिक तत्व नहीं होते है।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड से उत्पन्न समस्याएं

जंक फूड खाने से नींद की समस्या होती है। जंक फूड खाने से लोगो में एकाग्रता की कमी रहती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से मोटापा और ह्रदय से संबंधित समस्याए हो रही है। जंक फूड में बहुत तेल और चीनी अधिक मात्रा में होती है। जंक फूड को जल्दी पचाया नहीं जा सकता है। इससे मनुष्य के शरीर को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, जिससे जंक फूड खाने वाले लोगो को कब्ज़ की समस्या होती है। जंक फूड में कैलोरीज की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।

एक बड़ा प्रश्न

जंक फूड के खामियों को जानकर भी लोग इसे खाना पसंद करते है। ज़्यादातर लोगो को इसकी आदत हो चुकी है। आखिर क्यों लोग ऐसा कर रहे है। इसकी वजह है जंक फूड बहुत स्वादिष्ट और कम दाम में उपलब्ध हो जाता है। अक्सर गली नुक्कड़ में लोग फ़ास्ट फूड जैसे चाऊमीन इत्यादि चीनी खाना खाते हुए नज़र आएंगे।

घर पर बनी पौष्टिक दाल, सब्ज़ी, रोटी और दूध जैसे आहारों से लोग ऊब जाते है और जंक फूड पर निर्भर हो जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते है। हमे खुद इस आदत पर अंकुश लगाना चाहिए और अच्छा घर का पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड हमारे सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। अगर जंक फूड को हम इसी तरह से रोज़ाना खाते रहे, तो यह हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा। मनुष्य को स्वस्थ जीवन चाहिए तो जंक फूड का परहेज करना होगा। स्वस्थ जीवन जीने से मनुष्य हर कार्य कर सकता है और एक सुखद जीवन जी सकता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • योग पर निबंध (Yoga Essay In Hindi)
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तो यह था जंक फूड   पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि फ़ास्ट फूड और जंक फूड पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Junk Food / Fast Food) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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    जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ...

  3. Essay on "Fast Food" In Hindi

    Essay on "Fast Food" आज का जीवन तेज हो गया है और जीवनशैली में बदलाव ने लोगों को आसानी से बनने वाले भोजन और खाद्य पदार्थों का आदी बना दिया है। फास्ट फूड ऐसे खाद्य ...

  4. जंक फूड खाने के नुकसान

    जंक फूड खाने के नुकसान - Fast Food Khane ke Nuksan in hindi. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी और कैलोरी, वसा व चीनी की अधिकता होती है ...

  5. जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध

    जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध - Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi. समस्या आपके विचार से अधिक गंभीर है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड हमारे स्वास्थ्य को ...

  6. Essay on Fast Food for Students and Children in English

    10 Lines on Fast Food Essay in English. 1. The fast-food industry is a multibillion-dollar industry. 2. In the year 2018, the fast-food industry was estimated to have a worth of $570 billion daily. 3. Fast food restaurants traditionally have drive-thrus for serving food to their customers. 4.

  7. Essays on Disadvantages Of Fast Food In Hindi Language

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